आयुर्वेद के अनुसार दूध के साथ इन 5 चीजों का सेवन न करें, सेहत पर हो सकते हैं ये 5 हानिकारक प्रभाव

आयुर्वेद चिकित्सा में कहा गया है कि एक स्वस्थ शरीर के लिए खानपान से जुड़े नियमों का पालन करना जरूरी है। यदि सही आहार नहीं लिया जाता, तो शरीर के तीन मुख्य तत्व – वात, पित्त और कफ का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। आयुर्वेद में दूध के साथ कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन को नकारा गया है, क्योंकि यह दूध के पोषण मूल्य को कम कर सकता है या पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। आइए जानते हैं वे 5 चीजें, जिन्हें दूध के साथ नहीं खाना चाहिए।

खट्टे फल

आयुर्वेद के अनुसार, कभी भी खट्टे फल जैसे संतरा, नींबू, अंगूर, या अन्य खट्टे फल दूध के साथ नहीं खाने चाहिए। खट्टे फलों में उच्च अम्लीयता होती है, जो पाचन तंत्र में गड़बड़ी पैदा कर सकती है। इसके अलावा, यह दूध के पोषण मूल्य को कम करके कैल्शियम और अन्य पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डाल सकता है। ऐसे फूड कॉम्बिनेशन से शरीर में अम्लता बढ़ सकती है, जिससे पेट की समस्या और एसिडिटी भी हो सकती है।

मसालेदार भोजन

अगर आपने मसालेदार भोजन खाया है तो उसके बाद दूध का सेवन न करें। मसालेदार खाने से शरीर में गर्मी बढ़ती है, जिससे पेट में जलन और एसिडिटी होती है। दूध में प्रोटीन कैसिइन पाया जाता है, जो पाचन को धीमा कर सकता है। मसालेदार भोजन और दूध का मिश्रण पाचन तंत्र को और भी प्रभावित कर सकता है और पेट में असुविधा या अपच जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। इसलिए, मसालेदार भोजन और दूध का संयोजन पाचन के लिए उचित नहीं होता।

सी फूड

मछली और अन्य सी फूड को दूध के साथ नहीं खाना चाहिए, क्योंकि मछली और दूध की तासीर अलग-अलग होती है। दोनों को एक साथ खाने से शरीर में केमिकल असंतुलन पैदा हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप अपच, पेट खराब और अन्य पाचन समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यह संयोजन शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है और सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

दूध के साथ हाई फाइबर फूड

अगर आप दूध के साथ हाई फाइबर फूड जैसे दलिया, मक्का, चिउड़े या अन्य उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ खाते हैं, तो यह दूध के पाचन को धीमा कर सकता है। इससे सूजन, गैस, और पेट में असुविधा हो सकती है। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों के साथ दूध का सेवन पेट में भारीपन पैदा कर सकता है, जिससे पाचन तंत्र पर दबाव बढ़ता है और कब्ज की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

पत्तेदार हरी सब्जियां

पत्तेदार हरी सब्जियों जैसे पालक में ऑक्सालिक एसिड पाया जाता है, जो दूध में मौजूद कैल्शियम के साथ मिलकर कैल्शियम ऑक्सालेट क्रिस्टल बना सकता है। यह क्रिस्टल गुर्दे या मूत्र पथ में रुकावट पैदा कर सकते हैं, जो बाद में गुर्दे की समस्या या मूत्र संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं। इसलिए, इन सब्जियों को दूध के साथ नहीं खाना चाहिए।

इन 5 खाद्य पदार्थों के साथ दूध का सेवन करने से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इनका मिश्रण शरीर में पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। आयुर्वेद में इस प्रकार के संयोजनों से बचने की सलाह दी जाती है ताकि शरीर में किसी प्रकार की असंतुलन न हो और पाचन सही तरीके से हो सके।