हर साल 7 अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे (World Health Day) मनाया जाता है। यह दिवस वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) द्वारा मनाया जाता है। इस साल यानी 2022 में वर्ल्ड हेल्थ डे की थीम 'Our Planet, Our Health' है। प्राइमरी हेल्थ 6 तरह की होती है, जिसमें फिजिकल, मेंटल, सोशल, इमोशनल, एनवायरमेंटल और स्प्रिचुअल हेल्थ शामिल होती है। अगर किसी की ये 6 प्राइमरी हेल्थ सही हैं, तो उसे स्वस्थ कहा जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों में स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और विभिन्न जटिल स्वास्थ्य समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित करना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अच्छी हेल्थ हर इंसान के लिए काफी जरूरी है। यह कई तरह से इंसान की मदद करती है, क्योंकि स्वस्थ लोग लंबे समय तक जीवित रहते हैं और अधिक प्रोडक्टिव रहते हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दिल के रोग, स्ट्रोक, सांस और फेफड़ों से जुड़े रोग और डायबिटीज आदि से पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा मौत होती हैं। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इन खतरनाक रोगों के लक्षणों को सही समय पर पहचानकर रोकथाम और सही इलाज में मदद मिल सकती है। इन गंभीर बिमारियों का इलाज कुछ हर्बल उपचार की मदद से भी किया जा सकता है। हर्बल उपचार में इस्तेमाल होने वाले कुछ ऐसे पत्तों के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे है जिनका सुबह बासी मुंह चबाना फायदेमंद साबित होता है...
किडनी रोगों के लिए अमेरिकन जिनसेंग के पत्ते
एक्सरसाइज की कमी और खराब खानपान का असर किडनी पर पड़ता है। किडनी हमारे शहर का सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है जो हमारे शरीर के अवांछित प्रद्धार्थों को छान कर उसे पेशाब के रास्ते से बाहर निकालता है। किडनी की पथरी इन दिनों एक आम समस्या बन गई है। एनसीबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकन जिनसेंग में किडनी रोगों का इलाज करने की क्षमता होती है। अमेरिकन जिनसेंग के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर होती है। साथ ही इसमें मौजूद गुण ऑक्सीडेटिव डैमेज को कम करते हैं और शरीर में ऊर्जा बढ़ाने वाले सेल्स का उत्पादन बढ़ाते है। इससे आपको थकान से लड़ने में भी मदद मिलती है और आप दिनभर ऊर्जावान बने रहते हैं।
कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए करी पत्तेकरी पत्तों का विभिन्न व्यंजनों में सुगंध और स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। आमतौर पर भारतीय व्यंजनों जैसे पोहा, सांभर, दाल, तड़का, उपमा, कोकुम करी आदि में करी पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद में करी पत्ता को औषधि माना जाता है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो बढ़ते कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल करने में सहायक होते हैं। आप रोजाना सुबह खाली पेट 8-10 करी पत्ते चबा सकते है. इतना ही नहीं, इसमें वजन कम करने के गुण भी पाए जाते हैं।
दिल की बीमारियों के लिए सहजन के पत्तेसहजन के तने, पत्ते, छाल, फूल, फल और कई अन्य भागों का अलग-अलग तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि सहजन का पेड़ जड़ से लेकर फल तक सभी का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद साबित होता है। सहजन में एंटीफंगल, एंटीवायरल, एंटी डिप्रेसेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं साथ ही इसमें पोटैशियम, जस्ता, मैग्नीशियम, आयरन, तांबा और फास्फोरस जैसे कई पोषक तत्व भी शामिल होते हैं, जो हमारे शरीर को फिट ही नहीं रखता बल्कि सही विकास में भी सहायक होता है। इसका सेवन कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है। विभिन्न अध्ययनों से पता चलता है कि की पत्तियों में शरीर के ऊतकों की सुरक्षा करने वाले गुण होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य की रक्षा करने का काम करते हैं। आयुर्वेद की माने तो सहजन को 300 से ज्यादा बीमारियों की दवा माना गया है।
कैंसर के लिए लहसुन के हरे पत्तेलहसुन के पत्तों से सब्जी, साग, चटनी और पकोड़े जैसे कई चीजें बनाई जाती हैं। लेकिन आपको ये जान कर हैरानी हो सकती है कि लहसुन के पत्तों को यूं ही चबाना भी आपको कई बीमारियों से बचाव में मदद कर सकता है। विभिन्न शोधों से पता चला है कि इसके हरे पत्तों में ब्रेस्ट कैंसर, कोलोन कैंसर, स्किन कैंसर, ब्लैडर कैंसर और लंग कैंसर आदि के खतरे को कम करते हैं। दरअसल, हरी लहसुन में सल्फ्यूरिक कंपाउंड समेत कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह अपने एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण शरीर में एंटीऑक्सिडेंट की भूमिका निभाता है। इसके सेवन से स्ट्रोक, कैंसर, सर्दी-फ्लू और हाई ब्लडप्रेशर जैसी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
डायबिटीज के लिए नीम के पत्तेशुगर के मरीजों के लिए नीम के कड़वे पत्ते बेहद फायदेमंद है, नीम की पत्तियों में ग्लाइकोसाइड्स और एंटी-वायरल गुण मौजूद होते है जो शुगर को कंट्रोल करने में बेहद असरदार है। नीम शरीर में ग्लूकोज लेवल को मैनेज करता है, साथ ही बल्ड शुगर को बढ़ाकर चीनी को पचने में मदद करता है। डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए नीम का पाउडर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे बनाने के लिए कुछ सूखे नीम के पत्ते लें और उन्हें एक ब्लेंडर में मुलायम होने तक पीस लें। अधिकतम लाभ के लिए आप इस चूर्ण का दिन में दो बार सेवन कर सकते हैं।