अपनी दिनचर्या में इन 8 हर्बल टी को शामिल करें डायबिटीज मरीज, घटेगा ब्लड शुगर

डायबिटीज वर्तमान समय की एक सामान्य बीमारी बन चुकी है जिससे आबादी का एक बड़ा हिस्सा प्रभावित हैं। डायबिटीज के मरीजों को अपने खानपान में बहुत बदलाव लाने की जरूरत होती हैं ताकि शरीर में शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकें। ऐसे में आपकी मददगार साबित होगी चाय। हम यहां दूध व चीनी की चाय नहीं बल्कि कुछ हर्बल टी की बात कर रहे हैं जिनका नियमित रूप से किया गया सेवन शुगर को कंट्रोल करने में काफी मददगार साबित होता हैं। ये हर्बल चाय डायबिटीज कंट्रोल करने के साथ इम्यूनिटी को मजबूत करने का काम भी करती हैं जो मौसमी बीमारियों से भी बचाती हैं। आइए जानते है इन हर्बल चाय के बारें में...

ग्रीन टी

ग्रीन टी का सेवन आजकल काफी लोग करने लगे हैं। कई लोग इस चाय का सेवन वजन घटाने और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए भी करते हैं। इस चाय में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो शरीर को बीमारी से लड़ने की ताकत देते हैं। डायबिटीज रोगियों के लिए ये चाय इन्सुलिन लेवल को कम करने में मददगार है। डायबिटीज के लोग दिन भर में एक से दो कप इस चाय का सेवन कर सकते हैं। ये चाय शरीर के मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने का काम भी करती है।

एलोवेरा चाय

यदि आपके घर में एलोवेरा जेल का पौधा है, तो उसे सिर्फ चेहरे या बालों में लगाने के लिए ही इस्तेमाल में ना लाएं। इससे आप हेल्दी हर्बल टी बना सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, एलोवेरा के कई सेहत लाभ होते हैं। इसे कच्चा खाएं या उबाल कर इसका सेवन करें, दोनों ही रूपों में यह सेहत को लाभ पहुंचाता है। आप एलोवेरा जेल को एक से डेढ़ कप पानी में डालकर उबालें और इसे सुबह के समय पिएं।

गुड़हल चाय

आप गुड़हल की चाय का सेवन कर सकते हैं, जो कि तिखी और मीठी दोनों होती है। इस चाय को गुड़हल के फूलों से बनाया जाता है। गुड़हल में ऑर्गेनिक एसिड, पोलीफिनॉल, एंथोसायनिन और एंटी ऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जो इंसुलिन के रजिस्टेंट को बेहतर करने का काम करते हैं। इससे व्यक्ति का ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है। इसिलए इस चाय का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है। डायबिटीज रोगियों को ये चाय पीने से थकान और तनाव भी दूर होता है। इस चाय में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मदद करते हैं।

कैमोमाइल चाय

आमतौर पर, कैमोमाइल टी को स्लीप के लिए काफी अच्छा माना जाता है। यह आपको एक बेहतर नींद दिलाने में मददगार है। लेकिन वहीं दूसरी ओर यह मधुमेह रोगियों के लिए भी उतनी ही लाभदायक है। दरअसल, जिन लोगों को मधुमेह की समस्या होती है, उनकी बॉडी में बहुत अधिक इंफ्लामेशन होती है। उन्हें ठीक तरह से नींद नहीं आती है। ऐसे में अगर वह कैमोमाइल टी पीने से उन्हें लाभ मिलता है। वहीं, दूसरी ओर जिन लोगों को पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं मिलती है या फिर जिनका कोई स्लीप पैटर्न नहीं होता है, उनकी बॉडी में शुगर लेवल बढ़ने लगता है, क्योंकि यह आपकी बॉडी के मेटाबॉलिक रेट को डिस्टर्ब करता है। इसलिए, आपको दिन में एक कप कैमोमाइल टी का सेवन अवश्य करना चाहिए।

दालचीनी चाय

दालचीनी एक प्रकार का मसाला है, जो खाने को स्वादिष्ट बनाने के काम आता है। डायबिटीज रोगी इस हर्बल चाय के सेवन से शुगर को आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं। दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं। जिस कारण ये शरीर के इम्यूनिटी को भी मजबूत करने का काम करती है। दालचीनी मोटापे को भी कम करने में मददगार है।

हल्दी वाली चाय

हल्दी वाला दूध तो आप पीते ही होंगे, अब आप डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए हल्दी वाली चाय पीकर देखें। हल्दी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। इंफ्लेमेशन दूर करती है। डायबिटीज कंट्रोल करती है। हार्ट की सेहत को दुरुस्त रखती है। हल्दी में मौजूद करक्युमिन तत्व खून में ग्लूकोज लेवल कम करता है।

ब्लैक टी

मधुमेह रोगियों को ब्लैक टी को भी अपनी डाइट में अवश्य शामिल करना चाहिए। ब्लैक हर्बल टी डायबिटीज को संतुलित करने में सहायता करती हैं। इस चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण डायबिटीज को कंट्रोल करने में मददगार होते हैं। यह इंसुलिन रेसिस्टेंस को कम करने में मददगार है। जिससे आपकी बॉडी का शुगर लेवल ड्रॉप होने में मदद मिलती है। जब आपकी बॉडी में इंसुलिन हार्मोन अच्छी तरह काम करेगा और उसका रेसिस्टेंस कम होगा तो इससे मधुमेह रोगियों को बहुत अधिक लाभ मिलेगा। डायबिटीज रोगी इस चाय का सेवन दिन में 1 से 2 बार कर सकते हैं।

अदरक चाय

अदरक की चाय भी मधुमेह रोगियों के लिए अच्छी मानी गई है। दरअसल, अदरक आपकी ग्लाइसेमिक को कण्ट्रोल करने में मदद करता है। जब आप अदरक की चाय लेते हैं तो कार्ब्स के कारण होने वाले शुगर पीक को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं, अदरक आपकी बॉडी में सेंसेटिविटी को भी इंप्रूव करने में मदद करती है।