बिना किसी इलाज के ठीक हुआ HIV का मरीज, घटना ने कर दिया दुनियाभर के वैज्ञानिकों और डॉक्टर्स को हैरान,

अक्सर मेडिकल इतिहास में भी ऐसे चमत्कार देखने को मिलते हैं जो वैज्ञानिकों और डॉक्टर्स को भी हैरान कर देते हैं। ऐसा ही एक चमत्कार देखने को मिला जब HIV का एक मरीज बिना किसी इलाज के ठीक हो गया। यह तो सभी जानते हैं कि एचआईवी का संक्रमण लाइलाज हैं जिसे शरीर से पूरी तरह ख़त्म नहीं किया जा सकता हैं। हाँ, दवाइयों की मदद से इसे नियंत्रित जरूर किया जा सकता हैं। ऐसे में यह मामला बेहद चौकाने वाला हैं कि एक एचआईवी संक्रमित मरीज अपनेआप ठीक हो गया और उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता ने इस वायरस को पूरी तरह से शरीर से खत्म कर दिया।

26 अगस्त को साइंस मैगजीन नेचर में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, जब अपने आप एचआईवी के ठीक होने का मामला सामने आया तो डॉक्टरों ने सबसे पहले उस व्यक्ति के शरीर में मौजूद 150 करोड़ कोशिकाओं की जांच की, लेकिन उसके शरीर में एचआईवी के सक्रिय वायरस उन्हें नहीं मिले। इस मरीज का नाम EC2 रखा गया था।

इसी तरह एचआईवी से संक्रमित रहे एक अन्य मरीज EC1 के भी शरीर की 100 करोड़ कोशिकाओं की जांच की गई। हालांकि उसके शरीर में सिर्फ एक सक्रिय वायरस पाया गया, लेकिन वो भी आनुवांशिक रूप से निष्क्रिय है। इससे यह निष्कर्ष निकला कि एचआईवी से ठीक हुए दोनों मरीजों के शरीर का जेनेटिक्स ऐसा है कि वह एचआईवी वायरस को नष्ट कर दे रहा है। खास बात ये है कि इन दोनों ही मरीजों के शरीर में एचआईवी से होने वाले नुकसान भी नहीं देखे गए।

पूरी तरह से जांच करने के बाद वैज्ञानिकों ने EC1 और EC2 दोनों को ही एलीट कंट्रोलर्स नाम दिया है। दरअसल, एलीट कंट्रोलर्स वैसे मरीजों को कहा जाता है, जिनके शरीर में एचआईवी वायरस है, लेकिन वह पूरी तरह से निष्क्रिय है या फिर इतनी कम मात्रा में है कि वह बिना किसी इलाज और दवा के खुद-ब-खुद ठीक हो सकता है।

हालांकि वैज्ञानिक ऐसा मान कर चल रहे हैं कि हो सकता है कि EC1 और EC2 के शरीर में एचआईवी का कमजोर वायरस हो। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह जानने के लिए वैज्ञानिकों ने 64 एलीट कंट्रोलर्स मरीजों के शरीर में एचआईवी के संक्रमण का अध्ययन किया है, जिसमें यह पाया गया कि इनमें से 41 मरीज एंटीरेट्रोवायरल दवा का सेवन कर रहे थे, लेकिन EC2 ऐसा मरीज है, जिसने कोई दवा नहीं ली और उसके शरीर में एचआईवी वायरस पूरी तरह से निष्क्रिय है।

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के डेविड स्कूल ऑफ मेडिसिन में एचआईवी पर शोध करने वाले सत्या दांडेकर ने कहा कि दुनिया में करीब 3.50 करोड़ लोग एचआईवी से संक्रमित हैं, जिसमें से 99।50 फीसदी ऐसे मरीज हैं, जिन्हें हर रोज एचआईवी की दवा यानी एंटीरेट्रोवायरल दवा लेनी पड़ती है, क्योंकि बिना दवा के इस वायरस पर नियंत्रण लगभग नामुमकिन है।