
आंखों से निकलने वाला डिस्चार्ज या कीचड़ कई लोग एक सामान्य और नेचुरल प्रक्रिया मान लेते हैं। लेकिन हर बार ऐसा सोचना सही नहीं होता। कई बार आंखों से निकलने वाला यह डिस्चार्ज किसी गंभीर आंखों की बीमारी या संक्रमण की ओर इशारा करता है, जिसे लोग शुरुआत में अनदेखा कर देते हैं। आमतौर पर यह कीचड़ सुबह उठने पर आंखों के कोनों में नजर आता है, जिसे आम भाषा में सैंड या मैटर भी कहा जाता है। गहरी नींद के बाद हल्का डिस्चार्ज होना सामान्य है, लेकिन अगर यह लगातार, अधिक मात्रा में और असामान्य रंग का दिखे, तो यह किसी इन्फेक्शन का संकेत हो सकता है।
आंखों के डिस्चार्ज का सामान्य रंग क्या होता है?आमतौर पर यह हल्के क्रीम या सफेद रंग का होता है। लेकिन जैसे ही इसका रंग बदलने लगे, तो इसे हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है।
डिस्चार्ज के रंग से जानें किस तरह की परेशानी है: पीला या हरा डिस्चार्ज: यह कंजक्टिवाइटिस जैसे वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण का संकेत हो सकता है। इसमें आंखें लाल हो जाती हैं और खुजली के साथ भारीपन महसूस हो सकता है।
डिस्चार्ज की मात्रा से भी पता चलता है खतरा:- अगर डिस्चार्ज के साथ आंखों के किनारे सूजे हुए नजर आएं, तो यह ब्लेफेराइटिस की स्थिति हो सकती है। इसमें आंखों में जलन और रेडनेस भी देखने को मिलती है।
- सर्दी-जुकाम के कारण भी आंखों से वाटरी डिस्चार्ज आ सकता है, जो अपेक्षाकृत सामान्य होता है।
- यदि डिस्चार्ज गाढ़ा, चिपचिपा और पीले रंग का है, तो यह आमतौर पर स्टाई (आंख की फुंसी) के कारण होता है।
- लगातार कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन देखने से आंखें ड्राय हो जाती हैं, जिससे वाटरी डिस्चार्ज बढ़ सकता है।
- धूल-मिट्टी या पालतू जानवरों की एलर्जी के कारण आंखों से अधिक मात्रा में डिस्चार्ज, खुजली और लालपन देखा जा सकता है।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?यदि आंखों से निकलने वाला कीचड़ असामान्य रंग का, अधिक मात्रा में, गाढ़ा और चिपचिपा हो रहा है, साथ ही साथ आंखों में खुजली, रेडनेस और दर्द भी है, तो इसे नज़रअंदाज न करें। यह किसी गंभीर संक्रमण या एलर्जी का संकेत हो सकता है। ऐसे में बिना देर किए नेत्र चिकित्सक से संपर्क करें।