कई वर्षों से आयुर्वेद में इस्तेमाल होने वाले त्रिफला के बारें में सुना होगा, यह 1,000 से अधिक वर्षों से उपचार के उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। यह पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक प्रधान है, जो दुनिया की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। त्रिफला के उपयोग से पेट की बीमारियों को दूर किया जाता रहा है। यह भी माना जाता है कि यह दीर्घायु और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। इसे एक पॉलीहर्बल दवा माना जाता है, जिसका अर्थ है कि इसमें कई अलग-अलग औषधीय जड़ी-बूटियाँ हैं। त्रिफला को आंवला, विभतकी और हरीतकी जड़ी बूटियों के साथ मिश्रण बना कर मुख्य रूप से उपयोग में लिया जाता है। तो चलिए आपको बताते हैं त्रिफला के फायदे और नुकसान।
वजन कम करने में मददगारत्रिफला वजन कम करने में काफी मदद करता है। अगर आप वजन कम करने की लंबे समय से कोशिश कर रहे है, तो त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से वजन कम करने में मदद मिलती है। त्रिफला के चूर्ण में ऐसे तत्व पाए जाते है, जो भूख को बढ़ने से रोकते है। जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
कब्ज की समस्या से राहतलाइफस्टाइल में कमी और कई बार गलत खानपान की वजह से आजकल कब्ज की परेशानी कई लोगों में हो जाती है। त्रिफला का चूर्ण का सेवन करने से कब्ज को दूर करने में मदद मिलती है। ऐसे में त्रिफला का चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लेने से कब्ज की समस्या आसानी से दूर होती है।
इम्यूनिटी को बढ़ाएत्रिफला का चूर्ण का सेवन करने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है और शरीर में कोई बीमारी भी नहीं लगती। त्रिफला का चूर्ण शरीर को हेल्दी रखने में मदद करता है। त्रिफला का चूर्ण नियमित खाने से शरीर शारीरिक कमजोरी दूर होती है और शरीर स्वस्थ रहता है।
स्किन के लिए फायदेमंदत्रिफला का चूर्ण सेवन करने से स्किन की कई समस्याएं आसानी से दूर होती हैं। त्रिफला में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टी स्किन को हेल्दी रखने में मदद करती हैं। त्रिफला चूर्ण के नियमित सेवन से पिंपल्स, फाइन लाइंस और झाइयों की समस्या आसानी से दूर होती हैं।
आँखों को रखे हेल्दीत्रिफला का चूर्ण खाने से आंखों को हेल्दी रखने में मदद मिलती है। त्रिफला का चूर्ण कंजेक्टिवाइटिस और मोतियाबिंद जैसी बीमारियों को कम करने में मदद करती हैं। त्रिफला का चूर्ण खाने से आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद मिलती है।
त्रिफला के नुकसान
पाचन तंत्र को नुकसानत्रिफला एक हल्का रेचक है और गैस, दस्त, ऐंठन, पेट खराब और कई अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रभाव पैदा कर सकता है। आप किस प्रकार के त्रिफला का सेवन कर रहे हैं, इसके आधार पर लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। यदि आप इन समस्याओं को नोटिस करते हैं, तो अपनी खुराक कम करना या कुछ दिनों के लिए इसे पूरी तरह से बंद करना सबसे अच्छा है।
रक्तचाप को अत्यधिक से करें कमत्रिफला अपने मधुमेह विरोधी गुणों के लिए लोकप्रिय है। हालांकि, अगर पहले से मधुमेह की दवा लेने वाले लोग त्रिफला का अत्यधिक सेवन करते हैं, तो उनका रक्तचाप खतरनाक रूप से निम्न स्तर तक गिर सकता है। त्रिफला में मौजूद सोर्बिटोल और मेन्थॉल की मात्रा इस प्रभाव का मुख्य कारण हैं। जिन लोगों को पहले से ही निम्न रक्तचाप है उन्हें त्रिफला से बचने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि यह इसे और भी कम करता है।
गर्भावस्था में समस्या पैदा कर सकता हैत्रिफला को गर्भवती महिलाओं में गर्भपात का कारण माना जाता है। यह गर्भवती माताओं पर हानिकारक प्रभाव डालता है।