वजाइना के ढीलेपन को करें दूर, ये 3 असरदार एक्सरसाइज करेगी आपकी मदद

महिला शरीर में प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के बाद कई शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण बदलाव वजाइना का ढीला होना है, जिससे महिला की न केवल सेक्स लाइफ बल्कि बार-बार होने वाले इंफेक्शंस और शारीरिक सेहत पर भी असर पड़ता है। हालांकि, इस समस्या को ठीक करने के लिए महिलाएं 3 विशेष पैल्विक स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज करके वजाइना को फिर से कस सकती हैं। ये एक्सरसाइज खासकर उन महिलाओं के लिए प्रभावी हैं, जो प्रसव, उम्र बढ़ने या अन्य कारणों से योनि की मांसपेशियों में ढीलापन महसूस करती हैं।

वजाइना के ढीले होने के कारण:


नॉर्मल डिलीवरी के दौरान वजाइना के आसपास की मांसपेशियों पर खिंचाव आता है, जिससे वजाइना की कसावट कम हो जाती है। अगर डिलीवरी के बाद महिला अपनी मांसपेशियों का ध्यान नहीं रखती तो वे वापस अपनी स्थिति में नहीं आ पाती। इसके अलावा, बढ़ती उम्र में एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी और बार-बार यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन भी वजाइना के ढीले होने का कारण बन सकते हैं।

वजाइना में नेचुरल कसाव लाने के लिए 3 एक्सरसाइज:

कीगल एक्सरसाइज:

कीगल एक्सरसाइज करने के लिए पहले अपनी पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों को पहचानें। ऐसा करने के लिए पेशाब करते वक्त बीच में रुकने की कोशिश करें। जिन मांसपेशियों का आप उपयोग करते हैं, वही पेल्विक फ्लोर मांसपेशियां हैं। अब, खाली मूत्राशय के साथ, इन मांसपेशियों को 5-10 सेकंड तक सिकोड़ें और फिर 5-10 सेकंड के लिए आराम दें। इस प्रक्रिया को 10-15 बार दोहराएं और दिन में 2-3 बार करें। नियमित रूप से इस एक्सरसाइज को करने से पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, जिससे यूरिन लीक की समस्या कम होती है, यौन उत्तेजना बढ़ती है, और महिलाओं का शरीर मेनोपॉज के लिए भी तैयार होता है।

स्क्वाट्स:


स्क्वाट्स करने के लिए पैरों को कंधे की चौड़ाई जितना खोलकर नीचे की ओर झुकें, जैसे कि आप कुर्सी पर बैठ रही हों, फिर वापस ऊपर उठें। इस एक्सरसाइज के 15 के 2-3 सेट करें। स्क्वाट्स पेल्विक फ्लोर और निचले शरीर की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करते हैं।

ब्रिज एक्सरसाइज:

ब्रिज एक्सरसाइज करने के लिए पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़ें और पैरों को जमीन पर रखें। अब धीरे-धीरे अपने कूल्हों को पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए ऊपर उठाएं। 5-10 सेकेंड तक रुकें, फिर धीरे-धीरे नीचे आएं। यह प्रक्रिया 12 के 2 सेट करें। इस एक्सरसाइज से पेल्विक फ्लोर और ग्लूट्स मांसपेशियां मजबूत होती हैं, और यह हिप्स और निचले शरीर को टोन करने में मदद करती है, जिससे शरीर का पोस्ट्चर भी सुधरता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।