भारतीय रसोई में कई प्रकार के मसालों का इस्तेमाल किया जाता हैं जिसमें से एक हैं काली मिर्च जो अपने आयुर्वेदिक महत्व से सेहत को फायदा भी पहुंचाने का काम करती हैं। गर्म मसाले में इस्तेमाल होने वाली काली मिर्च के अनेक फायदे होते हैं। जिन्हें जानकर लोग अपनी कई बीमारियों का ईलाज घर बैठे ही कर सकते है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना है कि इसमें ‘कार्मिनेटिव’ (वातहर) गुण होते हैं। कई अध्ययनों में यह कहा गया है कि काली मिर्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर, रक्त शर्करा नियंत्रण और मस्तिष्क व पेट के स्वास्थ्य में सुधार कर सकती है। आज इस कड़ी में हम आपको काली मिर्च से सेहत को मिलने वाले फायदों की जानकारी देने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में...
पेट के लिए फायदेमंद
यदि आप अपने भोजन में रोजाना काली मिर्च का इस्तेमाल करते हैं तो ये काफी तक फायदेमंद साबित हो सकता है। काली मिर्च में पाइपरिन नामक तत्त्व पाया जाता है जो भोजन को पचाने में लाभदायक होता है। इसके साथ ही काली मिर्च में अनेकों तत्त्व पाए जाते हैं जो की काइमोट्रिप्सिन, पैंक्रियाटिक लाइपेज की गतिविधियों को शरीर में बढ़ावा देते हैं। जिससे कि हमारा पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करने में सक्षम होता है।
भूख को करे उत्तेजित
आपके भोजन में एक अच्छ स्वाद जोड़ने के साथ-साथ काली मिर्च पाचन शक्ति और भूक को भी बढ़ाती है। अनुसंधानों से यह पता चला है कि काली मिर्च अपनी सुगंध के माध्यम से भूख को बढ़ाने में मदद करती है। अतः जिन लोगों को कम भूख लगती है उनको भूख बढ़ाने के लिए काली मिर्च एक अच्छा और सरल उपाय है।
पुरानी सूजन को करती है कम
पिपेरिन में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण भी होते हैं। पुरानी सूजन कई प्रकार की बीमारियों से जुड़ी होती है, जिसमें स्व-प्रतिरक्षित रोग शामिल हैं, यथा- संधिवात गठिया। यहां फिर से जानवरों के अध्ययन से पता चला कि गठिया पीड़ित चूहों में पिपेरिन ने सूजन और दर्द को कम किया। काली मिर्च करक्यूमिन के अवशोषण में भी सुधार कर सकती है, जो लोकप्रिय एंटी-इन्फ्लेमेटरी मसाला हल्दी का सक्रिय घटक है।
मसूड़ों की कमजोरी को करें दूर
काली मिर्च से मसूड़ों के दर्द में बहुत जल्दी आराम मिलता है। काली मिर्च, माजूफल और सेंधा नमक तीनों चीजों को बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बनाकर कुछ बूंद सरसों के तेल में मिलाकर दांतों और मसूड़ों में लगाएं और आधे घंटे के बाद मुंह साफ कर लें। इससे आपके दांत और मसूड़ों में दर्द होने वाली समस्या भी दूर हो जाएगी।
कोलेस्ट्रॉल को करे कंट्रोल
काली मिर्च का सेवन शरीर में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने के लिए लाभदायक माना जाता है। इसमें पाइपरिन नामक तत्त्व होता है जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ने से रोकने में फायदेमंद माना जाता है। साथ ही साथ ये कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कंट्रोल में रखने में लाभदायक साबित हो सकता है।
खतरनाक स्तन कैंसर के खिलाफ भी प्रभावी
अध्ययनों में पाया गया कि
पिपेरिन ने स्तन, प्रोस्टेट और कोलन कैंसर कोशिकाओं में वृद्धि को कम कर
दिया तथा कैंसर कोशिकाओं को समाप्त करने में सहायक भूमिका निभाई।
अनुसंधानकर्ताओं ने विभिन्न प्रकार के मसालों से 55 यौगिकों की तुलना की और
पाया कि सबसे खतरनाक स्तन कैंसर के एक विशिष्ट उपचार को प्रभावी बनाने में
पिपेरिन सबसे कारगर रहा।
डिप्रेशन में उपयोगी काली मिर्च में
पिपेरीन सेरोटोनिन के उत्पादन में वृद्धि करके एक एंटीडिप्रेसेंट के रूप
में कार्य करता है। सेरोटोनिन मूड नियमन के लिए एक महत्वपूर्ण
न्यूरोट्रांसमीटर है और सेरोटोनिन का निम्न स्तर डिप्रेशन का एक महत्वपूर्ण
कारक है। इसके अलावा, पिपेरीन मस्तिष्क में बीटा एंडोर्फिन को बढ़ाता है
जो मानसिक स्पष्टता को प्रोतसाहित करता है। एंडोर्फिन प्राकृतिक दर्द
निवारक और मूड लिफ्टर के रूप में काम करते हैं। वे तनाव को कम करते हैं और
कल्याण की भावना को बढ़ावा देते हैं, जिससे चिंता और उदासी कम हो जाती है।
इसलिए, अपने दैनिक भोजन में काली मिर्च को शामिल करें और अपने-अपने मूड को
सुधारने के साथ-साथ संज्ञानात्मक कार्य में भी सुधार लाएं।
जुकाम से दिलाएं निजात
इसके अलावा जुकाम होने पर काली मिर्च गर्म दूध में मिलाकर पीने से आराम मिलता है। इसके अलावा जुकाम बार-बार होता है, छीकें लगातार आती हैं तो काली मिर्च की संख्या एक से शुरू करके रोज एक बढ़ाते हुए पंद्रह तक ले जाएं फिर प्रतिदिन एक घटाते हुए पंद्रह से एक पर आएं। इस तरह जुकाम की परेशानी में आराम मिलेगा।
वजन को रखें नियंत्रण में
माना जाता है कि वजन को नियंत्रण करने में
काली मिर्च का सेवन लाभदायक होता है। काली मिर्च में एंटीओबेसिटी जैसे अनेक
तत्त्व होते हैं। जो भूख को कंट्रोल करने में लाभदायक होते हैं। इसलिए आप
काली मिर्च का सेवन मसाले या किसी भी अन्य रूप में जरूर करें। ताकि आपके
वजन को ये नियंत्रण में रखने में लाभदायक साबित हो सके।
जोड़ों के दर्द में फायदेमंद
काली
मिर्च का सेवन जोड़ों के दर्द को कम करने में लाभदायक होते हैं। माना जाता
है कि काली मिर्च का सेवन शरीर में सूजन कम करने में मददगार साबित होता है।
काली मिर्च में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीअर्थराइटिस जैसे तत्त्व पाए जाते
हैं। जो शरीर में जोड़ों के दर्द को कम करने में लाभदायक होते हैं।