पुलवामा शहीदों के परिवार को दिग्गज संगीतकार ने दिया 5 लाख का योगदान

लम्बे समय से बॉलीवुड संगीत से दूर रह रहे ख्यातनाम संगीतकार खय्याम ने हाल ही में पुलवामा हमले में शहीद हुए सैनिकों के परिवारों को आर्थिक मदद के तौर पर 5 लाख रुपये का योगदान दिया है। पुलवामा हमले के कारण उन्होंने अपना जन्मदिन भी नहीं मनाया है। वह 92 वर्ष की आयु को प्राप्त कर चुके हैं। सोमवार को उनका 92वां वर्षगांठ थी।

बिग उर्दू अवार्डस द्वारा अपने अवास पर सम्मानित किए गए खय्याम ने संवाददाताओं से कहा, ‘पुलवामा में जो कुछ हुआ है, उससे मैं बहुत दुखी महसूस कर रहा हूं, इसलिए मुझे अपना जन्मदिन मनाने का मन नहीं हुआ। हमले में जिन्होंने अपने परिवार के सदस्य को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदना है।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार इन मुद्दों का हल निकालेगी। हमने प्रधानमंत्री राहत कोष में 5,00,000 रुपये दान करने का फैसला किया है और हम शहीदों के परिवारों का समर्थन करने के लिए अपने ट्रस्ट के माध्यम से अधिक धनराशि दान करने का प्रयास कर रहे हैं।’

खय्याम ने बॉलीवुड की कई प्रसिद्ध फिल्मों में अपना संगीत दिया है। ‘कभी कभी’, ‘नाखुदा’, ‘उमराव जान’, ‘त्रिशूल’, ‘नूरी’ और ‘बाजार’ ऐसी फिल्में रही हैं जिनको आज भी इनके संगीत के लिए जाना जाता है। ‘नूरी’ के शीर्षक गीत ने बॉलीवुड को नितिन मुकेश जैसा उम्दा गायक दिया, वहीं खय्याम ने अपने संगीत से सजी ‘बाजार’ में वो संगीत दिया जिसने इस फिल्म को ऑफ बीट फिल्मों से निकालकर कमर्शियल फिल्मों में शुमार करवाया। ‘बाजार’ में उनके संगीत से सजी एक नज्म को लता मंगेशकर बेहद सुरीला आवाज में गाया था। बोले थे —दिखाई दिए यूं . . . .— आज भी दर्शकों के जेहन में इस तरह सुनाई देता है जिसे कल ही इस फिल्म को देखा गया हो। अपने जन्मदिन पर खय्याम ने कहा, ‘मेरे पास उन लोगों का आभार व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं है, जो मेरे जन्मदिन पर शुभकामनाएं देने के लिए मेरे घर आए। मैं भगवान, दर्शकों और फिल्म-उद्योग के उन लोगों का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मेरी यात्रा में मुझे प्यार और समर्थन दिया।’ दिग्गज गायिका लता मंगेशकर ने खय्याम को फोन कर उनके जन्मदिन की बधाई दी। संगीतकार ने कहा कि वह उनका एक मां की तरह सम्मान करते हैं।