डायबिटीज रोगियों के लिए जहर समान हैं ये 6 सफेद चीजें, आज से ही बना ले दूरी

मधुमेह या डायबिटीज (Diabetes) एक ऐसी गंभीर बीमारी है जिसका कोई पक्का इलाज नहीं है और इसे सिर्फ एक अच्छी लाइफस्टाइल और हेल्दी डाइट की मदद से कंट्रोल किया जा सकता है। अब ऐसे में यह सवाल अक्सर हमारे सामने आता है कि ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए मधुमेह रोगी को किन-किन चीजों का सेवन करना चाहिए और किनसे दूरी बनाकर रखनी चाहिए। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताने जा रहे है जिनका सेवन मधुमेह रोगियों को नहीं करना चाहिए या फिर कह सकते है कि कम मात्रा में करना चाहिए।

डायबिटीज का मरीज हो या कोई सामान्य इंसान, उसके शरीर के बेहतर कामकाज के लिए प्रोटीन, मिनरल्स, विटामिन और अन्य सभी पोषक तत्व जरूरी हैं। लेकिन बात जब कार्ब्स की आती है तो मधुमेह रोगियों को इससे दूरी बनाए रखने की सलाह दी जाती है। भोजन में मुख्य तीन प्रकार के कार्बोहाइड्रेट होते हैं पहला स्टार्च दूसरा शुगर और तीसरा फाइबर।मधुमेह रोगियों के लिए स्टार्च और शुगर सबसे बड़ी समस्या है क्योंकि शरीर इन्हें ग्लूकोज में तोड़ देता है। वहीं बात रिफाइंड कार्ब्स, या रिफाइंड स्टार्च की आती है तो प्लेटों तक पहुंचने से पहले प्रोसेसिंग के जरिए टूट जाते हैं। इस वजह से शरीर उन्हें जल्दी अवशोषित कर लेता है और उन्हें ग्लूकोज में बदल देता है। जिसकी वजह से ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। ऐसे में कुछ ऐसे सफ़ेद चीजें होती है जिनका हम रोजाना सेवन करते है स्टार्च और शुगर जैसे कार्ब्स से भरी होती हैं, जिनका सेवन ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है। तो चलिए आज हम उन चीजों के बारे में जानते हैं...

पास्ता

पास्ता सॉस, क्रीम, चीज़ और बहुत सारे मक्खन से बनाया जाता है। इससे आपको 1,000 कैलोरी, 75 ग्राम फैट और लगभग 100 ग्राम कार्बोहाइड्रेट मिलता है। यह मैदे से बना होता है जोकि ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है। इससे मोटापा बढ़ने का भी खतरा होता है।

आलू

प्रति 100 ग्राम आलू में 97 किलो कैलोरी, 22।6 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 0।1 ग्राम वसा, 1।6 ग्राम प्रोटीन और 0।4 ग्राम फाइबर मिलता है। आलू में कुल कैलोरी का 98% कार्बोहाइड्रेट के रूप में आता है। इसमें हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है और यह मधुमेह रोगियों के लिए उचित भोजन नहीं है।

मैदा

मैदा में विटामिन, मिनरल्स और फाइबर की मात्रा कम होती है और स्टार्च 73।9% होता है। मैदे से बनी कोई भी चीजों का सेवन मधुमेह रोगियों के लिए हानिकारक हो सकता है। मैदा का अधिक सेवन कब्ज से जुड़ा होता है। मैदे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत ज्यादा होता है। यह डायबिटीज और मोटापे से पीड़ित रोगियों के लिए ठीक नहीं है।

चीनी

चीनी से बने मीठे खाद्य पदार्थों में ज्यादातर शुगर और खराब कार्बोहाइड्रेट होते हैं। इनमें बहुत कम या कोई पोषण मूल्य नहीं होता है और यह ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकती हैं। चीनी से वजन बढ़ाने, हृदय रोग और स्ट्रोक का जोखिम भी अधिक होता है।

चावल

एक अध्ययन में सामने आया है कि जो लोग सफेद चावल का अधिक सेवन करते है उनको टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बना रहता है। सफेद चावल में हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिसका अर्थ है कि यह ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है।

सफेद ब्रेड

सफेद आटे से बनी सफेद ब्रेड रिफाइंड स्टार्च से भरी होती है। यह चीजें चीनी की तरह काम करती है और बहुत जल्दी पच जाती है। जिसकी वजह से ब्लड शुगर लेवल एकाएक बढ़ जाता है। साथ ही इसमें फाइबर की कमी होती है। फाइबर की कमी होती है।

इन चीजों से होगा डायबिटीज में फायदा

- मधुमेह रोगियों को दही का सेवन जरूर करें। एक शोध के मुताबिक, शुगर के मरीज अगर दही खाएं तो काफी हद तक डायबिटीज कंट्रोल कर सकते हैं।
- कीवी फल डायबिटीज में रामबाण है, इसलिए रोजाना इसका सेवन करें।
- करेले की सब्जी या फिर करेले का जूस पीने से भी शुगर से निजात मिलती है।
- शुगर के इलाज के लिए मेथी दाना भी काफी हेल्पफुल है। इसके लिए एक चम्मच मेथी एक गिलास पानी में रातभर के लिए भिगोकर रख दें और अगले दिन वो पानी पी लें। मेथी दाने की जगह मेथी पाउडर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। रोजाना सुबह खाली पेट एक या दो चम्मच मेथी पाउडर पानी के साथ लें, इससे फायदा होगा।
- अदरक मधुमेह के मरीजों के लिए काफी लाभदायक है। यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अदरक ब्लड में मौजूद शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है।