आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग फिट तो रहना चाहते है लेकिन समय के आभाव के चलते ना कोई व्यायाम करता है और ना ही संतुलित खान पान करता है। इसका सबसे ज्यादा असर पढता है शरीर पर। यदि हम ध्यान दे तो आज हर तीसरा-चौथा व्यक्ति अपने बढ़ते वजन को लेकर परेशान दिखेगा। खासकर आज की युवा पीढी अपनी खराब लाइफस्टाइल की वजह से कई ढेर सारी बीमारियों का शिकार अपनी उम्र से पहले ही बन रही है, इसलिये आज हम आपको पॉवर योगा के बारे में बताने जा रहे जिसकी मदद से आप कम समय में अपने आप को फिट रख सकते है।
क्या है पावर योगा? पावर योगा की इतनी तारीफे सुनने के बाद आप जरूर यही जानने के लिए उत्सुक होंगे की पावर योगा क्या है। यह योग थोड़ा थोड़ा ऐरोबिक्स की तरह है और इसके मूवमेंट काफी तेज होते हैं यह एक ऐसी योग क्रिया है जिसकी मदद से आप अपने शरीर को बहुत ही कम समय व्यायाम करके शक्तिशाली और स्फूर्तिवान बना सकते हैं। पावर योगा को सूर्य नमस्कार के 12 आसनों और कुछ अन्य आसनों को मिलाकर बनाया गया है। इससे मिलने वाले फायदों और कई क्रियाओ का समावेश होने के कारण इसे पावर योगा नाम दिया गया है। पावर योगा एक तरह का योग ही है, जिसमें आपको केवल दिनभर में 45 मिनट का समय देना होगा। पावर योगा में सभी क्रियाएं बहुत तेजी और बिना रुके की जाती हैं। जिससे शरीर की कैलोरी बर्न होती है और खूब सारा पसीना आता है।
पावर योगा करने से लाभकैलोरी बर्न होती है। शरीर का स्टैमिना, ताकत, लचीनापन बढता है। ब्लड सर्कुलेशन बढता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है। पसीने दा्रा सारी गंदगी बाहर निकलती है। तनाव और अवसाद दूर होता है।
क्या पावर योगा अन्य कार्डियो और ताकत बढाने वाली एक्सरसाइजों से बेहतर है? जहां 1 घंटे पावर योगा करने से शरीर की 200 कैलोरी बर्न होती हैं। वहीं पर दूसरी एक्सरसाइज, जैसे ऐरोबिक्स, स्वीमिंग और जौगिंग से 1 घंटे में 300 - 400 तक की कैलोरी बर्न हो जाती है। लेकिन पावर योगा आपकी बॉडी को अच्छी प्रकार से टोन करता है, वो भी शरीर के किसी भी हिस्से पर बिना कोई जोर दिये हुए। इसलिये यह योग बूढे लोगो के लिये अच्छा माना जाता है क्योंकि इससे उनकी हड्डी और मसल्स पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता। सप्ताह में कम से तीन बार पावर योगा जरूर करें। इसमें शरीर की कैलोरी जलाने की क्षमता बढती है जिससे आसानी से मोटापा कम करके शरीर को आकर्षक शेप दिया जा सकता है। अगर कमर दर्द रहता है, तो भी इसे करने से रीढ की हड्डी को ताकत मिलती है।