अगर रोजाना नहीं किया 1,000 mg Calcium का सेवन, तो कमर की हड्डी में हो जाएंगे छेद; खाएं कैल्शियम वाले ये फूड

कैल्शियम एक महत्वपूर्ण खनिज है, जो हड्डियों और दांतों के लिए जरूरी है। साथ ही यह हमारे दिल और शरीर की अन्य मांसपेशियों के समुचित कार्य के लिए भी आवश्यक है। हर उम्र में शरीर को अलग-अलग मात्रा में कैल्शियम की जरूरत होती है। NIH की एक रिपोर्ट के मुताबिक 19 से 50 वर्ष की उम्र में पुरुष व महिलाओं को 1,000 mg कैल्शियम रोजाना लेना चाहिए। वहीं, 51 से 70 वर्ष के बीच पुरुषों को 1000 mg और महिलाओं को 1200 mg कैल्शियम चाहिए। 70 वर्ष से ज्यादा उम्र में दोनों लिंगों के लिए यह मात्रा 1200 mg होनी चाहिए। इस से कम कैल्शियम लेने पर शरीर में इसकी कमी हो जाती है और कमर की हड्डियों में छेद होने शुरू हो जाते हैं।

NIH बच्चों के लिए भी कैल्शियम की जरूरी मात्रा बताता है। 6 महीने तक बच्चे को 200 mg कैल्शियम चाहिए होता है, जो आमतौर पर मां के दूध से मिल जाता है। 7 से 12 महीने के बच्चों को 260 mg, 1 से 3 वर्ष के बच्चों को 700 mg, 4 से 8 साल के बच्चों को 1000 mg और 9 से 18 वर्ष के बीच 1300 mg कैल्शियम देना चाहिए।

कैल्शियम की कमी के क्या कारण

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो उम्र बढ़ना कैल्शियम की कमी का एक मुख्य कारण है। बढ़ती उम्र के साथ कैल्शियम की कमी होना बहुत आम है। कैल्शियम हमारे शरीर की हड्डियों में होता है, और जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है तो आपकी हड्डियां पतली और कमजोर होने लगती हैं। इस स्थिति में शरीर को कैल्शियम की अधिक जरूरत पड़ती है। इसके अलावा ज्यादातर भूखे रहना, शरीर को पर्याप्त पोषण न मिल पाने, हार्मोन्स में असंतुलन के साथ ही प्रीमैच्योर डिलीवरी और मैलएब्जरेब्शन के कारण भी शरीर में कैल्शियम की कमी हो सकती है। इसके अलावा विटामिन डी की कमी भी शरीर में कैल्शियम की कमी का एक मुख्य कारण है। क्योंकि यह विटामिन शरीर में कैल्शियम के अवशोषण के लिए आवश्यक है। कैल्शियम की कमी से महिलाओं व पुरुषों में ये दिक्कतें दिख सकती हैं।

- ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी, जिसमें हड्डियों में छेद हो जाते हैं
- भूलना व भ्रम में रहना
- मांसपेशियों में ऐंठन
- हाथ-पैरों में झनझनाहट
- कमजोर दांत और नाखून
- छोटी चोट से फ्रैक्चर होना
- कमर की हड्डियों में दर्द रहना
- त्वचा को नुकसान
- दांतों में दर्द

ये चीजें कैल्शियम का मुख्य सोर्स

दही व प्लेन योगर्ट


दही व योगर्ट को कैल्शियम का बेहतरीन सोर्स माना जाता है। क्योंकि, सिर्फ 415 mg दही व योगर्ट खाने से शरीर की जरूरत का 32% कैल्शियम मिल जाता है। NIH के मुताबिक, योगर्ट खाने से सबसे ज्यादा कैल्शियम ले सकते हैं। लो फैट फ्रूट योगर्ट भी आपको पर्याप्त कैल्शियम देता है।

फोर्टिफाइड संतरे का जूस

फोर्टिफाइड ऑरेंज जूस से भरपूर कैल्शियम मिल जाता है। 349 mg फोर्टिफाइड संतरे का जूस लेने से जरूरत का 27% कैल्शियम मिल जाता है। आपको बता दे, जिन खाद्य पदार्थों में किसी पोषक तत्व को मनुष्य द्वारा जोड़ा जाता है, उसे फोर्टिफाइड फूड्स कहते हैं।

फैट फ्री दूध

NIH के मुताबिक बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को रोजाना फैट फ्री दूध का सेवन करना चाहिए। इससे कैल्शियम की कमी दूर करने में मदद मिलती है। 299 mg फैट रहित दूध पीने से दैनिक जरूरत का 23% कैल्शियम ले सकते हैं। शुद्ध दूध पीने से 21% कैल्शियम मिलेगा।

रागी

रागी में भी भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। यह हड्डियों को कमजोर होने से बचाता है।

टमाटर

टमाटर में विटामिन K होता है और ये कैल्शियम का भी अच्छा सोर्स होता है। इसलिए रोजाना टमाटर को अपनी डाइटमें शामिल करें। टमाटर हड्डियों को तो मजबूत बनाता है साथ ही शरीर में कैल्शियम की कमी को भी पूरी करता है।

अंजीर

अंजीर को भी कैल्शियम का अच्छा सोर्स माना जाता है। इसके नियमित सेवन से हड्डियों से संबंधित बीमारियां तो दूर भागती ही हैं साथ ही यह हड्डियों का विकास भी करता है। दरअसल अंजीर में Phosphorus भी होता है और यही तत्व हड्डियों का विकास करता है।

सोयाबीन

सोयाबीन में दूध के बराबर ही कैल्शियम होता है इसलिए इसे दूध के subsitiute के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है यानि जो लोग दूध नहीं पीते अगर वो रोजाना सोयाबीन का सेवन करें तो उनकी हड्डियां कमजोर नहीं होंगी।

आंवला

आंवला में मौजूद तत्व ना सिर्फ हड्डियों को मजबूत बनाते हैं बल्कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं।

सार्डिन मछली

अगर आप कैल्शियम वाले नॉन-वेजिटेरियन फूड खा सकते हैं, तो हड्डियों वाली सार्डिन मछली खाना बेस्ट है। इस मछली की हड्डियां खाने लायक होती हैं। 325 mg सार्डिन मछली खाने से दैनिक जरूरत का 25% कैल्शियम मिलता है।

हरी सब्जियां

हरी सब्जियां भी कैल्शियम से भरपूर होती हैं और रोजाना इनका सेवन करेंगे तो शरीर में कैल्शियम की कमी नहीं रहेगी। हरी सब्जियों के सेवन से ना सिर्फ हड्डियां मजबूत होंगी और उनका विकास होगा बल्कि इससे आप खुद को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से भी बचा पाएंगे।