शरीर को स्वस्थ रखने के हड्डियों का मजबूत होना भी बेहद जरुरी है। बढ़ती उम्र के साथ ये कमजोर होने लगती हैं। 35 साल की उम्र के बाद शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है, जिसका असर हड्डियों और दातों पर सबसे ज्यादा पड़ता है। हड्डियों में होने वाले दर्द से बचने, हड्डियों को टूटने से बचाने और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी खतरनाक बीमारियों के खतरे को दूर करने के लिए आपको अपनी हड्डियों का ख्याल रखना चाहिए। ऐसे में कुछ चीजों के बारे में हम बताने जा रहे है जिनके नियमित सेवन से हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखा जा सकता हैं। आइए जानते हैं इन जरूरी फूड्स के बारे में...
बादामहड्डियों को मजबूत बनाने के लिए बादाम का सेवन करना चाहिए। बादाम में कैल्शियम, मैग्नेशियम, मैंगनीज, विटामिन के, प्रोटीन और कॉपर, जिंक भी पाया जाता है। इन सभी से हड्डियां मजबूत बनती हैं। साथ ही बादाम का सेवन थकान मिटाने और एनर्जी लेवल बढ़ाने का भी काम करता है। साथ ही बादाम खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। न्यूट्रिएंट्स से भरपूर बादाम ब्लड क्लॉटिंग से भी बचाता है। बादाम प्रोटीन और आयरन का अच्छो सोर्स है। कई दूसरे पोषक तत्वों से भरपूर बादाम इम्यून सिस्टम को शक्तिशाली बनाता है।
अखरोट अखरोट में प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फॉस्फॉरस, कॉपर, सेलेनियम, ओमेगा-3 फैटी ऐसिड जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। अखरोट में अल्फा-लिनोलेनिक ऐसिड (alpha-linolenic acid) पाया जाता है, जिससे हड्डियां मजबूत रहती हैं। इसके अलावा अखरोट में ओमेगा-3 ऐसिड (omega-3 acids) की मात्रा भी होती है, यह सूजन को दूर करता है। ऐसे में अखरोट हड्डियों को ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) होने से रोकता है। साथ ही अखरोट का सेवन हार्ट को हेल्दी बनाए रखने में भी मदद करता है इसमें प्रचूर मात्रा में ओमेगा-3 फैटी ऐसिड होता है, जो आपके हार्ट के लिए फायदेमंद है। अखरोट का सेवन करने से ब्रेस्ट कैंसर, प्रॉस्टेट कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है।
पत्तेदार सागपत्तेदार साग का सेवन उर्जा बढ़ाने, जीवन शक्ति बढ़ाने और खून की क्वालिटी को बेहतर करने और अन्य लाभ देता है। पत्तेदार साग में मौजूद विटामिन K हड्डियों के अंदर कैल्शियम को बाहर रखकर हड्डियों के घनत्व को बनाए रखने में मदद करता है। डाइट में पत्तेदार साग को शामिल करने से लंबे समय में आपको फ्रैक्चर और बोन डिजनरेशन के रिस्क को कम करने में मदद मिल सकती है।
टूना मछलीमछली में मौजूद पर्याप्त कैलोरी के सेवन से शरीर में ऊर्जा की कमी की पूर्ति की जा सकती है। विटामिन डी और कैल्शियम ये दोनों पोषक तत्व हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक होते हैं। इसलिए विटामिन डी और कैल्शियम युक्त टूना मछली का सेवन हड्डियों के निर्माण और मजबूती के लिए फायदेमंद बताया गया है।
दहीदही में कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन- बी6 व विटामिन- बी12 और राइबोफ्लेविन समेत कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। दही में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। दही खाने से दांत और हड्डियां तो मजबूत होती ही हैं, साथ में ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी कम होता है। गर्मियों में त्वचा पर सनबर्न होने के बाद दही से मलना चाहिए, इससे सनबर्न और टैन से फायदा मिलता है। दही इम्यूनिटी को मजबूत बनाने का काम करता है। इसमें मौजूद गुड बैक्टीरिया इम्यून सिस्टम को बेहतर बना सकते हैं। दही खाने से तनाव की समस्या को दूर किया जा सकता है। दही खाने का सीधा संबंध मस्तिष्क से है। दही को एनर्जी के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। अगर आपको थकान, कमजोरी और एनर्जी की कमी महसूस हो रही है। तो आप दही का सेवन करें।
