भारत को विवधताओं का देश माना जाता हैं जहां अलग-अलग संस्कृति के होते हुए भी उनमें समानताएं दिख ही जाती हैं। ऐसी ही समानताएं देखने को मिलती है भारतीय शादियों में भी जहां आजकल दुसरे राज्यों की दुल्हनें भी कहीं ओर राज्य की संस्कृति को अपनाते हुए तैयार होती हैं। इसमें सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है मराठी दुल्हन का श्रृंगार। इसलिए आज हम बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी विशेष चीजों के बारे में जो एक मराठी दुल्हन के श्रृंगार के लिए आवश्यक होती हैं।
* सिल्क की साड़ी मराठी दुल्हन को सिल्क की साड़ी पहनना अनिवार्य होता है। पीली, लाल या औरेंज कलर की साड़ी को ही प्राथमिकता दी जाती है। मराठी चलन में लाल साड़ी ही पहनने की परम्परा है।
* चूड़ा अन्य प्रांतों में लाल रंग का चूड़ा पहना जाता है लेकिन मराठियों में हरे रंग का चूड़ा पहना जाता है। इसे दुल्हन को अवश्य पहनाया जाता है।
* नथ दुल्हन के श्रृंगार में नथ को सबसे प्रमुख माना जाता है। मराठियों में नथ थोड़े अलग प्रकार की होता है। इस नथ में मोती का काम जरूर होता है।
* तनमानी तनमानी एक प्रकार का मोतियों वाला नेकलेस होता है जिसे शादी के दिन दुल्हन को अवश्य पहनाया जाता है।
* मुंडावलया मुंडावलया, एक ज्वैलरी होती है जो मोतियों से निर्मित होती है। इसे माथे पर पहना जाता है।
* चांद बिंदी मराठियों में चंद्र आकार की बिंदी अवश्य लगाई जाती है। हालांकि, इन दिनों लड़कियां इसे लगाना ज्यादा पसंद नहीं करती हैं।
* वाकी वाकी, भुजाओं पर पहनने वाला गहना होता है। इसे दोनों हाथों की बाजुओं में पहना जाता है। लेकिन इन दिनों लड़कियां इसे एक ही बाजू में पहनती हैं।
* खोपा दुल्हन के बालों का कसकर जूड़ा बना दिया जाता है और उसे विभिन्न प्रकार से सजाकर उसमें खोपा लगाया जाता है।