कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां आजकल के समय में काफी आम हो चुकी हैं। कैंसर शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है। मध्यम परिवार के लिए इसका इलाज कराना भी मुश्किल हो गया है। न जाने कितने लोग इसका इलाज नहीं करा पाते है और मौत के गले में समा जाते है। ऐसे में आज हम आपको एसोफेगस कैंसर के बारे में बताने जा रहे हैं। एसोफेगस को ग्रसिका / ग्रासनाल और फूड पाइप भी कहा जाता है।
एसोफेगस हमारे मुंह को पेट से जोड़ने वाली पाइप होती है। एसोफेगस गले से आपके पेट तक खाना और पानी लेकर जाती है। एसोफेगस जहां पर पेट से जुड़ी होती है वहां इसकी परत एक अलग तरह की कोशिकीय बनावट की होती है, जिसमें कई तरह के केमिकल्स निकलने वाली अनेक ग्रंथियां और संरचनाएं बनी होती हैं। अगर एसोफेगस का कैंसर इस कहीं हिस्से से शुरू होता है जहां पर ट्यूब पेट से मिलता है, तो इस कैंसर को स्क्वामस सेल कार्सिनोमा कहा जाता हैं। अगर यह एसोफेगस के ग्रंथियों वाले हिस्से से शुरू हो रहा है तो इसे एडेनोकार्सिनोमा (ग्रंथियों की बनावट वाले हिस्सें का कैंसर) कहते हैं। इस कैंसर से बचने के लिए जरूरी है कि समय पर इसका पता चले ताकि इस खतरनाक बीमारी से निपटा जा सके। एक्सपर्ट के मुताबिक, एसोफेगस कैंसर के कुछ शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देने से इस खतरनाक बीमारी से बचा जा सकता है। जिन लोगों के सीने में जलन की समस्या का सामना करना पड़ता है, उनकी यह समस्या कैंसर का कारण बन सकती है।
आपको बता दें कि 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में ये कैंसर होने की संम्भावना सबसे अधिक होती है। इन लोगों को सबसे ज्यादा सावधानी करने की जरूरत है। वहीं दूसरी ओर पुरुषों को एसोफैगल कैंसर होने का खतरा महिलाओं की तुलना में ज्यादा होता है। ऐसा कहा जाता है कि महिलाओं की तुलना में पुरूषों में इस रोग का खतरा तीन गुना ज्यादा होता है। हालांकि अफ्रीकी-अमेरिकी लोगों की तुलना में काकेशियन लोगों में लोअर एसोफेगस के एडेनोकार्सिनोमा के मामले ज्यादा केस पाए जाते हैं।
रिसर्च में सामने आई ये बातकैंसर रिसर्च यूके के मुताबिक, अगर एसोफेगस कैंसर के शुरूआती लक्षणों का पता लगा लिया जाए तो बचने की संभावना 4 गुना बढ़ सकती है। इसके साथ ही सीने में जलन की समस्या का सामना कर रहे लोगों को भी अपनी स्थिति पर नजर रखने की जरूरत होती है। साथ ही यह भी देखना जरूरी है कि इसके अलावा उन्हें निगलने में दिक्कत या चेस्ट पेन तो नहीं हो रहा?
हो सकती हैं ये समस्याएंएसोफेगस कैंसर से पीड़ित लोगों को अक्सर सलाइवा निगलने में परेशानी, एसोफेगस पाइप में एसिड का वापस आना और सीने में जलन की समस्या का सामना करना पड़ता है। अगर आपको सीने में जलन की समस्या का लगातार सामना करना पड़ता है तो इसे गैस्ट्रो एसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GORD) कहा जाता है। इसमें पेट में बनने वाले एसिड एसोफेगस पाइप के जरिए गले में आ जाते हैं। यह तब होता है जब एसोफेगस के नीच बनी मसल्स डैमेज और कमजोर हो जाती हैं। मसल्स के डैमेज होने से एसोफेगस कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। ये डैमेज सेल्स एक हार्ड ट्यूमर के रूप में बदल जाते हैं जिससे और भी कई तरह की पेट से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
लगातार सीने में जलन होने के कारणNHS के मुताबिक, कई कारणों के चलते सीने में जलन का सामना करना पड़ सकता है जैसे-
- कुछ खास फूड या ड्रिंक जैसे कॉफी, टमाटर, चॉकलेट, स्पाइसी फूड
- वजन ज्यादा होना- प्रेग्नेंसी
- स्ट्रेस और एंग्जाइटी
- कुछ खास दवाईयां- स्मोकिंग
एसोफेगस कैंसर के लक्षण
- सलाइवा निगलने में दिक्कत
- बीमार महसूस करना- बहुत ज्यादा डकार आना
- कफ का लंबे सम तक ठीक ना होना।
- आवाज का बदलना- सीने में जलन और एसिड का एसोफेगस में वापस आना
- भूख कम लगना और बिना वजह के वजन कम होना।
- गले में दर्द और छाती के बीच में दर्द होना खातौर पर कुछ निगलते समय।