ऑडिशन के ल‍िए 12-12 घंटे लाइन में खड़े रहते थे 'भाबीजी जी घर पर..' के हप्पू सिंह, यूं बदली किस्मत

दरोगा हप्‍पू सिंह यानी योगेश त्र‍िपाठी को आज कौन नहीं जानता। 'भाबीजी घर पर हैं' सीरियल से उनकी लोकप्र‍ियता पूरे देश में हो गई। इस सीरियल के जरिए उनकी फैन फॉलोइंग भी काफी बढ़ गई है। अपने अंदाज और भाषा के ल‍िए मशहूर हप्‍पू स‍िंह आज ग्‍लोबल स्‍टार हैं। लेकिन इस मौकाम तक पहुँचने के लिए हप्‍पू सिंह यानी योगेश त्र‍िपाठी को न जाने कितने पापड़ बेलने पड़े। हाल ही में एक न्यूज वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में योगेश ने अपने संघर्ष के बारे में बताया। उन्‍होंने उस दौर के बारे में बताया जब वह एक ऑडिशन के ल‍िए 12-12 घंटे लाइन में लगे रहते थे। कई बार तो लाइन में लगने के बाद ऑडिशन होता भी नहीं था। उन्‍होंने बताया कि उनका कोई गॉडफादर नहीं था। वह इस जगत में किसी को जानते नहीं थे। खुद पर भरोसा था लेकिन एक छोटे से रोल के लिए दो साल तक स्ट्रगल किया। सबसे पहले योगेश को क्लोरमिंट का ऐड मिला। इसी के साथ उन्होंने 67 ऐड में काम किया है।

साल 2007 में आया ये ऐड बहुत हिट हुआ था। इसके बाद योगेश को सीरियल FIR में साइड रोल मिल गया। 6 साल तक चलने वाले FIR में योगेश ने 160 किरदार निभाए और यहीं से उनका काम नोट‍िस होना शुरू हुआ। 2015 में एंड टीवी के शो 'भाबीजी घर पर हैं' में दरोगा हप्पू स‍िंह के रोल के ल‍िए उन्‍हें चुना गया। इस रोल ने मानो उनकी क‍िस्‍मत ही बदल दी।

योगेश की फैमिली की बात करें तो उनके घर में पिता और भाई-बहन सभी फिजिक्स के टीचर हैं। घर में पढ़ाई के अलावा कोई बात नहीं होती। योगेश ने खुद B.Sc गणित से किया है। योगेश बचपन से ही एक्‍टर बनना चाहते थे। योगेश ने अपने घर वालों को बिना बताए एक्टिंग शुरू कर दी थी। जब अखबारों में उनके नाटक के फोटो निकले तब उनके घर वालों को पता चला था। इसके बाद योगेश अपने 4 दोस्तों के साथ मुंबई आ गए।

मुंबई आने के बाद योगेश चार दिन तक रेलवे स्टेशन पर सोए थे। योगेश ने सफलता पाने के बाद साल 2011 में शादी की थी। उनका एक बेटा भी है जिसका नाम दक्ष है। बता दे, सीर‍ियल में हप्‍पू स‍िंह ज‍िस भाषा में बोलते हैं वो बुंदेलखंडी है और इसे वह इतने शानदार तरीके से इसल‍िए बोल लेते हैं क्‍योंक‍ि वह खुद बुंदेलखंड से आते हैं। घुइयां, चिरांद, न्‍यौछावर जैसे शब्‍द उनके मुंह से सुनने में बेहद प्र‍िय लगते हैं।