औषधीय गुणों का खजाना है ये पौधा, नियमित सेवन से इन गंभीर बिमारियों में मिलेगा आराम

तुलसी, नीम और अश्वगंधा जैसे पेड़-पौधों के लाभों के बारे में तो आप अक्सर सुनते है। इनके सेवन से सेहत को कई तरह के फायदे होते है लेकिन कुछ ऐसे पौधे भी होते है जिनके बारे में हम अक्सर नहीं सुनते है। ऐसे एक पौधे के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे है। इस आयुर्वेदिक पौधे का नाम है चांगेरी जिसे चंगेरी घास भी कहा जाता है। इसके इस्तेमाल से सेहत को अनगिनत फायदे हो सकते हैं।

चांगेरी छोटे-छोटे हरे पत्तों का पौधा होता है। इस पर पीले रंग के फूल आते हैं। इसका स्वाद खट्टा होता है और यह बच्चों को बहुत पसंद आता है। चंगेरी घास को इंडियन सोरेल नाम से जाना जाता है और इसका लैटिन नाम ऑक्सालिस कॉर्निकुलाटा (Oxalis corniculata) है।

इस औषधीय पौधे पर किए गए विभिन्न अध्ययनों से पता चलता है कि इसमें पोटैशियम, कैल्शियम और कैरोटीन भी पाया जाता है। इसके अलावा इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीकॉन्वेलसेंट, एंटीफंगल, एंटी-अल्सर, एंटीनोसाइसेप्टिव, एंटीकैंसर, एंटीडायबिटिक, हेपेटोप्रोटेक्टिव, हाइपोलिपिडेमिक, एंटीमाइक्रोबियल और घाव भरने वाले गुण होते हैं।

सिरदर्द और माइग्रेन का इलाज

चांगेरी एंटीनोसाइसेप्टिव गुणों से भरपूर होता है, जो शरीर के किसी भी हिस्से में होने वाले दर्द को दूर करने में लाभकारी होता है। सिरदर्द और माइग्रेन के दर्द होने पर यह पौधा आपको राहत दे सकता है। इसके लिए चांगेरी के पत्तों को चबाकर थोड़ा गर्म पानी पी लें। यह नुस्खा कुछ ही दिनों में आपके पुराने सिरदर्द से राहत दिलाएगा।

दांत और मसूड़ों की बीमारी होगी दूर

अगर आप मुंह की दुर्गंध, मसूड़ों के रोग या दांतों की कमजोरी से ग्रसित हैं, तो चंगरी के पत्ते आपको राहत पहुंचा सकता हैं। मुंह की दुर्गंध को दूर करने के लिए चांगेरी के 7-8 पत्तों को धोकर अच्छी तरह चबा लें। ये पत्ते माउथ फ्रेशनर का काम करते हैं।

पेट की बिमारियों से राहत

यह पौधा पेट से जुड़ी किसी भी समस्या से आपको राहत दिला सकता है। इसके लिए एक पूरा पौधा लें और उसका रस निकाल लें। रस में काली मिर्च और 4 गुना दही मिलाएं। इसे पकाकर नियमित रूप से रोगी को दें।

बवासीर से दिला सकता है राहत

बवासीर और कब्ज की समस्या आज आम हो गई है। ऐसे में राहत पाने के लिए आप चांगेरी के पत्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए पत्तों को घी में भून लें और फिर इससे पकवान तैयार करें। इसे रोगी को दही के साथ दें। यह फाइबर के बेहतर स्रोत है।

डायबिटीज के रोगियों के लिए

रोजाना सुबह चांगेरी के पत्ते चबाने से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में मदद मिल सकती है। इसके पत्तों का रस पीने से शुगर कंट्रोल हो सकता है।

पीलिया के इलाज में

पीलिया के मरीजों को चांगेरी के पौधे से फायदा हो सकता है। पीलिये में आराम पाने के लिए आप इसके खट्टे पत्तों को चबा सकते हैं या इसका जूस पी सकते हैं।

पिंपल्स और काले धब्बे करे दूर

चांगेरी के पत्तों को पीस लें और उसे चंदन के पेस्ट के साथ मिलाएं। इस पेस्ट को चेहरे पर फेसपैक की तरह लगाएं और 15 मिनट बाद धो लें। इससे पिंपल्स और काले धब्बे की समस्या तो दूर होगी ही साथ ही में स्किन की रंगत भी सुधरती है। रिसर्च के अनुसार, चांगेरी एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीकॉन्वेलसेंट, एंटीफंगल, एंटीमाइक्रोबियल जैसे गुणों से भरपूर होता है, जो स्किन की परेशानी को दूर कर सकता है। चांगेरी में मौजूद इन गुणों से आप चर्म रोग से बच सकते हैं।

यूरिन इंफेक्शन में लाभदायक

यूरिन इंफेक्शन (यूटीआई) की समस्या होने पर चांगेरी का इस्तेमाल किया जा सकता है। एक रिसर्च के मुताबिक, यह एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है, जो यूरिन इंफेक्शन की समस्याओं से बचाव करने में मददगार होता है। इसके अलावा इसमें मूत्रवर्धक गुण होता है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता।