वर्तमान समय तकनिकी का हैं जहां संगीत सुनने या फोन पर बात करने के लिए हेडफोन और ईयरफोन का इस्तेमाल किया जाता हैं। खासतौर से इस कोरोना काल में बच्चे क्लास लेते समय या ऑफिस की मीटिंग में भी लोग इन्हीं का इस्तेमाल करते हैं। कहते हैं ना की किसी भी चीज की अती नुकसानदायक होती हैं, ऐसा ही कुछ इनके साथ भी हैं। हेडफोन और ईयरफोन का अधिक इस्तेमाल कान के साथ ही कई अन्य तरीकों से शरीर को नुकसान पहुंचाने का काम करता हैं। आइये जानते हैं इसके बारे में।
कान का सुन्न होनाकान, नाक और गला विशेषज्ञों के अनुसार, बेशक ईयरफोन और हेडफोन के इस्तेमाल से अनचाही आवाज़ें सुनाई नहीं देती, लेकिन रोज़ाना कई-कई घंटों तक ईयरफोन और हेडफोन का बहुत अधिक इस्तेमाल करने पर कान सुन्न होने की संभावना बढ़ जाती है। कान के अंदर मौजूद नाजुक कोशिकाएं दिमाग तक ध्वनि पहुंचाने का काम करती हैं। जब ईयरफोन त्वचा के माध्यम से इन कोशिकाओं को छूता है, तो इनके क्षतिग्रस्त होने की आशंका बढ़ जाती है।
एकाग्रता में कमीशोधकर्ताओं के अनुसार, हेडफोन और ईयरफोन पर तेज़ आवाज में संगीत सुनने के साथ-साथ पढाई करने से एकाग्रता में कमी आती है। क्योंकि तेज़ आवाज़ों की वाइब्रेशन सुनने में अच्छी लगती हैं, लेकिन इन तेज़ वाइब्रेशन से धीरे-धीरे एकाग्रता में कमी आने लगती है। जरुरी नहीं कि हमेशा दिमाग़ दो चीज़ों पर एक साथ फोकस करे। धीरे-धीरे तेज़ आवाज़ों के कारण लोगों की एकाग्रता में कमी आने आती है। अध्ययन से यह बात भी साबित हुई है कि शोर-शराबे वातावरण में पढाई करने पर बच्चों की एकाग्रता में कमी आती है।
कान का परदा फटनाहेडफोन और ईयरफोन के ज्यादा, लगातार और ऊंची आवाज़ में उपयोग करने पर कान के पर परदों को बुरा प्रभाव पड़ता है। क्योंकि तेज़ और ऊंची आवाज़ से कान के परदे लगातार वाइब्रेट होते रहते हैं, जिसकी वजह से कान के परदे फटने का खतरा बढ़ जाता है। यदि आप लगातार ईयरफोन और हेडफोन का उपयोग करते हैं, तो ऐसा करने से आपका कान कम दूरी की आवाज़ सुनने का आदी हो जाएगा और आपको अधिक दूरीवाली आवाज़ों को बिना ईयरफोन या हेडफोन के सुनने में परेशानी होगी।
दिमाग़ पर बुरा असरहेडफोन और ईयरफोन से सिर्फ़ कानों पर बुरा असर नहीं पड़ता, बल्कि दिमाग़ पर भी बुरा असर पड़ता है। इनके इस्तेमाल से उत्पन्न विद्युत चुम्बकीय तरंगों दिमाग़ के लिए हानिकारक होती हैं। इसके अलावा मस्तिष्क और कान की अंदरूनी संरचना आपस में जुडी होती हैं, इसलिए अगर कान में किसी तरह का गंभीर संक्रमण या क्षति होती है, तो दिमाग़ इसका बुरा असर पड़ता है
चक्कर आनाहेडफोन और ईयरफोन के अधिक इस्तेमाल से कब चक्कर आने शुरू हो जाते हैं, लोगों को इस बात का अहसास तक नहीं होता। इनकी तेज़ आवाज़ों के कारण ईयर कैनाल में दबाव बढ़ता है जिसके कारण चक्कर भी आ सकते हैं।
कान में दर्द होनाकान में दर्द होने की वजह संक्रमण के अलावा ईयरफोन और हेडसेट की खराब फिटिंग ही हो सकती है। इनकी फिटिंग सही न होने के कारण कान के आसपास के जबड़े से लेकर सिर के ऊपर तक दर्द होता है और कभी-कभी तो यह दर्द कान के अंदरूनी हिस्से तक पहुंच जाता है।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। lifeberrys हिंदी इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले विशेषज्ञ से संपर्क जरुर करें।)