सुपरफूड की बात करें तो इसमें चुकंदर का नाम भी शामिल किया जाता हैं जो कई पोषक तत्वों से भरपूर होता हैं। ज्यादातर लोग इसे थाली में सलाद, सब्जी या फिर जूस के रूप में अपने डाइट में शामिल करते हैं। चुकंदर कई तरह के फायदे पहुंचाने का काम करता है और बीमारियों से बचाता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि चुकंदर हमेशा फायदा ही पहुंचाता हैं बल्कि कई लोग ऐसे होते हैं जिनके लिए चुकंदर का सेवन घातक साबित होता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको ऐसे लोगों की जानकारी देने जा रहे है जिन्हें चुकंदर का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। आइये जानते हैं इनके बारे में...
पथरी रोगियों के लिए क्लिनिकल न्यूट्रिशन रिसर्च के अनुसार, चुकंदर ऑक्सालेट से भरपूर होता है जिसका अधिक सेवन किडनी में पथरी बनने का खतरा बढ़ा सकता है। यदि आपको पहले से पथरी है तो इसे खाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए। अध्ययनों से पता चलता है कि चुकंदर यूरिन ऑक्सालेट के उत्सर्जन को भी बढ़ा देता है, जिससे कैल्शियम ऑक्सालेट के कारण किडनी में स्टोन का खतरा अधिक हो सकता है।
लिवर के मरीजों के लिए स्टडीज से पता चलता है कि चुकंदर का अत्यधिक सेवन करने से लिवर की भी समस्या हो सकती है। चुकंदर में कॉपर, आयरन, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम होते हैं। ज्यादा मात्रा में ये मिनरल्स लिवर में जाकर जमा होने लगते हैं और इसे नुकसान पहुंचाते है। चुकंदर ज्यादा खाने से शरीर में कैल्शियम की मात्रा कम होने लगती है जिससे हड्डियों की समस्या बढ़ जाती है।
डायबिटीज रोगियों के लिएचुकंदर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 61 होता है, ऐसे में डायबिटीज में चिकित्सक इसे बहुत कम मात्रा में ही खाने की सलाह देते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि डायबिटीज के रोगियों को 55 से अधिक ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजों से परहेज करना चाहिए, ये तेजी से ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ा देती हैं। डायबिटीज रोगियों में अक्सर हीमोग्लोबिन की समस्या देखने को मिलती है, चुकंदर इस कमी के लिए तो फायदेमंद हो सकता है पर इसके सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
लो ब्लड प्रेशर वाले मरीजों के लिए जिन लोगों का ब्लड प्रेशर अक्सर लो रहता है उनके लिए चुकंदर खाना हानिकारक हो सकता है, चुकंदर के सेवन से ब्लड प्रेशर और भी कम हो जाता है। चुकंदर में मौजूद नाइट्रेट शरीर के भीतर नाइट्रिक ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाते हैं। नाइट्रिक ऑक्साइड रक्त वाहिकाओं को आराम देने और रक्त को पतला करने में मदद करता है, जिससे रक्तचाप कम होता है। ऐसे में पहले से ही लो ब्लड प्रेशर के शिकार लोगों की इससे समस्या बढ़ सकती है।
एलर्जी वाले मरीजों के लिए चुकंदर की वजह से एनाफिलेक्सिस की भी समस्या हो सकती है। हालांकि इसके मामले बहुत कम ही देखने को को मिलते हैं। ये एक तरह की एलर्जी की समस्या होती है जिसकी वजह से स्किन पर चकत्ते, खुजली, सूजन या फिर अस्थमा के भी लक्षण आने लगते हैं। ऐसी स्थिति में चुकंदर का सेवन ना करने की सलाह दी जाती है।
गर्भवती महिलाओं के लिए चुकंदर में नाइट्रेट की मात्रा गर्भवती महिलाओं के लिए भी समस्या बढ़ा सकता है, गर्भवती महिलाएं नाइट्रेट के प्रभाव के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं। यह गर्भावस्था के बाद के चरण के दौरान रक्त में मेथेमोग्लोबिन के स्तर में वृद्धि का कारण बन सकता है। इसके कारण ऊर्जा की कमी, सिरदर्द, चक्कर आना, आंखों, मुंह, होंठ, हाथ और पैरों के आसपास की त्वचा का नीला-ग्रे पड़ जाने जैसी समस्या हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान आहार को लेकर विशेषज्ञों की सलाह लेते रहना आवश्यक हो जाता है।