कोरोनाकाल में लॉकडाउन के बाद से ही बढ़ा हव वजन कई लोगों की समस्या बन चुका हैं जिससे छुटकारा पाना बहुत जरूरी हैं क्योंकि यह अन्य बीमारियों के आगमन का कारण बनता है। ऐसे में वजन कम करने के लिए लोग जिम में खूब पसीना बहाते हैं। एक्सरसाइज के अलावा डाइट करते हैं। लेकिन जब देखते हैं कि इतना असर नहीं हो रहा हैं तो आलस के कारण वजन कम करने की कोशिश ही छोड़ देते हैं। ऐसे में आपको जरूरत हैं ऐसे तरीकों की जो कम मेहनत में आपका काम आसान कर दें। ऐसे में आप चाहे तो अपने डेली वर्कआउट में कुछ आसन को शामिल कर सकते हैं जो चर्बी घटाने में आपकी मदद करेंगे। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे ही आसन की जानकारी देने जा रहे हैं।
सूर्य नमस्कार
योगा का ये आसन सबसे प्रसिद्ध है। सूर्य नमस्कार का मतलब होता है, सूरज का अभिवादन करना। इस योगासन में 12 योग मुद्राओं को शामिल किया गया है। ये योगासन पूरे शरीर के लिए फायदेमंद होता है। सूर्य नमस्कार को 10 से 15 मिनट तक करना काफी होता है। इसमें शरीर की पानी की मात्रा संतुलित रहती है और अनावश्यक तत्व बाहर निकल जाते हैं। इस आसन से शरीर के लगभग हर अंग की कसरत हो जाती है।
चक्रासन
अगर आप पेट की चर्बी से हैं परेशान तो चक्रासन आपके लिए एक बेहतरीन योगाभ्यास है। इस आसन में इतनी क्षमता है की यह आपके पेट की चर्बी को कम कराते हुए इसे फ्लैट कर दे। चक्रासन योग पीठ के बल लेट कर किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण योगाभ्यास है। चक्रासन दो शब्द मिलकर बना है -चक्र का अर्थ पहिया होता है और आसन से मतलब है योग मुद्रा। इस आसन की अंतिम मुद्रा में शरीर पहिये की आकृति का लगता है इसलिए यह नाम दिया गया है।
त्रिकोणासन
इस योगासन में अपने दोनों पैरों को फैलाकर हाथों को बाहर की ओर खोलते हैं। फिर सीधे हाथ को धीरे-धीरे नीचे की तरफ सीधे पैर की ओर लाते हैं। अब कमर को नीचे की ओर करते हुए नीचे देखना होता है। इसके बाद सीधी हथेली को जमीन पर रखते हैं। वहीं उल्टे उल्टे हाथ को ऊपर की ओर ले जाते हैं। यह प्रक्रिया दूसरी तरफ से भी दोहराई जाती है।
भुजंग आसन
सबसे पहले अपने पेट के बल से लेट जाएं। अब अपने हथेलियों को अपने कंधे की सीध में ले कर आएं। इस दौरान अपने दोनों पांवों के बीच की दूरी को कम करें साथ ही पांव को सीधा तथा तना हुआ रखें। अब सांस भरते हुए बॉडी के अगले हिस्से को नाभि तक उठाएं। इस दौरान ध्यान रखें कि अपनी कमर के ऊपर ज्यादा स्ट्रेच न आ पाए। अपनी क्षमता अनुसार अपनी इस अवस्था को बना कर रखें। योग का अभ्यास करते समय धीमे धीमे सांस भरें और फिर छोड़ें। शुरुआती मुद्रा में वापस आते समय एक गहरी सांस को छोड़ते हुए वापसी करें। इस तरह इस आसन का एक पूरा चक्र खत्म हुआ। इसे आप अपनी क्षमता अनुसार दोहराएं।
वीरभद्रासन
वीरभद्रासन को योद्धा मुद्रा कहते हैं। इस आसन में आपकी पोजीशन पहाड़ों पर जाने वाली मुद्रा के जैसी होती है। इसमें अपने पैर को पीछे की ओर खींचते हुए दूसरे पैर को आगे कूदने की पोजीशन में बना लें। फिर हाथों को जोड़कर सिर को ऊपर तक से जाएं। अब अपने हाथ को छाती के सामने ले जाते हुए खींचे हुए पैरों को सीधा कर लें। फिर दूसरे पैर को अभी भी 90 डिग्री पर रखें और दोनों हाथों को खींचकर बाहर की तरफ फैला लें।
पादहस्तासन
पादहस्तासन के लिए आपको सीधे खड़े होने की जरूरत है। अपने कूल्हों से झुके और अपनी अंगुलियों के साथ अफने पैरों को स्पर्श करें। अपने पैरों के नीचे अपने हाथों को रखने की कोशिश करें। कुछ सेकेंड के लिए ऐसे ही रहें और फिर इन्हें मुक्त कर दें। नीचे की ओर झुकने पर पेट पर दबाव पड़ता है जिससे आपका पेट टोन होता है।
पूर्वोत्तनासन
इस आसन को करने के लिए पैरों पर बैठकर उन्हें आगे की ओर खींचें। अब अपने हाथों को हिप्स के पीछे ले जाएं और पैरों की तरफ करें। फिर पैरों से शरीर को ऊपर की तरफ उठाएं और सिर को पीछे की तरफ ले जाने की कोशिश करें। यह पोजिसन पुश-अप करने की मुद्रा का ठीक उल्टी होती है। यह आसन से आपकी पीठ, कंधों, हाथ, रीढ़ की हड्डी, कलाई और जंग लगी मांसपेशियों के लिए अच्छा है।
हलासन
हलासन हलासन में शरीर को हल की मुद्रा में रखा जाता है। इस आसन के लिए शरीर का लचीला होना बहुत आवश्यक होता है। फर्श पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को भी बिल्कुल आराम की मुद्रा में जमीन पर सीधे रखें। लंबी सांस लेते हुए पेट की मांसपेशियों के सहारे अपने पैरों को फर्श से ऊपर उठाएं और दोनों पैरों को 90 अंश के कोण पर खड़े रखें। सामान्य रूप से लगातार सांस लेते हुए अपने कूल्हों और पीठ को हाथ की सहायता से फर्श से ऊपर उठाएं। अब अपने पैरों को सिर के ऊपर से ले जाते हुए 180 डिग्री के कोण पर मोड़े जब तक कि आपके पैरों की उंगलियां फर्श से नहीं छू जाती