हर इंसान चाहता है कि उसके चहरे की चमक और तेज उम्र के साथ काम ना हों और यूँ ही बना रहे। इसके लिए सबसे जरूरी होता हैं शरीर में रक्त परिसंचरण का सही होना और सही पाचन होना। और इसके लिए प्राणायाम आपका बहुत साथ देगा। योग में प्राणायाम का भी अपना विशेष महत्व होता हैं और इस कड़ी में आज हम आपको जिस प्राणायाम की विधि और फायदे बताने जा रहे हैं वो हैं कपालभाती प्राणायाम। तो चलिए जानते हैं कपालभाती प्राणायाम की विधि और फायदे।
* कपालभाती प्राणायाम करने की विधि सबसे पहले किसी आरामदायक आसन पर बैठ जाएं। अब सिर और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रख लें। आंखे बंद कर लें और पूरे शरीर को ढीला छोड़ दें। अब दोनों नासिका छिद्रों से गहरी सांस लें और पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए सांस छोड़ें। लेकिन ध्यान रहे सांस छोड़ते समय अधिक जोर न लगाएं। अब फिर से जब सांस लें तो पेट की पेशियों पर बिना प्रयास लगाएं सांस लें। सांस आराम से लें, इसमें किसी प्रकार का प्रयास न लगाएं। शुरुआत में दस बार सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया करें। इस चक्र को तीन से पांच बार दोहराएं। आसन का अभ्यास पूरा होने के बाद शान्ति का अनुभव करें।
* कपालभाती प्राणायाम करने के फायदे - यह उपापचय (मेटबॉलिज़म) प्रक्रिया को बेहतर करने में मदद करता है और इस से वज़न कम होता है।
- आपके शरीर की सभी नाड़ियों को शुध करता है।
- पेट की मासपेशियों को मज़बूत करता है। यह मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए बहुत ही लाभदायक है।
- शरीर में रक्त के परिसंचरण को सही करता है और इस से चेहरे पर दमक बढ़ती है।
- पाचन अंगों को उत्तेजित करता है जिस से पोषक तत्व शरीर में पूर्ण रूप से संचारित होते हैं।
- आपकी पेट कि चर्भी कपालभाति करने से अपने आप कम हो जाएगी।
- मन को शांत करता है।
- यौन संबंधी कई विकारों को ठीक करता है।