भारत में 2019 में करीब 6.8 लाख लोगों की मौत हुई थी। इन लोगों की मौत के पीछे थे 5 बैक्टीरिया। ये बैक्टीरिया इतने छोटे होते हैं कि नंगी आंखों से दिखाई नहीं देते हैं। इन बैक्टीरिया पर बैक्टीरियल इंफेक्शन की दवाएं भी बेअसर हो रही हैं और इंफेक्शन के बाद मौत का खतरा बढ़ जाता है। दरअसल, समय के साथ बैक्टीरिया ने अपना रूप बदल लिया है। इनमें कई तरह के म्यूटेशन हो चुके हैं। म्यूटेशन के बाद पहले से मौजूद दवाएं असर खोने लगती हैं और इलाज नहीं हो पाता है। आज हम आपको उन्ही 5 बैक्टीरिया के बारे में बताने जा रहे हैं...
ई. कोलाई - Escherichia coliCDC की एक रिपोर्ट के मुताबिक, Escherichia coli को ई. कोलाई कहा जाता है। यह बैक्टीरिया वातावरण, खाद्य पदार्थ और इंसान व जानवरों की आंतों में होता है। स्टडी के मुताबिक, भारत में सबसे ज्यादा मौत ई। कोलाई इंफेक्शन से हुई हैं। इसके कुछ प्रकार डायरिया, यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां पैदा करते हैं।
एस.ऑरियस - Staphylococcus aureus Staphylococcus aureus को एस. ऑरियस कहा जाता है। इंसानों की नाक और त्वचा पर यह बैक्टीरिया मौजूद होता है। आमतौर पर यह बैक्टीरिया खतरनाक या जानलेवा नहीं होता है। लेकिन जब यह गंभीर हो जाता है, तो सेप्सिस जैसी जानलेवा स्थिति को पैदा कर सकता है।
एस. निमोनिया - Streptococcus pneumoniae एस. निमोनिया को Streptococcus pneumoniae कहा जाता है। यह बैक्टीरिया श्वसन तंत्र के ऊपरी हिस्से की परत पर मौजूद होता है। इस वायरस से हुए इंफेक्शन को न्यूमोकोकल इंफेक्शन (Pneumococcal Infections) कहा जाता है। यह आमतौर पर बच्चों को ज्यादा शिकार बनाता है।
के. निमोनिया - Klebsiella pneumoniae के. निमोनिया को Klebsiella pneumoniae कहा जाता है। यह बैक्टीरिया स्वस्थ लोगों की आंतों और मल में मौजूद होता है। जहां यह कोई समस्या पैदा नहीं करता है। इस जीवाणु के कारण निमोनिया, ब्लड इंफेक्शन, सर्जिकल साइट का इंफेक्शन होता है।
ए. बौमेनियाई - Acinetobacter baumanniiAcinetobacter baumannii को ए. बौमेनियाई कहा जाता है। यह बैक्टीरिया कई सारे जीवाणुओं का समूह होता है। जो कि वातावरण में मिट्टी, पानी आदि जगह पर मौजूद होता है। इस बैक्टीरिया के कारण खून, मूत्र प्रणाली, फेफड़े और जख्मों में इंफेक्शन हो जाता है।