वहीदा रहमान को दादा साहब फाल्के पुरस्कार, अनुराग ठाकुर ने लिखा लंबा-चौड़ा नोट, एक्ट्रेस ने दी यह रिएक्शन

कई सालों तक फिल्मों के माध्यम से लाखों-करोड़ों दर्शकों का मनोरंजन करने वालीं बॉलीवुड की दिग्गज एक्ट्रेस वहीदा रहमान (85) को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने आज मंगलवार (26 सितंबर) को ट्विटर पर यह घोषणा की।

ठाकुर ने लिखा, मुझे यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी और सम्मान महसूस हो रहा है कि वहीदा रहमान जी को भारतीय सिनेमा में उनके शानदार योगदान के लिए इस साल प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया जा रहा है। वहीदाजी को हिंदी फिल्मों में उनकी भूमिकाओं के लिए समीक्षकों द्वारा सराहा गया है, जिनमें प्रमुख हैं प्यासा, कागज के फूल, चौदहवीं का चांद, साहेब बीवी और गुलाम, गाइड, खामोशी और कई अन्य।

अपने 5 दशकों से ज्यादा के करिअर में उन्होंने अपनी भूमिकाओं को बेहद खूबसूरती से निभाया है, जिसके कारण उन्हें फिल्म रेशमा और शेरा में एक कुलवधू की भूमिका के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। पद्म श्री और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित, वहीदा जी ने एक भारतीय नारी के समर्पण, प्रतिबद्धता और ताकत का उदाहरण दिया है जो अपनी कड़ी मेहनत से पेशेवर उत्कृष्टता के उच्चतम स्तर को हासिल कर सकती हैं।

ऐसे समय में जब ऐतिहासिक नारी शक्ति वंदन अधिनियम संसद द्वारा पारित किया गया है, उन्हें इस लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जाना भारतीय सिनेमा की अग्रणी महिलाओं में से एक और जिन्होंने फिल्मों के बाद अपना जीवन परोपकार और परोपकार के लिए समर्पित कर दिया है, के लिए एक सच्चा ट्रिब्यूट है। समाज का बड़ा भला। मैं उन्हें बधाई देता हूं और विनम्रतापूर्वक उनके समृद्ध काम के लिए अपना सम्मान व्यक्त करता हूं जो हमारे फिल्म इतिहास का एक आंतरिक हिस्सा है।”

वहीदा रहमान ने दिग्गज दिवंगत एक्टर देव आनंद को दिया क्रेडिट, बनीं 8वीं महिला

वहीदा रहमान अपने 57 साल के करिअर में करीब 90 फिल्मों में काम कर चुकी हैं। वहीदा मनोरंजन जगत से यह पुरस्कार हासिल करने वालीं 8वीं महिला हैं। उनसे पहले देविका रानी (1969), रूबी मेयर्स/सुलोचना (1973), कानन देवी (1976), दुर्गा खोटे (1983), लता मंगेशकर (1989), आशा भोसले (2000) और आशा पारेख (2022) को यह अवार्ड मिल चुका है।

वहीदा ने समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ बातचीत में पुरस्कार को लेकर प्रतिक्रिया दी। वहीदा ने कहा कि आज मुझे दोहरी खुशी का अनुभव हो रहा है। जो तोहफा देव आनंद साहब को मिलना था, आज उनकी जयंती पर वह सम्मान मुझे मिला है। उल्लेखनीय है कि आज देव आनंद की 100वीं बर्थ एनिवर्सरी है। देव साहब को दादा साहब फाल्के अवार्ड साल 2002 में ही मिल गया था। मालूम हो कि वहीदा और देव साहब ने एक साथ कई शानदार फिल्मों में किया था।

इनमें ‘गाइड’, ‘बाजी’, ‘चौदहवीं का चांद’, ‘काला बाजार’ और ‘सी.आई.डी’ जैसी एक से एक सफल फिल्मों के नाम शामिल हैं। वहीदा ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत तेलुगु फिल्म रोजुलु मारायी (1955) से की। उन्होंने प्यासा (1957), गाइड (1965), खामोशी (1969), फागुन (1973), कभी कभी (1976), चांदनी (1989), लम्हे (1991), रंग दे बसंती (2006) जैसी कई बड़ी फिल्मों में काम किया है।