खराब लाइफस्टाइल की वजह से शरीर कई बीमारियों का शिकार हो जाता है जिनमे से एक हैं एसिडिटी की समस्या। एसिडिटी आज के समय में एक बहुत ही आम समस्या है, जिससे लोगों को हर रोज दो-चार होना पड़ता है। ऐसे में बहुत ही अधिक असहज महसूस होता है। खट्टी डकार आने लगती है और मतली भी महसूस होती है। इसका मुख्य कारण बनता हैं कुछ भी उल्टा सीधी खा लेने से। पेट में एसिडिटी और गैस से बचने के लिए जरूरी है कि डिनर में कुछ खास तरह के फूड्स को अवॉइड किया जाए। कई बार कुछ फूड आइटम्स एसिडिटी और गैस की वजह बन जाते हैं जिनके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
अचारखाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए लोग अक्सर अचार खाना पसंद करते हैं। अचार से आपके खाने का स्वाद तो बढ़ जाता है लेकिन इससे एसिडिटी हो जाती है। अचार में सिरका मिला हुआ होता है जिसकी प्रकृति एसिडिक होती है। अचार में सिरका इसलिए मिलाया जाता है कि ये खराब ना हो। अचार में मिले सिरका और मसाले की वजह से पेट की समस्या होने लगती है।
नॉन वेजनॉन वेज फूड में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है, जिसे डाइजेस्ट करने में शरीर को बहुत अधिक एनर्जी लगती है। रात में भारी भोजन पचाने में दिक्कत आ सकती हैं, जिससे गैस और कब्ज की समस्या हो सकती है। प्रोटीन में अमीनो एसिड टायरोसिन होता है जिसकी वजह से रात के वक्त नींद आने में दिक्कत हो सकती है।
हैवी फूडरात में गैस या एसिड की समस्या से बचाव के लिए हैवी फूड का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे राहत पाने के लिए टायरामाइन वाले खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए। टायरामाइन सोया सॉस, टमाटर, रेड वाइन, व्हाइट सॉस में पाया जाता है। हैवी फूड का सेवन भी पेट के लिए नुकसानदायक है। रात के समय फ्राइज़, बर्गर, पिज्जा, ऑयली नॉनवेज इनका परहेज करना चाहिए।
चीनीबहुत ही कम लोगों को पता होगा लेकिन चीनी का नेचर एसिडिक होता है। ज्यादा चीनी के सेवन से एसिडिटी भी होती है। चीनी के सेवन से ब्लड शुगर बढ़ने लगता है। ऐसे में एसिडिटी से बचने के लिए कोशिश करें कि चीनी की जगह गुड़ या शहद का सेवन करें।
दहीरात को दही खाने से परहेज करना चाहिए। अगर आपकी इम्यूनिटी कमजोर है तो रात को दही खाने से आपको सर्दी-जुकाम हो सकती है। ऐसे में दही या तो न खाएं या फिर खाने का बहुत मन हो तो रूम टेम्प्रेचर पर ही इसे खाएं। अच्छा होगा अगर आप दही की जगह छाछ का इस्तेमाल करेंगे।
स्पाइसी फूडचटपटा मसालेदार रात में खाने के बजाए दिन में खाने के प्रयास करें। कच्चा प्याज, व्हाइट वाइन, बियर, शराब, टोमैटो सॅास इनका सेवन पेट में दिक्कत पैदा कर सकता है। रात के समय हमेशा मसालेदार भोजन करने से बचना चाहिए। लाइट फूड का सेवन करना चाहिए, जिससे डाइजेशन पर किसी प्रकार का नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
कोल्ड ड्रिंकअगर आपको कोल्ड ड्रिंक पीने का शौक है तो सावधान हो जाइए इसे किसी हेल्दी ड्रिंक से बदलने का समय आ गया है। कोल्ड ड्रिंक्स ना सिर्फ वजन बढ़ाती हैं बल्कि पेट की समस्या जैसे एसिडिटी को भी ट्रिगर करती है। इसलिए एसिडिटी से बचने के लिए कोल्ड ड्रिंक की जगह ताजे फलों का जूस या नारियल पानी पीना शुरू कर दें।
खट्टे फलसंतरा, नींबू जैसे खट्टे फलों के सेवन से एसिडिटी होने की संभावना बढ़ जाती है। इन फलों को सिट्रस फ्रूट्स भी कहते हैं। आयुर्वेद में खाली पेट फलों के सेवन की मनाही है। इसलिए दिन की शुरुआत में कभी भी फलों का सेवन ना करें। यदि आप फल खाने का पूरा लाभ लेना चाहते हैं तो नाश्ते और दोपहर के भोजन के बीच के ब्रेक में फल खाएं। यानी करीब साढ़े 11 या 12 बजे। ताकि इसके एक से डेढ़ घंटे बाद आप लंच कर पाएं।
चॉकलेटअगर आपको पहले से एसिडिटी की समस्या है तो आपको चॉकलेट के सेवन से बचना चाहिए। चॉकलेट में फैट के साथ कैफीन भी होती है जिससे एसिडिटी हो सकती है। इसलिए चॉकलेट का सेवन कम ही करें।
कच्ची सब्जियों का सलादरात को गाजर, खीरा या पत्ता गोभी जैसी सब्जियों को कच्चा खाने से बचें। क्योंकि तब डाइजेशन स्लो हो जाता है, ऐसे में कच्ची चीजों को पचाने में मुश्किल आती है। कच्चा सलाद दोपहर के खाने में खा सकते हैं।