वैश्विक महामारी कोरोना का सामना पूरी दुनिया कर रही हैं और संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा हैं। दुनियाभर में लाखों लोग कोरोना के कहर का शिकार हुए हैं। भारत में भी कोरोना संक्रमण से 60 हजार से अधिक मौत हो चुकी हैं। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगातार रिसर्च की जा रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा भी इससे जुड़ी जानकारी दी जाती रही हैं। लेकिन इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी कई तरह के दावे किए जा रहे हैं जिसमे से एक हैं कि हर 15 मिनट पर पानी पीते रहने से कोरोना वायरस का खतरा काफी कम हो जाता है। लेकिन इस दावे में कितनी सच्चाई हैं आइये जानते हैं इसके बारे में।
इस दावे पर बीबीसी से बातचीत में लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन में एपिडेमोलॉजिस्ट कल्पना सबापैथी ने बताया है इस बात को कुछ ज्यादा ही सामान्य तरीके से पेश कर दिया गया है। कल्पना का कहना है कि कोरोना संक्रमण किसी एक कण से नहीं बल्कि हजारों पार्टिकल्स के संपर्क में आने से होता है।
सोशल मीडिया पर हो रहे दावे पर कल्पना का कहना है कि इस थ्योरी में दिक्कत यह है कि वायरस को केवल पेट तक पहुंचा कर मारे जाने का दावा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में गौर करने वाली बात ये है कि ये ग्रासनली के जरिए पहले ही शरीर में प्रवेश कर चुका होगा। मान लीजिए एक पल के लिए वायरस नाक के जरिए प्रवेश नहीं कर पाता है तो आंखों के जरिए कर लेगा।
उन्होंने कहा, संक्रमित जगह या सतहों को छूकर अगर आप अपनी आंखें, नाक, मुंह आदि छुएंगे तो आप वायरस की चपेट में आ ही जाएंगे। इसलिए यह बचाव का तरीका नहीं हो सकता है।
कोरोना वायरस के अब तक कई लक्षण सामने आ चुके हैं। इन लक्षणों में डायरिया भी शामिल है। कुछ रिपोर्ट्स में यह बात भी सामने आई है कि कोरोना संक्रमित मरीज के मल से भी वायरस का संक्रमण हो सकता है। हालांकि अब तक किसी भी रिपोर्ट या स्टडी में ये जानकारी सामने नहीं आई है कि हर 15 मिनट पर पानी पीने से कोरोना का खतरा कम हो सकता है।