ये 6 संकेत बताते हैं कि आपकी इम्युनिटी है कमजोर, ओमिक्रॉन कर सकता हैं वार

कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट का कहर जारी हैं जहां देश में हर दिन लाखों लोग संक्रमित हो रहे हैं और सैकड़ों लोगों की जान जा रही है। देखा जा रहा हैं कि जान का जोखिम उन लोगों को ज्यादा हैं जिन्हें कोई गंभीर बीमारी हो या जिनकी इम्युनिटी कमजोर हो। ऐसे में अब बात आती हैं कि कैसे जाना जाए कि आपकी इम्युनिटी कमजोर हैं। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसे संकेत लेकर आए हैं जिनसे पता चलता हैं कि आपकी इम्युनिटी कमजोर हैं और ओमिक्रॉन आपके लिए घातक साबित हो सकता है। इन संकेतों को जान उचित उपाय करते हुए आपको अपनी इम्युनिटी को मजबूत बनाने की जरूरत हैं। आइये जानते हैं इन संकेतों के बारे में...

लगातार थकान बने रहना

रात में 7-8 घंटे की नींद लेने के बाद हर कोई सुबह काफी एनर्जेटिक महसूस करता है। लेकिन जिसकी इम्यूनिटी कमजोर होती है, वह रात में पर्याप्त नींद लेने पर भी अगले दिन काफी सुस्त महसूस करता है। अगर वह कोई मेहनत का काम न भी करे, तो भी उसके शरीर में थकान बनी रहती है और एनर्जी भी काफी कम रहती है। इसका इलाज है कि एक्सरसाइज और योग करें। ये दोनों शरीर में एनर्जी लेवल बढ़ा देते हैं, जिससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है और यह तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने के साथ-साथ थकान को भी दूर करके शरीर में एनर्जी लाता है।

लंबे समय तक सर्दी-जुकाम बना रहना

एक्सपर्ट कहते हैं कि वयस्कों को साल में 2-3 बार सर्दी-जुकाम होना आम बात है, लेकिन वहीं कुछ लोगों में सर्दी जुकाम अधिक लंबे समय तक बना रहता है या बार-बार होता है। सर्दी-जुकाम के समय एंटीबॉडी विकसित करने और कीटाणुओं से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को 3 से 4 दिन लगते हैं, यानी कि सर्दी 3-4 दिन बनी रह सकती है। लेकिन अगर आपको लंबे समय तक सर्दी-जुकाम बना रहता है, तो यह भी कमजोर इम्यूनिटी के संकेत हैं।


लगातार पेट संबंधित समस्या

इम्यूनिटी का संबंध आंत और पेट से भी होता है। इसलिए एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर किसी का पेट खराब है, तो उसकी सेहत कभी अच्छी नहीं रह सकती। हमारे शरीर में लगभग 70% प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले ऊतक हमारी आंत में होते हैं। यदि आप नियमित रूप से पेट की समस्याओं जैसे दस्त, सूजन, कब्ज आदि से पीड़ित हैं, तो यह कमजोर इम्यूनिटी का परिणाम हो सकते हैं।


एलर्जी की समस्या

बहुत से लोगों हर मौसम में एलर्जी की समस्या होने लगती है जिसकी वजह से उन्हें मौसमी बुखार होता रहता है। अगर आपकी आंखों में हमेशा पानी रहता है, खाने की किसी चीज से आपको रिएक्शन हो जाता है, स्किन रैशेज, जोड़ों में दर्द और पेट में हमेशा दिक्कत रहती है तो ये भी आपके इम्यून सिस्टम के कमजोर होने का एक संकेत हो सकता है।


अधिक तनाव होना

कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली का पहला संकेत अधिक तनाव है। एक्सपर्ट बताते हैं कि इम्यूनिटी पर सबसे अधिक प्रभाव तनाव का पड़ता है। अगर कोई अधिक तनाव लेता है, तो जाहिर सी बात है उसकी इम्यूनिटी काफी कमजोर रहेगी। दरअसल, तनाव लेने से श्वेत रक्त कोशिकाओं और लिम्फोसाइट की संख्या में कमी आती है। ये दोनों ही हमारे शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं और कई तरह के वायरस से बचाते हैं। ऐसे में लंबे समय तक तनाव लेने से इम्यूनिटी धीरे-धीरे कमजोर होती जाती है।

शरीर के घाव भरने में देरी

रोजमर्रा के काम करते समय हाथ या शरीर में कट लगना या चोट लगना आम बात है। अगर घाव को सही होने में अधिक समय लगता है, तो यह भी कमजोर इम्यूनिटी का संकेत हो सकता है। इसके अलावा डायबिटीज में भी घाव भरने में देरी होती है, इसलिए एक्सपर्ट से तुरंत सलाह लें।