क्रिकेट का ऐसा रिकॉर्ड जहां सभी खिलाडियों को मिला 'मेन ऑफ़ द मैच'

क्रिकेट एक ऐसा खेल है, जिसमें कभी भी कुछ भी हो सकता है। इसलिए इस खेल को अनिश्चितताओं का खेल कहा जाता है। इस खेल में अंत तक कुछ भी कह पाना नामुमकिन हो जाता है। आखिरी गेंद में क्या हो जाए, ये कोई भी नही जानता। और इसी क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिसे देखने के बाद आप इस बात से पूरी तरह सहमत हो जाएंगे। जिन लोगों को क्रिकेट के इतिहास को लेकर जानकारी है, उन्हें ये पता होगा कि एक ही टीम के या विपक्षी टीम के दो खिलाडिय़ों को मैन ऑफ द मैच मिलना कई मैचों में हुआ है। लेकिन क्या आपको पता है कि क्रिकेट के इतिहास में ऐसे भी मैच हुए हैं, जिसमें एक या दो नहीं, बल्कि पूरी टीम को 'मेन ऑफ़ द मैच' के खिताब से नवाजा गया है।

*1996 में न्यूज़ीलैंड और वेस्टइंडीज़ के बीच खेले गए इस मैच में न्यूज़ीलैंड ने बेहद धीमी पिच पर खराब शुरुआत करते हुए जल्दी जल्दी तीन विकेट गंवा दिए थे और बल्लेबाज़ी के लिए मुश्किल पिच पर न्यूज़ीलैंड केवल 158 पर ढेर हो गया। माना जा रहा था कि वेस्टइंडीज़ इस मुकाबले को आराम से जीत लेगा लेकिन न्यूज़ीलैंड ने शानदार गेंदबाज़ी और फील्डिंग करते हुए यह मुकाबला 4रनों से जीत लिया था। लेकिन सबसे रोमांचक पल तो मैच खत्म होने के बाद आया जब रेफरी बासिल बुचर ने न्यूज़ीलैंड के इस शानदार टीम प्रदर्शन को सराहते हुए पूरी टीम को ही मैन ऑफ़ द मैच का अवार्ड दिया था।

* इसी तरह का एक और वाकया हुआ था 18 जनवरी 1999 को। ये ऐतिहासिक मैच साउथ अफ्रीका और वेस्टइंडीज के बीच सेंचुरियन में खेला गया था। मैच में साउथ अफ्रीका ने 351 रन से जीत दर्ज की थी। इस मैच को जीतने वाले हर खिलाड़ी को मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड दिया गया था। तब साउथ अफ्रीका टीम के कप्तान हैन्सी क्रोनिए थे। उन्होंने कहा था कि ये पूरी टीम के योगदान से मिली जीत है, इसलिए सभी को ये अवॉर्ड मिलना चाहिए। 5 टेस्ट मैचों की ये सीरीज का ये आखिरी मैच था। सीरीज साउथ अफ्रीका ने 5-0 से जीती थी।मैच रेफरी डेनिस लिंडसे ने शायद दक्षिण अफ्रीकी टीम के इस ऐतिहासिक प्रदर्शन को देखते हुए ही ये फैसला किया था। हालांकि पूरी टीम को मैन ऑफ द मैच के कारणों का आज भी सही सही पता नहीं चला है, लेकिन माना जाता है कि रेफरी डेनिस लिंडसे 70 और 80 के दशक में वेस्टइंडीज़ क्रिकेट के कायल थे और अपने ज़माने की इस महान टीम का यूं शर्मनाक तरीके से सफाया कर देना आम बात नहीं थी। द।अफ्रीकी टीम का ये साहसिक प्रयास ही शायद रेफरी के अजीबोगरीब फैसले की वजह बना, जो क्रिकेट के बेहद दुर्लभ रिकॉर्डों में शुमार है।