ये हैं प्रेग्नेंट होने के 9 शुरुआती लक्षण, शरीर में होते है ये बदलाव

प्रेग्नेंसी का एहसास हर महिला के लिए सबसे अहम पल माना जाता है। इसकी जांच के लिए बाजार में कई सारी दवाइयों के साथ ही उपकरण भी मौजूद हैं। हालांकि, ये तमाम चीजें गर्भ धारण करने के अगले महीने से ही काम करती हैं। लेकिन गर्भ धारण करने के साथ ही महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव शुरू हो जाते हैं। गर्भवती महिला को प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण पहचानने बेहद जरूरी हैं, जिसके लिए आपको अपने शरीर में होने वाले हर बदलाव को महसूस करना होगा। आप चाहें तो इन शुरुआती लक्षणों से जान सकती हैं कि आप गर्भवती हैं या नहीं। ये बताना जरूरी है कि ये सिर्फ लक्षण हैं। हो सकता है कि जो लक्षण दिखाई दे रहे हैं वो किसी दूसरी वजह से हों...

हैवी ब्रेस्ट

ये एक बेहद सामान्य लक्षण है। दरअसल, ब्रेस्ट के ऊतक हॉर्मोन्स के प्रति अति संवेदनशील होते हैं। गर्भ धारण करने के साथ ही शरीर में हॉर्मोनल चेंज होना शुरू हो जाते हैं। इससे ब्रेस्ट में सूजन आ जाती है या फिर भारीपन आ जाता है।

निपल का रंग


क्या आपको आपके निपल कुछ अलग दिख रहे हैं? गर्भावस्था के दौरान होने वाले हॉमोर्नल चेंज से melanocytes प्रभावित होती हैं। यानी इसका प्रभाव उन कोशिकाओं पर पड़ता है जो निपल के रंग के लिए उत्तरदायी होती हैं। गर्भ धारण करने पर निपल का रंग गहरा हो जाता है।

मितली आना और उल्टी होने जैसा लगना

गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में जी मिचलाना और उल्टी होना, कई बार पेशाब जाना आदि शामिल हैं। गर्भावस्था में दिन की शुरुआत काफी बोझिल होती है। कई बार कुछ खाने पर उल्टी जैसा महसूस होने लगता है। इसके साथ ही कुछ महिलाओं में सिर दर्द के साथ ही शुरुआत में पैरों में सूजन भी नजर आती है।

जल्दी-जल्दी टॉयलेट जाना

क्या आप अब पहले की तुलना में ज्यादा बार टॉयलेट जाने लगी हैं? ऐसे समय में किडनी ज्यादा सक्रिय हो जाती हैं, जिससे बार-बार टॉयलेट जाना पड़ता है।

क्रेविंग

क्रेविंग भी गर्भवती होने का एक प्रमुख लक्षण है। गर्भवती महिला में किसी विशेष चीज के प्रति आकर्षण बढ़ जाता है और हर वक्त वही खाने का दिल करने लगता है। कई बार ऐसा भी होता है कि इस दौरान महिला की डेली डाइट अचानक से बढ़ जाती है।

सिरदर्द

ब्लड वॉल्यूम बढ़ जाने की वजह से सिर में दर्द रहने लगता है। ये गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में से एक प्रमुख लक्षण है। पर धीरे-धीरे ये खुद ही ठीक हो जाता है। गर्भावस्‍था के शुरुआती लक्षण मासिक धर्म आने जैसे ही होते हैं इसलिए पहले सप्‍ताह में कई महिलाओं को यह पता ही नहीं चल पाता है कि वो प्रेगनेंट हैं। प्रेग्नेंसी के वक्त गर्भवती महिला के मुंह का स्वाद कड़वा हो जाता है। ऐसे में उसे भोजन के बजाए सिर्फ खट्टी चीजों का ही स्वाद सही लगता है।

कब्ज की शिकायत हो जाना

हॉर्मोनल चेंज होने की वजह से पाचन क्रिया पर भी असर पड़ता है। पाचन क्रिया थोड़ी धीमी हो जाती है। ऐसे में महिला को अक्सर कब्ज की शिकायत रहने लगती है।

शरीर का तापमान और मूड

गर्भवती होने पर शरीर का तापमान अक्सर सामान्य तापमान से अधिक बना रहता है। इतना ही नहीं इस दौरान समय-समय पर मूड भी बदलता रहता है। कभी कोई चीज अच्छी लगने लगती है तो कभी उसी चीज से नफरत हो जाती है।

ऐंठन

महिलाओं को हल्‍की ऐंठन भी महसूस हो सकती है। भ्रूण के गर्भाशय की दीवार से जुड़ने पर ऐंठन होती है। महिलाओं को पेट, पेल्विस या कमर के निचले हिस्‍से में ऐंठन महसूस हो सकती है। इसमें खिंचाव, गुदगुदी या खुजली जैसा लग सकता है। कुछ महिलाओं को हल्‍की ऐंठन होती है तो कुछ को कभी कभी असहज महसूस होता है।