बढ़ती उम्र शारीरिक क्षमता को कम करने के साथ-साथ दिमाग को भी कमजोर करने लगती है। दिमाग की माँसपेशियाँ ढीली पड़ने लगती हैं जिस वजह से मस्तिष्क ठीक से काम नहीं कर पाता। यदि समय रहते इसकी सेहत पर ध्यान न दिया जाए तो याददाश्त प्रभावित हो सकती है और अन्य शारीरिक एवं मानसिक गतिविधियों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए उम्र बढ़ने के साथ-साथ दिमाग की मांसपेशियों को लचीला बनाकर चुस्त-दुरुस्त रखें।
जब उम्र बढ़ती जाती है तो शरीर के साथ-साथ मस्तिष्क में कई तरह के बदलाव होते हैं। ऐसे में बढ़ती उम्र के साथ इसे सक्रिय बनाए रखना बहुत जरूरी है। कुछ ऐसी गतिविधियाँ हैं जो इसमें आपकी मदद कर सकती हैं।
संगीत सुनें या सीखेंविज्ञान भी इस तथ्य को स्वीकारता है कि खुशनुमा और मनपसंद संगीत हमारी रचनात्मक सोच और दिमाग की शक्ति को मजबूत करता है। इसलिए कुछ लोग माइनर सर्जरी के समय एनेस्थीसिया लेने के बजाय संगीत सुनना पसन्द करते हैं, जिससे उनका ध्यान सर्जरी के दर्द पर जा ही नहीं पाता। इसी प्रकार संगीत सीखने का अर्थ भी अपने दिमाग को कुछ नया याद रखने की चुनौती देने जैसा है, जिससे दिमाग की मांसपेशियाँ उत्तेजित हो जाती हैं।
सीखें कुछ नयाजिस तरह से हम अपने रोजमर्रा के काम करते हैं, वैसे ही हमारा दिमाग प्रोग्राम हो जाता है और उसी ढर्रे पर चलने लगता है। ऐसे में किसी भी नई गतिविधि या बदलाव को मस्तिष्क एक चुनौती के रूप में लेने लगता है, जिसका समाधान ढूंढ़ने में उसे सक्रिय होकर मेहनत करनी पड़ती है। किसी की मदद लेकर परिचित रास्तों से अलग किसी नए रास्ते पर चलना, खाना बनाना सीखना, कोई नई भाषा या नई कला सीखना आदि कुछ ऐसे ही काम हैं जो दिमाग की मांसपेशियों को सक्रिय बनाते हैं। इसके अलावा दिमाग में गणित के सवाल हल करना, कुछ याद करना या अपनी दैनिकचर्या में फेरबदल करना भी मस्तिष्क को सक्रिय रखने में बहुत कारगर है।
व्यायाम जरूरी हैएक शोध में पाया गया है कि रोजाना की गई सिर्फ दस मिनट की कसरत से ही हमारे दिमाग का वो हिस्सा सक्रिय हो जाता है जो नई बातें और चीजें याद रखने का कार्य करता है। इसी प्रकार कोई काम करने से पहले हल्का फुल्का व्यायाम भी दिमाग को उत्तेजित कर भरपूर सक्रिय कर देता है और आप ज्यादा बेहतर तरीके से काम कर पाते हैं। परन्तु इस उम्र में व्यायाम चिककत्सक की सलाह से ही करें। आपको कौन सा व्यायाम करना चाहिए, उनसे पूछ सकते हैं।
सीखें नए शब्दकई शोध बताते हैं कि नए शब्द सीखना दिमाग की मांसपेशियों को सक्रिय बनाता है। वैसे तो हमारा मस्तिष्क तरंगों को ग्रहण कर उनके अनुसार काम करता है। लेकिन देखने और सुनने सम्बन्धी क्रियाकलापों के प्रसंस्करण के लिए शब्दावली की आवश्यकता पड़ती है। ऐसे में किसी भी नए शब्द का इस्तेमाल दिमाग को उसे समझने और याद रखने के लिए सक्रिय कर देता है। इसलिए पढ़ते समय नोटबुक अपने साथ रखें और नए शब्द उसमें लिखें और इन शब्दों को रोजाना की बातचीत में शामिल करें।
सन्तुलित आहार लेंपोषण की कमी हमारी शारीरिक क्षमताओं को घटाने के साथ-साथ मानसिक ऊर्जा को भी खत्म करने लगती है। इसलिए हमेशा सन्तुलित आहार का ही सेवन करना चाहिए। वैसे भी उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारे पोषक तत्वों को ग्रहण करने की क्षमता भी प्रभावित होने लगती है। लिहाजा बढ़ती उम्र में खानपान सम्बन्धी आदतों में बदलाव लाना जरूरी हो जाता है। कम वसा युक्त आहार, कम कोलेस्ट्रॉल और उच्च एंटीऑक्सीडेंट वाला भोजन जैसे ताजा फल, सूखे मेवे, बेरीज, मौसमी सब्जियाँ, सीमित मात्रा में चॉकलेट और मसालों का सेवन मस्तिष्क की कोशिकाओं को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं।
दोनों हाथों से काम करेंहमारे मस्तिष्क के दो हिस्से होते हैं जिन्हें राइट साइड ब्रेन और लेफ्ट साइड ब्रेन के नाम से जाना जाता है। कोई भी कार्य करते समय दिमाग का एक हिस्सा ही सक्रिय होता है, लेकिन दोनों हाथों से एक ही समय में दो अलग-अलग काम करने से दोनों हिस्से सक्रिय हो जाते हैं। मानसिक शक्ति बढ़ाने के लिए यह एक बेहद प्रभावशाली व्यायाम है।