आपकी किचन में रखे ये 4 फूड जो हैं 'स्लो पॉइजन', इनका सेवन आपको पहुंचा सकता है अस्पताल

घर का खाना ताजा बना होता है और सेहत के लिए भी फायदेमंद माना जाता है लेकिन यदि आपको ऐसे फूड्स के बारे में नहीं पता जो शरीर को बीमार करने का काम करते हैं तो आपका घर का खाना भी अनहेल्दी हो सकता है। दरअसल, आपकी किचन में कई ऐसी चीजें है जिनका आप बड़े स्वाद से रोजाना सेवन कर रहे हैं लेकिन ये आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते है। आज हम आपके लिए कुछ ऐसी ही चीजों की लिस्ट तैयार करके लाए है जिनका सेवन आपको अस्पताल के चक्कर लगवा सकता है।

शुगर यानी सफेद चीनी

लगभग हर किचन में सफेद चीनी मिल जाती है। यह मीठी चीनी चाय, कॉफी, मिल्कशेक और अन्य व्यंजनों में मिलकर आपके शरीर में प्रवेश कर जाती है। लेकिन ये शरीर में जाकर स्लो पॉइजन का काम करती है। सफेद चीनी का सेवन मोटापे, टाइप 2 मधुमेह, उच्च रक्तचाप, सूजन , फैटी लीवर और हृदय रोग जैसी स्थितियों से जुड़ा हुआ है। चीनी आपके शरीर से बीमारी से लड़ने के तरीके में हस्तक्षेप कर सकती है। बैक्टीरिया और यीस्ट चीनी पर जीवित रहते हैं, इसलिए शरीर में अतिरिक्त ग्लूकोज इन जीवों के निर्माण और संक्रमण का कारण बनता है। साथ ही सफेद चीनी का सेवन आपके रक्तप्रवाह में प्रवेश करने के बाद, प्रोटीन से जुड़ जाती है। चीनी के साथ इन प्रोटीन के मिश्रण से त्वचा में ढीलापन आना शुरू हो जाता है। और यह समय से पहले आपको बढ़ती उम्र के लक्षणों का शिकार बना सकती है। चीनी की जगह आप गुड़ का सेवन कर सकते हैं।

मैदा से बनी चीजें

सफेद चीनी की तरह मैदा यानी रिफाइंड फ्लोर भी कई तरह के व्यंजनों को बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। मैदे से बने पराठा, पूरी, कुल्‍चा, नान, पिज्जा, बर्गर, मोमोज, बिस्किट आदि लोग बड़े स्वाद से खाते हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि मैदा के अत्यधिक सेवन से वजन बढ़ना, चयापचय संबंधी समस्याएं, हृदय रोग और यहां तक कि कैंसर भी हो सकता है। डाइटरी फाइबर के अभाव में मैदा बहुत चिकना और महीन हो जाता है, जिससे आंतों में यह चिपकने लगता है। इस वजह से कब्‍ज की समस्‍या भी हो सकती है। साथ ही मैदे में अत्‍यधिक मात्रा में स्टार्च पाया जाता है जिसके सेवन से मोटापा की संभावना बढ जाती है और धीरे धीरे बैड कलेस्ट्रॉल और ब्लड में ट्राइग्लीसराइड का स्तर ही बढ़ने लगता है। मैदे का सेवन ब्‍लड शुगर लेवल को भी तेजी से बढ़ाता है। भले ही मैदा गेंहू के आटे से बनाया जाता है लेकिन मैदा बनाने के प्रोसेस में आटे को और अधिक महीन पीसा जाता है और फाइबर को हटा दिया जाता है। जिससे कोई पोषक तत्व और डाइटरी फाइबर इसमें नहीं बच पाते। जिसकी वजह से ये एसिडिक बन जाता है, जो हड्डियों से कैल्‍शियम को खींचकर हड्डियों को कमजोर करने का भी काम करता है।

नमक

नमक में मैग्नीशियम, कैल्शियम, सोडियम और ब्रोमाइड पाए जाते हैं, इसलिए शरीर को हेल्दी रखने के लिए इन तत्वों की जरूरत होती है लेकिन नमक ज्यादा खाने के बहुत नुकसान हैं। एक स्टडी में पाया गया है कि ज्यादा नमक खाने से 28 प्रतिशत तक मौत का खतरा बढ़ जाता है। नमक के बिना खाने का स्वाद आपको फीका लग सकता है लेकिन इसे कम मात्रा में खाना समझदारी है। WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार अधिक मात्रा में भोजन में नमक लेना दिल को नुकसान पहुंचा सकता है। ज्यादा नमक के सेवन से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इससे न केवल दिल कमजोर हो सकता है, बल्कि हार्टअटैक भी हो सकता है। अधिक नमक का सेवन हाई बीपी की परेशानी भी पैदा करता है। दिल एवं दिमाग संबंधी रोगों के साथ-साथ बीपी शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। ज्यादा नमक खाने से शरीर का पानी यूरिन और पसीने के रूप में ज्यादा तेजी से बाहर निकलने लगता है। इससे किडनी को अपनी क्षमता से अधिक मेहनत करनी पड़ती है और किडनी की परेशानी हो जाती है। WHO के मुताबिक गंभीर बीमारियों से बचने के लिए हमारे दैनिक आहार में रोजाना महज 5 ग्राम नमक पर्याप्त है।

ऑयल

यदि आपके घर में पकोड़े, तले हुए प्याज, फ्रेंच फ्राइज़, फ्रोजन फूड आदि खाना पसंद करते हैं तो इसका मतलब है तेल का अधिक सेवन। लेकिन ध्यान रहें आपकी ये पसंद दिल का दौरा, स्ट्रोक, स्तन/डिम्बग्रंथि के कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, अस्वस्थ वजन और जोड़ों के दर्द सहित अन्य के जोखिम को बढ़ाने का काम करती है। कुकिंग ऑयल में ट्रांस फैटी एसिड होते हैं जो दोबारा गर्म करने पर बढ़ जाते हैं। ट्रांस फैट सैचुरेटेड फैट से भी बुरे होते हैं। क्योंकि ये न केवल खराब कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ाते हैं बल्कि अच्छे कोलेस्ट्रॉल के लेवल को भी कम कर देते हैं।