खतरनाक हो सकता है नवजात को किस करना, बच्चे को होते हैं यह नुकसान, बीमारी से बचाव के लिए करें यह इंतजाम

भगवान ने महिलाओं को जो एक नेमत दी है, वो है एक नई ज़िंदगी को इस दुनिया में लाना। एक नई मां जब पहली बार अपने बच्चे को गोद में लेती है, तो उस खुशी को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। वो अपने बच्चे को प्यार करती है और उसे जगह-जगह किस करती है है। इमोशनली देखें, तो ये एक मां का अपने बच्चे के लिए प्यार होता है, लेकिन क्या आपको पता है कि नवजात बच्चे को किस करना उसकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। हम सबमें भी ये आदत होती है कि जब हम अपने परिवार में किसी छोटे बच्चे को देखते हैं, तो उसे किस किए बिना नहीं रह पाते, लेकिन हमारी ये आदत बच्चे के लिए बुरी साबित हो सकती है।

जब बच्चे इस दुनिया में आते हैं तो उनकी इम्युनिटी काफी कम होती है। इसलिए बेहद छोटे बच्चों को किस करना सही नहीं है। ऐसा करने से उसे इन्फेक्शन और कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं।

बच्चे को गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए मांओं के साथ-साथ सभी लोगों को छोटे बच्चे को किस करने से बचना चाहिए। आरएसवी (रेस्पिरेटरी सिन्सिटियल वायरस) और दूसरी बीमारियों में बढ़ोतरी को देखते हुए ये जरूरी है कि हर कोई छोटे बच्चों को किस करने के खतरों के बारे में जाने। हालांकि बच्चे को किस करने से हमेशा आरएसवी या दूसरे इन्फेक्शन नहीं होते, लेकिन इससे ऐसे वायरस पनप सकते हैं जोकि उन बीमारियों का कारण बन सकते हैं, जिनका मुकाबला बच्चों का कमज़ोर इम्यून सिस्टम नहीं कर पाता।

छोटे बच्चे को किस करने के नुकसान

किसी नवजात या 10 साल से कम उम्र के बच्चों को किस किया जाए, तो इससे उनकी सेहत को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं।

कीटाणु फैल सकते हैं

कीटाणुओं के फैलने का सबसे आम तरीका है शारीरिक संपर्क और छोटे बच्चे खासतौर पर इन कीटाणुओं को लेकर सेंसिटिव होते हैं यानी कीटाणु उन्हें जल्दी अपनी चपेट में लेते हैं। इसलिए छोटे बच्चों को कीटाणुओं को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि उन्हें किस न करें बेवजह छुएं भी नहीं।

सांस की बीमारी का खतरा

बच्चे की रेस्पिरेटरी सिस्टम यानी श्वसन प्रणाली को पूरी तरह से विकसित होने में लगभग 8 साल का वक्त लगता है। ऐसे में बच्चे को होंठ पर किस किया जाए, तो यह फेफड़ों में संक्रमण का कारण बन सकता है। फेफड़ों में संक्रमण की वजह से बच्चे में सांस संबंधी बीमारियों का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है।

स्किन प्रॉब्लम का कारण

बड़े लोग खासकर महिलाएं अपने चेहरे और होंठ पर कई तरह के स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती हैं। ब्यूटी प्रोडक्ट में कई तरह के केमिकल्स का इस्तेमाल होता है, जो बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है। एक्सपर्ट का कहना है कि छोटे बच्चों की स्किन सेंसेटिव होती है, अगर यह ब्यूटी प्रोडक्ट के संपर्क में आती है, तो रैशेज, रेडनेस और खुजली जैसी कई प्रॉब्लम का कारण बन सकती है।

फ्लू

बड़े लोगों के लिए फ्लू बेशक एक आम हेल्थ प्रॉब्लम हो, लेकिन बच्चों के लिए यह खतरनाक साबित हो सकती है। अगर किसी व्यस्क को सर्दी, खांसी, जुकाम या किसी अन्य तरह का सीजनल हेल्थ इशू है और वो बच्चे को कि करता है, तो फ्लू के वायरस उसके शरीर में जा सकते हैं। जिसकी वजह से उन्हें फ्लू हो सकता है और उन्हें बीमार बना सकता है।

