
बॉलीवुड के प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक पार्थो घोष का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। इस दुखद खबर की पुष्टि अभिनेत्री ऋतुपर्णा सेनगुप्ता ने सोशल मीडिया पर की, उन्होंने लिखा, शब्दों से परे दुखी हूं। हमने एक शानदार प्रतिभा, दूरदर्शी निर्देशक और एक विनम्र इंसान को खो दिया। पार्थो दा, आप हमेशा हमारी यादों में रहेंगे।
पार्थो घोष 90 के दशक के उन चुनिंदा निर्देशकों में शामिल थे, जिन्होंने सामाजिक यथार्थ को मुख्यधारा की कहानियों से जोड़ा और सशक्त सिनेमा प्रस्तुत किया। उन्होंने अग्नि साक्षी (1996), गुलाम-ए-मुस्तफा (1997), तीसरा कौन? (1994) और युगपुरुष (1998) जैसी फिल्में निर्देशित कीं, जो आज भी दर्शकों की स्मृति में जीवित हैं।
उनकी फिल्म अग्नि साक्षी, जिसमें मनीषा कोइराला, नाना पाटेकर और जैकी श्रॉफ मुख्य भूमिकाओं में थे, घरेलू हिंसा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर आधारित थी और इसने आलोचनात्मक और व्यावसायिक दोनों मोर्चों पर सफलता पाई। वहीं गुलाम-ए-मुस्तफा एक गैंगस्टर की भावनात्मक यात्रा को दर्शाती थी और बाद में कल्ट क्लासिक बन गई।
उनकी निर्देशकीय शैली और कलाकारों से उम्दा अभिनय निकालने की कला के कारण वे 90 के दशक के शीर्ष निर्देशकों में गिने जाते थे। उनके साथ काम करना सितारों और निर्माताओं के लिए भरोसे का प्रतीक था।
बताया जा रहा है कि पार्थो घोष को अंतिम विदाई आज सोमवार को मुंबई के मढ़ आइलैंड में दी जाएगी।
फिल्म जगत के साथ-साथ देशभर के उनके प्रशंसक उनके निधन पर शोक जता रहे हैं। पार्थो घोष ने जो सिनेमा दिया, वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।