मेडिटेशन ध्यान को भारत की खोज माना जाता रहा है। मानसिक शांति, एकाग्रता और अपने आन्तरित विकास के लिए ध्यान का सहारा लिया जाता है। भारत में जब से सोशल मीडिया का प्रचलन बढ़ा है तभी से लोगों की रुचि ध्यान में ज्यादा हुई है। योग गुरु बाबा रामदेव भी अपने यूट्यूब चैनल पर ध्यान का प्रचार-प्रसार करते रहते हैं। हाल ही में हुए एक शोध में भी यह बात साबित हो गई है कि भारत में लोग मानसिक शांति और अपने आंतरिक विकास के लिए ध्यान का सहारा लेते हैं। मेडिटेशन एकाग्रता बढ़ाने का काम करता है। मेडिटेशन मस्तिष्क के उन दो कनेक्शन को जोड़ता है जो एकाग्रता के साथ सोचने और ध्यान लगाने के लिए प्रेरित करता है।
ध्यान लगाने से मानसिक स्वास्थ्य को तो फायदा होता ही है, लेकिन इसका सबसे बड़ा लाभ व्यक्तिगत स्तर पर होता है, क्योंकि ध्यान या मेडिटेशन आपको अपने शरीर और इंद्रियों के प्रति सजग बनाता है। लेकिन आमतौर पर, लोगों को मेडिटेशन करने के तरीके के बारे में काफी शंका रहती हैं।
कई लोगों के मन में यह प्रश्न उठता है कि आखिर ध्यान लगाया कैसे जाए। इसकी शुरूआत कहाँ से और कैसे करनी चाहिए। क्या इसके लिए किसी मंत्र आदि जाप करना चाहिए इत्यादि . . . इत्यादि। इस बारे में मेडिटेशन अध्यापक और साइकोलॉजिस्ट कहते हैं कि ध्यान लगाने का हर किसी का अपना तरीका हो सकता है, जो आपको सही लगे उसे अप्लाई करना चाहिए। कहने का तात्पर्य यह है कि जो आपको कंफर्टेबल लगता हो उसी में ध्यान लगाइए। इसका मकसद होता है ऐसा पोज खोजना जहां आपका शरीर शांति और मजबूत महसूस करता है।
मेडिटेशन एक दिलचस्प प्रक्रिया है। जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है। ध्यान लगाने से इंसान अपने शरीर और आसपास के वातावरण के प्रति जागरूक होता है। मानसिक स्वास्थ्य के साथ मेडिटेशन शारीरिक फायदे भी पहुंचाता है। जी हां, ये हम नहीं बल्कि खुद सरकारी स्वास्थ्य विभाग मानते हैं। मेडिटेशन को लेकर जितने भी अध्ययन हुए हैं, उनमें यह खुलासा हुआ है कि मेडिटेशन दर्द समेत कई शारीरिक समस्याओं से राहत देता है।
दर्द से राहतकई रिसर्च में मेडिटेशन के अंदर दर्द से राहत देने वाले गुण देखे गए हैं। लगभग पाँच साल पहले हुई एक रिसर्च में भी यह बात सामने आई कि पेन किलर दवाओं के साथ मेडिटेशन करने से दर्द प्रभावशाली तरीके से कम होता है।
हाई ब्लड प्रेशरअभी कुछ माह पूर्व हुए एक और अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि नियमित रूप से मेडिटेशन करना हाई ब्लड प्रेशर की समस्या पर प्रभाव डालता है। इस प्रमाण को बाद में अमेरिकन हार्ट असोसिएशन की तरफ से मिले बयान को भी मजबूती मिली थी।
आईबीएस सिंड्रोमआईबीएस सिंड्रोम बड़ी आंत से जुड़ी समस्याओं को कहा जाता है। एक दशक पूर्व एक अध्ययन में यह बात सामने आई थी की मेडिटेशन के जरिये बड़ी आंत से जुड़ी समस्याओं को पूरी तरह से खत्म तो नहीं किया जा सकता, लेकिन उसे 90 प्रतिशत तक दूर किया जा सकता है। अर्थात् आईबीएस के लक्षणों को कम करने में मेडिटेशन बहुत लाभदायक है।
अन्य शारीरिक समस्याएँमेडिटेशन करने से तनाव, चिंता, अवसाद, इंसोम्निया आदि में कमी के साथ अल्सरेटिव कोलाइटिस, धूम्रपान की आदत, रजोनिवृत्ति के लक्षण, थकान आदि समस्याओं में भी राहत मिलती है।
एक विचार पर केंद्रित होना है मेडिटेशनविशेषज्ञों का कहना है कि ध्यान लगाने का मतलब एक विचार पर केंद्रित होना होता है। चाहे वह आपके ईश्वर हो सकते हैं, चाहे आपका प्रेमी, चाहे आपकी सांसे या चाहे कोई आवाज। इसके अलावा, मेडिटेशन कितने भी समय तक किया जा सकता है, लेकिन कम से कम 15-20 मिनट जरूर ध्यान लगाना चाहिए।
आइए डालते हैं एक नजर उन तरीकों पर, जिन्हें मेडिटेशन करने से पूर्व हमें ध्यान में रखना चाहिए—
1. मेडिटेशन करने के लिए सबसे पहले एक कपड़े या गद्दे पर आरामदायक जगह और मुद्रा में बैठ जाएं। बैठने से पहले शरीर को थोड़ा स्ट्रेच जरूर कर लें।
2. अब गर्दन, छाती, कमर को सीधा रखते हुए कंधों को आराम की स्थिति में ले आएं और आंखें आराम से बंद कर लें।
3. सबसे पहले गहरी सांस लेना शुरू करें। सांस को नाक के छिद्रों से होते हुए पेट में जाने और फिर वापिस आने तक महसूस करें। जितनी लंबी सांस ले सकते हैं, लेते रहें और फिर पूरी सांस छोड़ें।
4. इसके साथ धीरे-धीरे अपने प्रिय व्यक्ति, विचार, ईश्वर या सांस पर ही ध्यान केंद्रित करें।
5. इस दौरान अन्य विचार आएंगे, लेकिन घबराएं नहीं। अन्य विचारों को आने और जाने दें और बार-बार अपने प्रिय विचार पर ध्यान लगाएं।
6. जब आपको मेडिटेशन खत्म करना हो, तो आंखें बंद रखते हुए ही धीरे-धीरे अपने आसपास की चीजों पर ध्यान वापिस लाएं। जैसे आप किस चीज पर बैठे हैं, आपके हाथ किस मुद्रा में हैं, आसपास किस चीज की आवाज आ रही है आदि-आदि।
7. इसके बाद धीरे-धीरे आंखें खोलें और उठ जाएं।
कुल मिलाकर सिर्फ 10 मिनट का ध्यान आपके जीवन को सुंदर बनाएगा। एकाग्र करेगा और जिसका परिणाम यह होगा कि आप जो भी काम करेंगे, वो बेहतर तरीके से होगा।