थाइरोइड, क़ब्ज़, मधुमेह, अपच से निजात दिलाता है उत्तानपादासन, जाने और फायदे

अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में अक्सर काम के बोझ के चलते व्यक्ति के शरीर में थकान और मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या आने लगती हैं, जिसका जल्द इलाज करना बहुत जरूरी होता हैं। इसके लिए योग ही आपकी राह आसान करता हैं। योग में कई तरह के आसन होते हैं और इस कड़ी में आज हम आपको जिस आसन की विधि और फायदे बताने जा रहे हैं वो हैं उत्तानपादासन। तो चलिए जानते हैं उत्तानपादासन की विधि और फायदे के बारे में।

* उत्तानपादासन करने की विधि

दंडासन में बैठ जायें। हल्का सा हाथों से ज़मीन को दबाते हुए, और साँस अंदर लेते हुए रीढ़ की हड्डी को लंबा करने की कोशिश करें। अब पीठ को धीरे धीरे पीछे की तरफ ले जायें। कोहनियों को ज़मीन पर टीका कर धड़ को सहारा दें। अब गर्दन को लंबा करते हुए सिर को भी ज़मीन की तरफ झुकायं। पीठ और सिर को तब तक झुकाते रहें जब तक की सिर ज़मीन को ना छू ले। अब दोनो टाँगों को एक साथ उठा कर 70 दर्जे तक ले जायें फिर दोनो बाज़ुओं को भी उठायें, हाथों को जोड़ लें और उंगलियों का रुख़ पैरों की तरफ कर लें। दृष्टि को नाक पर रखें। अगर आपको यह करने से दिक्कत होती है संतुलन बनाए रखने में तो दृष्टि को नाभी पर भी रख सकते हैं। अपनी क्षमता के मुताबिक 60 से 90 सेकेंड तक इस मुद्रा में रहें और फिर धीरे से पैरों को वापिस ले आयें। शुरुआत में कम देर करें (30 सेकेंड भी पर्याप्त है) और धीरे धीरे समय बढ़ायें।

* उत्तानपादासन करने के फायदे

- गर्दन और छाती की मासपेशियों में खिंचाव लाता है।

- गर्दन और कन्धों की मासपेशयों को तनाव मुक्त करता है।

- उत्तानपादासन थाइरोइड, क़ब्ज़, मधुमेह, अपच, तंत्रिका कमजोरी और चिंता से परेशान लोगों के लिए चिकित्सीय है।