कोरोना से जंग में भारत को मिली बड़ी कामयाबी, जल्द आ सकता है टीका

भारत में हैदराबाद की टीका कंपनी भारत बायोटेक ने कोरोना (Coronavirus) को मात देने के लिए वैक्सीन तैयार कर ली है और 2020 खत्म होने से पहले यह टीका इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो सकता है। दरअसल, फिलहाल इस वैक्सीन को एनिमल ट्रायल के लिए अमेरिका भेजा हुआ है। तीन से छह महीने तक चलने वाले इस ट्रायल में सेफ्टी साबित हुई तो भारत में इसका ह्यूमन ट्रायल होगा।

एनिमल ट्रायल के लिए अमेरिका भेजी वैक्सीन

बता दे, देश में एनिमल ट्रायल और जीन सिंथेसिस सुविधा न होने के चलते टीके का एनिमल ट्रायल अमेरिका में कराना पड़ रहा है। इसके लिए दुनिया के सबसे प्रसिद्ध जापानी वायरोलॉजिस्ट योशीहीरो कवाओका और अमेरिका के विस्कॉन्सिन मेडिसन यूनिवर्सिटी के साथ गठजोड़ किया है। योशीहीरो फ्लू वैक्सीन के वर्ल्ड अथारिटी हैं और यूनिवर्सिटी की इंफ्लूएंजा रिसर्च लैब में एनिमल ट्रायल के लिए हाईलेवल बायोसेफ्टी फैसिलिटी मौजूद है।

योशीहोरो ने एम2एसआर नाम का टीका विकसित किया है जो शरीर में फ्लू के खिलाफ प्रतिरोधकता पैदा करता है। उनकी लैब में एम2एसआर में ही सार्स कोव-2 का जीन सीक्वेंस भी जोड़ दिया गया। सार्स कोव-2 ही वह वायरस है जो कोविड-19 रोग की वजह है। इस तरह यह नया टीका कोरोना वायरस के खिलाफ भी प्रतिरोधकता पैदा करेगा। हमें नए टीके के लिए एनिमल ट्रायल के लिए जिन चूहों की जरूरत है, वह देश में उपलब्ध नहीं है। अमेरिका से उन्हें आयात करने में दो साल का वक्त लग जाता, इसलिए टीके को ट्रायल के लिए अमेरिका ही भेज दिया। भारत में रीएजेंट इंपोर्ट करने पर भी पाबंदी है।

नाक में डालनी होगी बूंद

यह टीका नेजल ड्रॉप के रूप में होगा यानी टीके की केवल एक बूंद नाक में डालनी होगी। 'कोरोफ्लू' नाम का यह टीका कोरोना के साथ फ्लू का भी इलाज करेगा। भारत बायोटेक के सीएमडी व विज्ञानी डॉ कृष्णा एला ने बताया कि कोविड-19 (Covid-19) का वायरस नाक के रास्ते शरीर में प्रवेश करता है और फेफड़ों में पहुंचकर उसे संक्रमित करता है, इसलिए टीका देने के लिए भी नाक का रास्ता चुना गया, ताकि यह वायरस पर तेज व गहरा असर कर सके।

एक बॉटल में 10-20 बूंदें ही होंगी

कंपनी ने तय किया है कि इसे मल्टी डोज वैक्सीन के रूप में तैयार किया जाएगा। यानी एक ही बोटल (बाइल) में 10 या 20 बूंदें होगी, ताकि इनका रखरखाव और डिलीवरी में आसानी हो। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में जहां आंगनवाड़ी या आशा वर्कर काम करते हैं, वे इंजेक्शन नहीं दे सकते, ऐसे में इस टीके को देने की सरल विधि होना जरूरी है। नाक में केवल एक बूंद डालने का टीका होगा तो उसकी डिलीवरी बहुत आसान होगी।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्हें इस टीके के विकास के संबंध में जानकारी मिली है। सरकार भी कोरोना को लेकर बहुत गंभीर है। हम चाहते हैं कि कोरोना का टीका जितनी जल्द हो सके, इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो। इसमें सरकार अपनी तरफ से हरसंभव मदद करेगी। प्रधानमंत्री ने सार्क देशों और अफ्रीकन देशों की मदद की घोषणा भी की है।

बता दे, देश में कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों संख्या में बढ़ोतरी जारी है। सरकारी आंकडे के अनुसार, देश में कोरोना के अब तक 4,067 मामले सामने आ चुके हैं। राजधानी दिल्ली में तो कोरोना पीड़ितों का आंकड़ा 500 के पार पहुंच गया है। महाराष्ट्र में भी आंकड़ा 700 के करीब पहुंच चुका है। इस जानलेवा वायरस ने 109 लोगों की जान ली है जबकि 292 लोग ठीक होकर घर भी जा चुके हैं। वहीं पूरी दुनिया की बात करे तो इस वायरस से 12,76,302 लोग संक्रमित हो चुके है वहीं, 69,527 लोगों की इस वायरस की वजह से मौत हो चुकी है। इस वायरस से सबसे ज्यादा मौतें अमेरिका, स्पेन और इटली में हुई है। अमेरिका में इस वायरस से 9,643, स्पेन में 13,055 और इटली में 15,887 लोगों की मौत हो चुकी है।