जैतून तेलऑलिव ऑयल (जैतून का तेल) में विटामिन के और विटामिन ई भरपूर होता है। इसके अलावा इसमें मौजूद मिनरल्स आपकी हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। कमजोर और भुरभुरी हड्डियों के कारण ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या हो जाती है, जिसमें हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि छोटी-मोटी टक्कर या चोट से ही टूट जाती हैं। ऑलिव ऑयल के सेवन और इसकी मालिश से ये समस्या दूर हो जाती है।
केलाकेले में मैग्नीशियम और कैल्शियम की अच्छी मात्रा सम्मिलित होती हैं जो हड्डियों के विकास के साथ ही उन्हें मजबूती प्रदान करने में सहायक हैं। इसके अलावा, केले में मौजूद मैग्नीशियम ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों की रोकथाम में मदद करता है। इस बीमारी के कारण हड्डियां कमजोर और नाजुक हो जाती हैं। साथ ही केले का सेवन संक्रमण और बीमारियों से बचाने का भी काम करता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाएं रखने के लिए रोजाना एक केले का सेवन करना चाहिए। केला विटामिन-ए और सी जैसे इम्यून बूस्टर गुणों से समृद्ध होता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने का काम करते हैं।
संतरासंतरा हड्डियों के लिए भी बहुत फ़ायदेमंद होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें कैल्शियम की भी अच्छी मात्रा होती है, जो हड्डियों के साथ दांतों की सेहत के लिए फायदेमंद होता है। संतरे में विटामिन-सी के अलावा फाइबर की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है। ये दोनों ही गुण वजन कम करने का काम करती हैं।
तिल के बीजतिल के बीज हड्डियों को रखे स्वस्थ कैल्शियम हड्डियों के लिए बहुत जरूरी होता हैं। तिल के बीज में इसकी भारी मात्रा होने के कारण, यह बीज हड्डियों को मजबूत रखते हैं। इन मिनरल्स को प्राप्त करने के लिए, आप तिल को हमेशा भिगोकर, रोस्ट कर या फिर स्प्राउट करने के बाद ही इनका सेवन करे। तिल के बीज में होने वाला सेसमिन जोड़ों के दर्द को कम करने और घुटनों के आर्थरिटिक पैन को कम करने में मदद करता हैं। अगर आप वेजिटेरियन हैं तो तिल आपके डेली प्रोटीन का एक अच्छा ऑप्शन हो सकता हैं। यही नहीं तिल के बीज में पाए जाने वाले बी विटामिन, थियामिन और निऐसीन शरीर के सेल्यूलर फंक्शन और मेटाबोलिज्म को बनाए रखता हैं।
सोयाबीन हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए सोयाबीन को अपनी रोज की डाइट में शामिल कर सकते हैं। सोयाबीन सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा अच्छा होता है। इसके सेवन से होने वाले और फायदों कि बात करें तो ये कैल्शियम का भी बहुत अच्छा सोर्स होता है। बोन के सेहत के लिए कैल्शियम अति आवश्यक है। साथ ही ब्लडप्रेशर की समस्या होने पर सोयाबीन का सेवन फायदेमंद होता है। खास तौर से ब्लडप्रेशर बढ़ने की स्थिति में इसका सेवन ब्लडप्रेशर को नियंत्रित कर उसे बढ़ने से रोकता है। इसके अलावा डाइबिटीज रोगियों के लिए भी सोयाबीन फायदेमंद है। यह रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित कर उसे बढ़ने से रोकता है।
अंडा अंडे का सेवन से हड्डियां मजबूत रहती हैं क्योंकि इसमें विटामिन डी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। विटामिन डी के साथ-साथ कैल्शियम भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यदि आपके शरीर में विटामिन डी कि कमी हो तो ऐसे में उस कमी को पूरा करने के लिए विटामिन डी युक्त फ़ूड जैसे कि अंडे का सेवन कर सकते हैं।
मशरूम हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है। मशरूम में कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हड्डियों को मजबूत बनाने में काफी सहायक होते हैं। बढ़ती उम्र में हड्डियां कमज़ोर होने लगती हैं ऐसे में मशरूम का सेवन करना जरूरी हो जाता है।