महिलाएं अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम और अच्छा खानपान अपनी दिनचर्या में शामिल करती हैं। महिलाएं अपनी समस्या अनुसार अपने खानपान को व्यवस्थित करती हैं। लेकिन इस बीच देखा जाता हैं कि महिलाएं अपने गर्भाशय अर्थात यूट्रस की सेहत को लेकर अनदेखी कर बैठती हैं जो कि जिसे फीमेल रिप्रोडक्टिव सिस्टम का आधार माना जाता है। यूट्रस के बिना प्रेगनेंसी संभव ही नहीं है। ऐसे में जरूरी हैं कि अपने खानपान में ऐसी चीजों को भी शामिल किया जाए जो यूट्रस की अच्छी सेहत प्रदान करने का काम करें। इसलिए आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे फूड की जानकारी देने जा रहे हैं जिन्हें महिलाओं को अपने आहार में शामिल कर गर्भाशय की सेहत बनानी चाहिए। तो आइये जानते हैं इन फूड के बारे में...
ग्रीन टीग्रीन टी में एंटी ऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इससे यूट्रस तो हेल्दी रहता ही है बल्कि यूट्रस में फाइब्रोइड्स का खतरा भी कम रहता है। विशेषज्ञों के अनुसार, जिन महिलाओं को फाइब्रोइड्स की बीमारी है उन्हें दो महीनों तक ग्रीन टी को पीना चाहिए। इससे फाइब्रोइड्स की संख्या कम होती है। तो ऐसे में गर्भाशय को स्वस्थ रखने के लिए आज से ही ग्रीन टी का सेवन शुरू कर दे।
नींबू नींबू विटामिन सी का अच्छा स्रोत है और इसका सेवन हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है साथ ही विटामिन से यूट्रस की इम्यूनिटी भी अच्छी रहती है। नींबू के सेवन से न सिर्फ शरीर बल्कि यूट्रस से बैक्टेरिया और इंफेक्शन दूर रहते हैं। आप अगर एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस डालकर रोज सुबह सेवन करेंगे तो गर्भाशय की सेहत में सुधार होगा।
ओमेगा 3 फैटी एसिडमछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड की भरपूर मात्रा होती है मगर आप वेजिटेरियन हैं तो बाजार में ओमेगा की टैब्लेट्स आती हैं आप उनका सेवन कर सकते हैं पर डॉक्टर की सलाह पर ही गोलियों का सेवन करें। ओमेगा 3 फैटी एसिड के सेवन से महिलाओं के शरीर में प्रोस्टा ग्लैंड का बनना कम हो जाता है। ये एक हॉर्मोन है जिससे यूट्रस में कॉन्ट्रेक्शन होता है। कॉन्ट्रेक्शन से यूट्रस की पोजिशन बदल सकती है। इससे बचने के लिए ओमेगा का सेवन लाभदायक है।
ड्रायफ्रूट्स ड्रायफ्रूट्स और सीड्स आपकी बॉडी में हॉर्मोन्स की ग्रोथ में मदद करते हैं। सीड्स और नट्स खाने से शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल बनता है। गुड कोलेस्ट्रॉल और नट्स में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड से यूट्रस में कैंसर के खतरे की आशंका कम हो जाती है। इससे प्री-मेच्योर बेबी की खतरा भी काफी हद तक कम रहता है। यूट्रस को हेल्दी रखने के लिए आपको काजू, फ्लेक्स सीड्स, बादाम खाने चाहिए।
फाइबर रिच फूड
फाइबर रिच फूड का सेवन हमारे शरीर से वेस्ट और टॉक्सिक मटेरियल को बाहर करता है। हाई फाइबर डाइट से एक्सट्रा एस्ट्रोजन बॉडी के बाहर निकल जाते हैं। इससे यू्ट्रीन फाइब्रोइड्स का खतरा कम होता है। आप फाइबर से भरपूर बीन्स, वेजिटेबल, फ्रूट्स और होल ग्रेन को अपनी डाइट में शामिल करें। आपको ऑर्गेनिक फूड खाना चाहिए इसमें कैमिकल और पेस्टिसाइड नहीं होते हैं। इन कैमिकल्स से अबॉर्शन का खतरा रहता है। इस खतरे से बचने के लिए आपको फाइबर रिच फ़ूड का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही आपको हर दिन 8 से 10 गिलास पानी का सेवन करना चाहिए। सब्जियों को सलाद के रूप में भी आप अपनी रोजाना की डाइट में शामिल कर सकते हैं। इनके सेवन से एस्ट्रोजन का लेवल कम रहेगा और यूट्रस में ट्यूमर का खतरा भी नहीं होगा।
कैस्टर ऑयलकैस्टर ऑयल या अरंडी के तेल के फायदों के बारे में बचपन से ही सुनते आ रहे हैं। कब्ज की समस्या से छुटकारा पाने के लिए इसका सेवन फायदेमंद साबित होता है। साथ ही डॉक्टरों का मानना है कि कैस्टर ऑयल के सेवन से ओवेरियन सिस्ट और यूट्रस में फाइब्रोइड्स की समस्या भी दूर होती है। कैस्टर ऑयल में रेकोनोलिक एसिड पाया जाता है जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है और यूट्रस भी इंफेक्शन का शिकार नहीं होता।
डेयरी प्रोडक्ट्स महिलाओं को अपनी डाइट में डेयरी प्रोडक्ट्स एड करने चाहिए जैसे दही, दूध, मक्खन। ये सब ही उत्पाद यूट्रीन हेल्थ के लिए अच्छे माने जाते हैं। इनमें कैल्शियम और विटामिन डी की मात्रा पाई जाती है। कैल्शियम से हड्डियां भी मजबूत होती हैं और डेयरी उत्पादों में पाए जाने वाले विटामिन डी के सेवन से यूट्रीन फाइब्रोइड का खतरा कम होता है। 100 ग्राम लो फैट मिल्क और दही से लगभग 125 मिलीग्राम कैल्शियम मिलता है। दूध के उत्पाद नहीं लेना चाहतीं तो तिल या बादाम का भी सेवन कर सकती हैं। आप तिल को रोस्ट कर खाएं और बादाम को भिगोकर अगले दिन खाएं। इसमें कैल्शियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है। पनीर को कच्चा खाना ज्यादा फायदेमंद होता है। हर दिन महिलाओं को एक गिलास दूध पीना चाहिए। इससे यूट्रस के साथ-साथ अन्य अंग भी हेल्दी रहेंगे।