किसी भी महिला के लिए प्रेगनेंसी का समय बहुत अनमोल होता हैं, क्योंकि वह एक नए जीवन को जन्म देने वाली होती हैं। ऐसे समय में महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का बहुत ध्यान रखने की जरूरत होती हैं और इसी के साथ ही एक्सरसाइज की भी जरूरत होती हैं। लेकिन डर के कारण से गर्भवती महिला एक्सरसाइज नहीं कर पाती हैं। इसलिए आज हम आपके लिए कुछ ऐसी एक्सरसाइज लेकर आए हैं जो गर्भावस्था में करने के लिए सुरक्षित हैं और यह मां और बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। तो आइये जानते हैं सुरक्षित एक्सरसाइज के बारे में।
* डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइजजमीन पर सीधे बैठें और लंबी-गहरी सांस लें। रिलैक्स रहें। नाक से सांस भीतर भरें और 3-5 सेकंड तक इसे होल्ड रखें। मुंह के जरिये सांस छोड़ें। इस प्रक्रिया को 8 से 10 बार तक दोहराएं, इसके बाद ही कोई व्यायाम शुरू करें। जब भी कभी थकान या घबराहट महसूस हो, इसी प्रक्रिया को दोहराएं।
* बॉडी स्ट्रेचिंग
सीधी खड़ी हो जाएं और अपने हाथों को ऊपर की ओर ले जाते हुए सांस भीतर खींचें। अब हाथों को नीचे करते हुए धीरे-धीरे सांस बाहर छोड़ें। इस प्रक्रिया को 6-7 बार तक दोहराएं।
* नेक स्ट्रेचिंगगर्दन को धीरे-धीरे दायीं ओर ले जाएं, 5-7 सेकंड रुकें और फिर वापस ले आएं। अब गर्दन को बायीं ओर ले जाएं, कुछ सेकंड रुकें, फिर वापस सामान्य अवस्था में लौटें। इसी तरह गर्दन को ऊपर और नीचे की ओर स्ट्रेच करें।
* चेस्ट वॉल स्ट्रेचिंगइसे उसी तरह किया जाता है, जिस तरह फर्श पर पुश अप्स किए जाते हैं। किसी चौड़ी दीवार या दरवाजे की मदद से इसे करें। पंजों के बल दीवार के सामने खड़ी हों और अपनी दोनों हथेलियों को दीवार पर टिकाएं। अब अपने शरीर को दीवार की ओर पुश करें। इस क्रम में कोहनियां दीवार पर टिकाएं। ध्यान रहे कि शरीर का ऊपरी हिस्सा दीवार के बिलकुल नजदीक तक पहुंचे। कुछ देर तक इसी पोजशिन में रहें और फिर वापस सामान्य अवस्था में लौटें। इस प्रक्रिया को 8 से 10 बार रिपीट करें।
* बट ब्रिज एक्सरसाइजयह कोर स्ट्रेचिंग है। इसके लिए जमीन पर सीधे लेटें और घुटनों को मोड़ लें। धीरे-धीरे कमर को ऊपर की ओर ऐसे उठाएं कि शरीर एक ब्रिज जैसी पोजिशन में आए। कुछ सेकंड्स ऐसे रहें। धीरे-धीरे सामान्य पोजिशन में लौटें। इस प्रक्रिया को 10-15 बार तक रिपीट कर सकती हैं।
* पैरों की स्ट्रेचिंगपीठ के बल लेटें। दाहिने पैर को ऊपर की ओर 45 डिग्री का कोण बनाते हुए ले जाएं। ध्यान रखें कि पीठ या कमर ऊपर न उठे। बायें पैर को भी ऊपर की ओर ले जाएं, कुछ देर होल्ड करें। इसे खड़े होकर भी कर सकते हैं। सीधे खड़े हों। अपने सामने एक स्टूल रखें और उस पर अपना एक पैर रखें। पंजों को ऊपर-नीचे स्ट्रेच करें। दूसरे पैर से भी यही करें। पैरों को उतना ही स्ट्रेच करें कि पेट पर दबाव न पड़े।
* कीगल एक्सरसाइजइनसे पेल्विक फ्लोर मसल्स मजबूत होती हैं। डॉक्टर्स का मानना है कि प्रेग्नेंसी और प्रसव के बाद 70 प्रतिशत स्त्रियों को यूरिन कंट्रोल जैसी समस्या से जूझना पड़ता है। कीगल एक्सरसाइज से यूरिनरी पर पडऩे वाला दबाव कम होता है और प्रेग्नेंसी और प्रसव के बाद यूरिन कंट्रोल में मदद मिलती है। पीठ के बल सीधे लेट जाएं। अपने घुटनों को मोड़ लें। पंजों को एक-दूसरे से थोड़ी दूरी पर रखें। अब वजाइनल, यूरेथ्रल और एनल मसल्स को इस तरह सिकोड़ें जैसे यूरिन रोकते हुए करते हैं। इस पोजशिन में लगभग 5 सेकंड्स तक रहें और धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में लौट आएं। इस प्रक्रिया को 8 से 15 बार तक रिपीट करें। इसे दिन में 2-3 बार कर सकती हैं। इस एक्सरसाइज की अच्छी बात यह है कि इसे कहीं भी किया जा सकता है। कुर्सी पर बैठ कर, लेट कर या खड़े होकर भी इसे कर सकती हैं।