उम्र बढ़ने के साथ-साथ आंखों के मसल्स की टोन और फ़्लैक्सिबिलिटी कम होती जाती है और आंखों से जुड़ी कई समस्याएं होने लगती हैं। इसी वजह से धीरे-धीरे विभिन्न दूरियों पर देखने की क्षमता भी कम हो जाती है, यानी आंखों की रोशनी में कमी आने लगती है। इस समस्या पर रोक लगाने के लिए आप योग और एक्सरसाइज़ का रास्ता चुन सकते हैं। अगर आपकी आंखों की रोशनी एकदम सही है, तो उसे फ़िट रखने के लिए और कम हुई है, तो उसमें सुधार लाने के लिए कुछ आई एक्सरसाइज़ करनी चाहिए।
आंखों के लिए बेसिक और इंटरमीडिएट एक्सरसाइज़
सबसे पहले ख़ुद
को रिलैक्स करें। तीन मिनट तक गहरी सांस लें, इससे रिलैक्स होने में मदद
मिलेगी। आप चाहें, तो शुरुआत शवासन से कर सकते हैं। इसके बाद आरामदायक
मुद्रा में आ जाएं, जैसे कि सुखासन। अपने सिर और गर्दन को स्थिर रखें और
आइबॉल को भी रिलैक्स करें। अपने चेहरे के ठीक सामने एक अलार्म घड़ी रखें और
आइबॉल को ऊपर की तरफ़ उठाते हुए 12 को देखें और कुछ देर तक इसी मुद्रा में
बने रहें।
इसके बाद आइबॉल को नीचे की तरफ़ लाएं और 6 को देखें।
इसी तरह से 10 बार 12 और 6 को देखें, बिना पलकों को झपकाए हुए। एक्सरसाइज़
पूरी होने के बाद अपनी हथेलियों को आपस में ज़ोर से रगड़ें ताकि वो गर्म हो
जाएं और उन्हें अपनी आंखों पर रखें और उनकी सिंकाई करें। अपनी सांस पर
ध्यान दें और हथेलियों से निकलने वाली गर्माहट को महसूस करें।
सुखासन
मुद्रा में बैठे हुए ही अब आइबॉल को हॉरिज़ॉन्टल तरीक़े से घूमाएं। अलार्म
क्लॉक में 9 और 3 के अंक को बारी-बारी से देखें। इस प्रक्रिया को 10 बार
दोहराहने के बाद हथेलियों को आपस में रगड़कर गर्म करें और आंखों को सेंकें।
इसी तरह से आपको घड़ी में दिए गए सभी अंकों को अपने आइबॉल से देखना है,
जैसे 1 और 7, 11 और 5. इन मूवमेंट्स से आंखों की बढ़ी हुईं ऑक्यूलर मसल्स
से राहत मिलती है और आप आसपास की चीज़ों को पहले से कहीं अधिक साफ़ देखने
में सक्षम हो पाते हैं।
जो लोग ज़्यादा समय तक लैपटॉप या फ़ोन की
स्क्रीन देखते हैं उन्हें यह एक्सरसाइज़ को ज़रूर करनी चाहिए। इससे आंखों
को आराम मिलेगा। आंखों में फ़ोटोरिसेप्टर हर मिनट में बनते और टूटते हैं।
ऐसे में आंखों को आराम की ज़रूरत होती है। इसके लिए सबसे अच्छा रास्ता है
कि आप एक लंबी गहरी सांस लें और आंखों को कवर करके उन्हें आराम दें
एक
बार जब आपको बेसिक एक्सरसाइज़ पूरी तरह से आ जाए, तो आप दूसरी एक्सरसाइज़
भी आज़मा सकते हैं। जैसे- स्थिर बैठकर कुछ दूरी के किसी एक पॉइंट पर फ़ोकस
करना। अपना दाहिना हाथ आगे बढ़ाएं और अपने अंगूठे को फ़ोकल पॉइंट (जहां
आपको देखना है) के नीचे रखें। इसके बाद अपने ध्यान को अंगूठे की नोक से उस
पॉइंट पर धीरे से शिफ़्ट करें। इस प्रैक्टिस से आंखों में मौजूद सिलीएरी
बॉडी को ट्रेंड करने में मदद मिलती है, जो आंखों के लेंस को एड्जस्ट करने
में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हैं।