कैविटी का कारण

बच्चे के होठों पर किस करते समय व्यस्कों का सलाइवा उसके मुंह में जा सकता है। एक्सपर्ट का कहना है कि सलाइवा में मौजूद स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटने नाम के बैक्टीरिया बच्चों के दांतों में कैविटी का कारण बन सकता है। इसके अलावा व्यस्क को किसी तरह की मुंह की बीमारी है, तो उसके कीटाणु भी बच्चे के शरीर में जा सकते हैं।

किसिंग डिसीज

छोटे बच्चों को किस करने से उन्हें किसिंग डिसीज़ भी हो सकती है। इस किसिंग डिसीज़ का नाम है मोनोन्यूक्लिओसिस। इस बीमारी का मुख्य कारण किस करते समय बच्चों के मुंह में दूसरों का सलाइवा जाना हो सकता है। इस बीमारी की वजह से बच्चों में चिड़चिड़ापन, बहती नाक और सांस से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं।

एलर्जी

अगर छोटे बच्चे को किस करने वाले किसी इंसान ने कोई ऐसी चीज़ खाई है, जिससे बच्चे को एलर्जी है, जैसे- ड्राय फ्रूट्स, सोया, या कुछ और तो बच्चे को किस करने से उसे एलर्जिक रिएक्शन होने का खतरा रहता है।

मुंह के छाले

छोटे बच्चों को किस करने से उनके मुंह में छाले हो सकते हैं। यह हर्पीस सिंप्‍लेक्‍स वायरस टाइप 1 यानी एचएसवी 1 से होता है और इसमें पहले होठों या मुंह के आसपास एक छोटा फफोला होता है। हालांकि, धीरे-धीरे ये चेहरे के दूसरे हिस्‍सों में भी फैल सकता है जैसे- नाक, गाल और ठोड़ी।

कब किस करना है सुरक्षित

छोटे बच्चे को किस करने से बचना चाहिए, लेकिन मांएं खुद को ऐसा करने से रोक नहीं पातीं, क्योंकि वो अपने बच्चे के साथ एक गहरा रिश्ता महसूस करती हैं। इसके लिए छोटे बच्चे के आसपास हाइजीन का खास ख्याल रखना चाहिए और उसे छूने वाले सभी लोगों को भी साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए। बच्चे का इम्यून सिस्टम जन्म से लेकर दो से तीन महीनों तक ठीक से विकसित नहीं होता, इसलिए इस दौरान उनकी ज्यादा देखभाल करनी चाहिए। किसिंग के अलावा बच्चे के साथ बॉन्ड बनाने के लिए आप लोरी गा सकती हैं या उसके साथ बातें कर सकती हैं। इससे आपका बच्चा ज्यादा सुरक्षित और कम्फर्टेबल महसूस करेगा। धीरे-धीरे, आपका बच्चा आवाज़ें पहचानना शुरू कर देगा। पहले दो से तीन महीनों तक ऐसा करने के बाद आप धीरे-धीरे अपने बच्चे को किस करना शुरू कर सकती हैं।

बच्चे को बीमार होने से बचाने के उपाय

बीमार लोगों से रखें दूर


बच्चे के जन्म के बाद परिवार के लोग और बहुत सारे दोस्त व रिश्तेदार उसे देखने के लिए आते हैं। अगर इनमें से किसी को कोई इन्फेक्शन या बीमारी है तो उन्हें बच्चे से सुरक्षित दूरी बनाए रखने के लिए कहें। इसके अलावा इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे के पास कोई छींके या खांसे ना।

खाने की जरूरतें करें पूरी


शुरूआती छह महीनों के बाद, जब आपका बच्चा ठोस चीजें खाना शुरू करता है, तो उसकी पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करना उसकी सेहत को बनाए रखने के सबसे अच्छे तरीकों में से एक है। अपने बच्चे को विटामिन्स, मिनरल्स और एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर चीज़ें खिलाएं, जो उनकी सेहत के लिए बहुत जरूरी हैं। इससे बच्चे का इम्यून सिस्टन मजबूत बनाने में भी मदद मिलेगी।

आसपास रखें सफाई

छोटे बच्चे के आसपास साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। अपने हाथ धोने के अलावा अपने बच्चे के आसपास के माहौल को भी साफ-सुथरा रखें। बच्चे को गोद में उठाने ये पहले हाथों को अच्छी तरह से धोएं या हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें। इसके अलावा ये ध्यान रखें कि बच्चे को खाने वाले हाथों या गंदे हाथों से कभी न छुएं।