महिलाये भले ही कितनी सूंदर क्यों न लेकिन गहनों के बिना उसके सुंदरता पूरी नहीं होती। भारतीय गहनों ने विकास का एक बहुत लंबा सफर तय किया है। लोगों की आवश्यकता के अनुसार नए-नए डिजाइन बाजार में आ रहे हैं फिर भी पारंपरिक डिजाइन के गहनें आज भी अपने मनमोहक प्रभाव के कारण सबके आकर्षण का केन्द्र हैं। आज हम आपको बताएगे भारत की अलग-अलग जगहों के पारम्परिक गहनों के बारे में जिन्हे हर महिला आज भी अपने ज्वेलरी बॉक्स में रखना चाहती है।
महाराष्ट्र का कोल्हापुरी साज
महाराष्ट्र में 21 पत्तियो वाला कोल्हापुरी साज गहनों में आकर्षण का केंद्र है। इस हार में 21 लटकने होती है। ये लटकन पत्तियों के आकार की होती हैं। बीच की लटकन को साज घट के नाम से जानते है। महिलाये इस हार को बड़े तीज त्योहारों पर नाक में गुच्छेदार नाथ के साथ पहनती है।
असम का गामखारु कंगनअसम का गामखारू कंगन हाथ से बनाया हुआ होता है। जिस पर सोने की परत चढ़ी होती है। ये कंगन पारम्परिक होते हुए भी नए जमाने की लड़कियों को काफी पसंद आता है।
तमिलनाडु की ओट्टीयनमतमिलनाडु की ओट्टीयनम साड़ी के ऊपर बेल्ट की तरह पहनी जाती है जो की करधनी प्रकार है। ये सोने से बनी होती है। इसके बीचों-बीच देवी लक्ष्मी के साथ अन्य आकृतियाँ उकेरी जाती है।
तमिलनाडु की ओट्टीयनमतमिलनाडु की ओट्टीयनम साड़ी के ऊपर बेल्ट की तरह पहनी जाती है जो की करधनी प्रकार है। ये सोने से बनी होती है। इसके बीचों-बीच देवी लक्ष्मी के साथ अन्य आकृतियाँ उकेरी जाती है।
जम्मू-कश्मीर के देजहोर झुमकेजम्मू- कश्मीर के चांदी के गहने बहुत मशहूर है। यहां देजहोर नाम के बड़े आकार के झुमके फैशन की रेस में नए जमाने के गहनों को भी पीछे छोड़ रहे हैं। ये झुमके कश्मीर में दुल्हन विवाह के समय पहनती है। इन्हें सुहाग की निशानी माना जाता है।
बंगाल के शाखा पोला कंगन ये शंख के आकार के कंगन होते है। साथ ही बंगाल में शादी के समय लड़किया टोपोर पहनती है। जो मुकुट की तरह होता है।