कैंसर से बचाव करने में मदद करेंगे ये 10 आहार, करें डाइट में शामिल

वर्तमान समय की घातक बीमारियों में से एक हैं कैंसर जिसके रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही हैं। अभी तक कैंसर की मुख्य वजह के बारे में पता नहीं लगाया जा सका है। लेकिन कुछ शोध बताते हैं कि इसके पीछे के एक कारण आपका गलत खानपान भी बनता हैं। ऐसे में जितना हो सके उतना स्वस्थ आहार ग्रहण करना चाहिए। हम जो भोजन करते हैं वो प्रमुख रूप से हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होता है। आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ ऐसे आहार की जानकारी लेकर आए है जो कैंसर से बचाव करने में आपकी मदद करेंगे। तो आइये जानते हैं इन आहार के बारे में...

लहसुन और प्याज

लहसुन और प्याज कैंसर की बीमीरी में काफी फायदेमंद होते हैं। लहसुन और प्याज में पाया जाने वाला सल्फर कंपाउंड बड़ी आंत, स्तन, फेफेड़े और प्रोस्टेट कैंसर की सेल्स को खत्म कर देता है। इसके अलावा लहसुन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है और इंसुलिन बनने की प्रक्रिया को कम करके शरीर में ट्यूमर होने के चांस को कम कर देता है।

सब्जियां
सब्जियों की बात की जाए तो फूलगोभी और ब्रोकली कैंसर के लिए बहुत लाभकारी होती हैं। दोनों सब्जियां डिटॉक्सीफिकेशन एंजाइम को बनाने में मदद करती हैं। इससे कैंसर की सेल्स की खत्म होती है और ट्यूमर को बढ़ने से रोकती हैं। दोनों सब्जियां फेफड़े, प्रोस्टेट, मूत्राशय और पेट के कैंसर का जोखिम को कम करती हैं। इसके अलावा टमाटर का सेवन प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को कम करता है।

पालक

यह हरी पत्तेदार सब्जी खनिज, विटामिन, एंजाइम और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर है। इसमें जैव-रसायन और फ्लेवोनॉयड्स होते हैं जो हानिकारक कणों को सोख लेते हैं और उन्हें शरीर से बाहर निकाल देते है। पालक में फाइबर और फोलेट की भरपूर मात्रा पायी जाती है जो कैंसर को रोकने में सहायक है। पालक में जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गुण और कार्सिनोजन होते हैं जो ट्यूमर को होने से रोकता है। इसमें आइसोथियोसाइनेट्स (आईटीसी) भी शामिल हैं जो कोशिका स्तर पर शरीर के डिटाक्सीफिकेशन में मदद करता है। विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार रोजाना तैयार किया हुआ ताजा पालक का जूस पीने से शरीर के अंदर कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोका जा सकता है।

फल

फलों में पपीता, कीनू और संतरे कैंसर में फायदा करते हैं। इन फलों में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो लीवर में होने वाले कार्सिनोजन को खत्म कर देते हैं। वहीं, कीनू और उसके छिलके में पाए जाने वाले फ्लेवनोइड्स और नोबिलेटिन तत्व कैंसर की सेल्स को बनने से रोकते हैं। इसके अलावा अंगूर एंथोसायनिन और पॉलीफेनॉल्स से शरीर में कैंसर के कणों का उत्पादन कम करता है।

हल्दी

हल्दी सबसे ज्यादा कैंसर में फायदा करती है। हल्दी में शक्तिशाली प्राकृतिक कैंसर रोधी गुण होते है। यह कैंसर सेल्स को खत्म करके ट्यूमर को बढ़ने से रोकती है। इसके अलावा कीमोथेरेपी का असर बढ़ाती है। काली मिर्च के साथ तेल मिलाने पर हल्दी और भी ज्यादा लाभकारी हो जाती है।

बेरीज

बेरीज को सबसे अच्छे एंटीऑक्सीडेंट खाद्य पदार्थों में से एक माना गया है। इनमें प्रोएंथोसाइनिडिन एंटीऑक्सीडेंट की उच्च मात्रा पायी जाती है जिसमें कुछ एंटी-एजिंग के गुण भी होते हैं। स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, चेरी, रास्पबेरी, और अंगूर में एंथोसायनिन की उच्च मात्रा होती है जो कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करती है। फ्रीज में रखे हुए और सूखे काले रस्पबेरी गले में होने वाले कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में सहायक हैं। बेरी विटामिन सी, विटामिन ए, और गैलिक एसिड का एक समृद्ध स्रोत हैं जो प्रतिरक्षा को बढ़ाता है और कैंसर कोशिकाओं से लड़ता है जो फंगल और वायरल संक्रमण का कारण बनते हैं।

अदरक

कैंसर की सेल्स से लड़ने के लिए ताजा अदरक बहुत असरकारक होती है। अदरक ट्यूमर की सेल्स को रोकने में सहायता करता है। अदरक का अर्क कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी से होने वाली दिक्कतों का कम करने में मदद कर सकता है।


ऑलिव ऑयल

ऑलिव ऑयल (जैतून का तेल), जो कि भूमध्यसागरीय आहार में मुख्य है, यह कई स्वास्थ्य लाभों से समृद्ध है। इसमें ओलिक एसिड नामक तत्व पाया जाता है जो प्राथमिक घटक है और शरीर में कैंसर उत्पन्न करने वाले जीन्स को रोकता है। रिपोर्टों के अनुसार, ऑलिव ऑयल के नियमित सेवन से कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचा जा सकता है। यह स्तन कैंसर और पाचन तंत्र के खतरे को भी कम करता है।

दाल और फलियां

दाल और फलियां में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन पाई जाती है। इसके अलावा दाल और फलियां में पाया जाने वाले फाइबर और फोलेट पैनक्रियाज के कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं। फलियां में प्रतिरोधी स्टार्च होता है जो बड़ी आंत की सेल्स के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं।

ग्रीन टी

यह पाया गया है कि जो महिलाएं हर दिन कम से कम दो कप ग्रीन टी पीती हैं, उनमें गर्भाशय के कैंसर के विकास का लगभग 32 प्रतिशत कम खतरा रहता है। ग्रीन टी में कुछ फ्लेवोनोइड्स मौजूद होते हैं जो शरीर के भीतर कैंसर कोशिकाओं के विकास को कम करने में सहायक होते हैं। ग्रीन टी कैंसर को रोकने वाले एंटीऑक्सीडेंट के सबसे अच्छे स्रोतों में से एक है।