आंखों में दिख रहे ये लक्षण तो हो सकते हैं Omicron से संक्रमित, नजरअंदाज करना हो सकता है घातक

पूरी दुनिया में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट की वजह से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही हैं। ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट्स लोगों को ओमिक्रॉन के हर एक लक्षण के बारे में बता रहे हैं ताकि समय रहते इनकी पहचान की जा सके। ऐसे में अब डॉक्टर्स का कहना है कि कोरोना के नए वैरिएंट का पहला लक्षण मरीज की आंखों से दिखना शुरू हो सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 'आंखों से जुड़ी समस्या' को असामान्य या कम दिखाई देने वाले लक्षणों के रूप में सूचीबद्ध किया है। इसमें आंखों से जुड़े एक या एक से ज्यादा लक्षण शामिल हो सकते हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, आंखों में लालपन या आंख के सफेद भाग और पलक की परत पर सूजन (कंजेक्टिवाइटिस) ओमिक्रॉन के लक्षण हो सकते है। इसके अलावा जलन और दर्द भी नए वैरिएंट के संक्रमण की निशानी है। आंखों से धुंधला दिखाई देना, लाइट सेंसिटिविटी या आंख से पानी बहना भी इसके लक्षण हो सकते हैं।

हालांकि, केवल आंखों से जुड़े लक्षण दिखने का यह मतलब नहीं कि आप ओमिक्रॉन से संक्रमित हो। कई बार आंखों से जुड़ीं समस्याएं दूसरी वजहों से भी हो सकती हैं। इसलिए कोविड के अन्य लक्षणों पर भी गौर करना बेहद जरुरी हैं।

क्या कहती है स्टडी?

भारतीय शोधकर्ताओं ने कोरोना में आंखों से जुड़े लक्षण किसी इंसान के संक्रमित होने का पहला स्टेप हो सकता है और इसे एक शुरुआती चेतावनी भी समझा जा सकता है। हालांकि, कुछ स्टडीज ने आंखों से जुड़े लक्षणों की व्यापकता को अधिक बढ़ा दिया है। एक स्टडी में दावा किया गया है कि 35.8% हेल्दी लोगों की तुलना में 44% कोविड के मरीज आंखों से जुड़ी समस्याओं का सामना करते हैं। इसमें आंख से पानी बहना और लाइट सेंसिटिविटी जैसे लक्षण सबसे ज्यादा कॉमन हैं।

BMJ Open Ophthalmology में प्रकाशित एक प्रारंभिक स्टडी के मुताबिक, कोविड-19 के 83 मरीजों में से 17% ने आंखों में जलन और 16% ने आंखों में दर्द की शिकायत रही हैं। मरीज के रिकवर होने के साथ-साथ उसकी आंखों की कंडीशन में भी सुधार देखा गया है।

'किंग्स कॉलेज स्टडी ऑफ लॉन्ग कोविड' की मानें तो 15% लोगों ने इंफेक्शन के एक महीने बाद कंजेक्टिवाइटिस या आंख में लालपन जैसे लक्षणों की सूचना दी है।

आंखों के जरिए कैसे प्रवेश करता है वायरस?

'गोल्डन आई' की जनरल प्रैक्टिशनर निसा असलम का कहना है कि आँखों में वो सेल रिसेप्टर्स होते है जिनसे कोरोना शरीर में प्रवेश करता है। वायरस इन रिसेप्टर्स को धोखा देकर शरीर में प्रवेश करता है। ये रिसेप्टर्स आंख के कई अलग हिस्सों में पाए जाते हैं, जैसे कि रेटिना को रेखाबद्ध करने वाली कोशिकाएं, आंख का सफेद भाग या पलक।

कई स्टडी के शुरुआती नतीजों में कहा गया है कि डेल्टा और बीटा की तुलना में ओमिक्रॉन में इन रिसेप्टर्स से जुड़ने की अधिक क्षमता होती है। अगर ऐसा है तो फिर आंख से जुड़े लक्षण भी ओमिक्रॉन संक्रमण का संकेत हो सकते हैं।

आंख में लक्षण दिखे तो क्या करें?


कोरोना से संक्रमित कुछ लोगों में आंख से जुड़े लक्षण शायद बहुत कष्टदायी ना हों, लेकिन कुछ लोगों को इससे ज्यादा परेशानी हो सकती है। आंखों से जुड़ी इन दिक्कतों का घर पर इलाज किया जा सकता है।

NHS के मुताबिक, इसके लिए पानी गर्म करें और फिर उसे ठंडा हो जाने दें। इसके बाद किसी साफ कॉटन पैड को गीला करके सावधानी के साथ आंखों को पोंछें।

तकलीफ से राहत पाने के लिए आप चाहें तो कुछ मिनट के लिए ठंडा कपड़ा आंखों पर रख सकते हैं। अगर दिक्कत ज्यादा है तो आपको डॉक्टर्स से तुरंत संपर्क करना चाहिए।