प्रेगनेंसी अर्थात गर्भावस्था किसी भी महिला के जीवन का अनमोल हिस्सा हैं जिसमें महिलाओं को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता हैं। इन दिनों में महिलाओं के सामने शारीरिक और मानसिक दोनों परेशानियां आती हैं जिनका डटकर सामना करते हुए अपनी और बच्चे की सेहत बेहतर बनाने के प्रयास करने होते हैं। खासतौर से इन दिनों में महिलाओं को चिंता होती हैं कि उनकी डिलीवरी नॉर्मल होगी या सिजेरियन। ऐसे में आपकी ये चिंता दूर कर सकती हैं कुछ एक्सरसाइज। अगर आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करती हैं तो आपके साथ-साथ होने वाले बच्चे के लिए भी यह कई तरह से फायदेमंद हो सकता है। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि कौनसी एक्सरसाइज गर्भावस्था की चुनौतियों का सामना करने में आपकी मदद करेगी। आइये जानते हैं इनके बारे में...
वॉक करेंप्रेगनेंसी के दौरान वॉक को बेस्ट एक्सरसाइज माना जाता है। इस एक्सरसाइज को करने के लिए आपको किसी तरह की मशीन की जरूरत नहीं होती है। माना जाता है कि प्रेगनेंसी के दौरान पैदल चलने से बच्चे को गर्भाशय के नीचे वाले हिस्से में जाने में मदद मिलती है। वॉक एक कार्डियोवस्कुलर एक्सरसाइज है, जो शरीर को प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली मॉर्निंग सिकनेस, कब्ज और उल्टी जैसी चीजों से भी राहत दिलाता है।
स्वीमिंगस्वीमिंग और वॉटर ऐरोबिक्स प्रेग्नेंसी के लिए परफेक्ट वर्कआउट है। इसलिए क्योंकि पानी में आपका वजन, जमीन पर आपके वजन से कम हो जाता है और आप अपने शरीर में हल्का महसूस करने लगती हैं। साथ ही साथ स्वीमिंग पूल में जाकर जी मिचलाना, चक्ककर आना, पैरों में होने वाली सूजन इस तरह की सारी दिक्कतें कम हो जाती हैं। हालांकि स्वीमिंग पूल के आसपास का हिस्सा स्लिपरी यानी फिसलन वाला होता है लिहाजा चलने के दौरान सावधानी बरतें।
बटरफ्लाई एक्सरसाइजयह एक तरह का योगासन है जो काफी सिंपल है, जिसे प्रेगनेंसी में कोई भी महिला आसानी से कर सकती है। बटरफ्लाई एक्सरसाइज करने से सिर्फ डिलीवरी से संबंधित प्रॉब्लम ही नहीं सुलझती बल्कि स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से भी राहत मिल सकती है। प्रेगनेंसी के दौरान अगर आप ज्यादा तनाव महसूस कर रही हैं तो भी यह एक्सरसाइज आपकी मदद कर सकती है। इस एक्सरसाइज को करते वक्त ध्यान दें कि इसे सुबह या शाम को ही करें। दिन में लंच या डिनर के बाद बटरफ्लाई एक्सरसाइज करने से तबीयत बिगड़ सकती है।
कीगल एक्सरसाइजप्रेगनेंसी के सातवें महीने से इस एक्सरसाइज को करने से मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद मिलती है, जिससे डिलीवरी काफी आसान हो जाती है। जिन महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान कमर या पीठ में दर्द होता है उनके लिए यह एक्सरसाइज काफी फायदेमंद मानी जाती है।
ऐरोबिक्स या जुम्बा
लो इम्पैक्ट ऐरोबिक्स या लाइट जुम्बा भी आपके हार्ट रेट को बढ़ाने में मददगार है और इसे आप प्रेग्नेंसी के दौरान कर सकती हैं। हालांकि किसी भी ऐसी ऐक्टिविटी को बिलकुल न करें जिसमें बहुत ज्यादा बॉडी को बैलेंस करने की जरूरत हो। इसके अलावा कूदने और जंप करने से बचें और हाई इम्पैक्ट मूवमेंट न करें। अपने शरीर की सुनें और खुद को ज्यादा एग्जॉस्ट करने से बचें।
डीप स्क्वाट्सप्रेगनेंसी में यह एक्सरसाइज करने से पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को काफी आराम मिलता है। नियमित तौर पर डीप स्क्वाट्स किए जाएं तो यह पेरिनेम को फैलाने में मदद करते है। जिन महिलाओं के पेरिनेम काफी हार्ड होते हैं उन्हें फिजियो थेरेपिस्ट यही एक्सरसाइज करने की सलाह देते है। हालांकि एक दिन में आपको कितने डीप स्क्वैटस करने चाहिए ताकि डिलीवरी में मदद मिले इसके लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
प्रेग्नेंसी में कब नहीं करनी चाहिए एक्सरसाइज- फेफड़ों एवं हार्ट से जुड़ी कुछ प्रकार की बीमारियां होने पर।
- गर्भाशय ग्रीवा की अपर्याप्तता होने पर।
- जुड़वा या दो से ज्यादा बच्चे होने पर नौ महीने से पहले डिलीवरी होने का जोखिम बनने पर।
- प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही और गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में लगातार ब्लीडिंग होने पर।
- प्रेग्नेंसी के 26वे हफ्ते के बाद प्लेसेंटा प्रीविया होने पर।
- प्रीक्लैंप्सिया या जेस्टेशनल हाइपरटेंशन की स्थिति में।
- गंभीर रूप से एनीमिया होने पर।