अगर नहीं होती ये छोटी सी लापरवाही तो बच सकती थी डॉ. हाथी की जान

टीवी के पॉपुलर शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में अपनी एक्टिंग से सबके दिलों में जगह बनाने वालें कवि कुमार आजाद उर्फ़ डॉ. हाथी आज हमारे बीच नहीं हैं। सोमवार दोपहर उनका कार्डिएक अरेस्ट से निधन हो गया। डॉक्टर ने कहा कि अगर डॉ. हाथी को पहले लाया जाता तो उनकी जान बच सकती थी। आज तेज बारिश के बीच मुंबई में डॉ. हाथी का अंतिम संस्कार किया जाएगा। जिस अस्पताल में उन्हें भर्ती किया गया वहां के हेड रवि हिरावनी ने बताया कि आजाद को करीब दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर हॉस्पिटल लाया गया था। उनकी धड़कनें सुनाई नहीं दे रही थी इसलिए फौरन उन्हें इमर्जेंसी में ले जाया गया और उन्हें सीपीआर देने की कोशिश की गई। उन्होंने बताया, 'कवि कुमार आजाद की ECG बिल्कुल फ्लैट थी और हमने तभी आते ही उन्हें मृत घोषित कर दिया था। कवि कुमार आजाद 37 साल के थे।

कवि कुमार आजाद को पिछले दो तीन दिन से सांस लेने में दिक्कत हो रही थी जिसके इलाज वो पास को किसी लोकल अस्पताल में करा रहे थे। डॉक्टर ने बताया हम उनकी जान बचा सकते थे यदि उन्हें उसी वक्त हॉस्पिटल लाया जाता जब उन्हें सांस की समस्या शुरू हुई थी। बता दें साल 2010 में कवि कुमार आजाद उर्फ डॉ. हाथी ने अपना 80 किलो वजन सर्जरी से कम किया था। पहले वह लगभग 200 किलो के थे। इस सर्जरी के बाद उन्हें रोजाना की जिंदगी में काफी आसानी हो गई थी। डॉ. हाथी बॉलीवुड में भी काम कर चुके हैं। साल 2000 में आई आमिर खान की फिल्म 'मेला' में वो नजर आए थे। इसके अलावा डॉ. हाथी ने परेश रावल के साथ 'फंटूश' जैसी फिल्मों में भी काम किया था। 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' को 10 साल पूरे हो चुके हैं। जुलाई 2008 से शुरू हुआ ये सीरियल टीवी की हिस्ट्री में सबसे लंबा चलने वाला पांचवा शो है। इस शो के अबतक करीब ढाई हजार एपिसोड टेलिकास्ट हो चुके हैं।