बॉलीवुड में हर साल कई फिल्में बनती हैं जो बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो जाती हैं, लेकिन कई सालों बाद ओटीटी और सिटकॉम के जरिए उन्हें प्यार मिलता है। कई फिल्मों को अपनी जगह बनाने और क्लासिक बनने में सालों का वक्त लग जाता है। ऐसी ही एक छोटी बजट की फिल्म जिसमें कोई सुपरस्टार नहीं था, बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हुई, लेकिन बाद में इसे कल्ट का दर्जा मिला। इस फिल्म को बनाने के लिए दो दशक से ज्यादा का समय लगा।
फिल्म बनी लेकिन इसे बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा सफलता नहीं मिली। ऐसा भी नहीं है कि यह पूरी तरह से असफल हो गई थी। 5 करोड़ की लागत में बनी इस फिल्म ने अपने प्रदर्शन के बाद 13 करोड़ का कारोबार करने में सफलता प्राप्त की थी। सिनेमाघरों में प्रदर्शन के बाद इसे ओटीटी प्लेटफार्म पर प्रदर्शित किया गया, जहाँ दर्शकों ने इसे अपने सिर माथे पर बैठाया। ओटीटी पर इसे जबरदस्त सफलता मिली और यह फिल्म कल्ट क्लासिक फिल्मों की सूची में शामिल हो गई। यदि आप अभी भी नहीं समझ पाए हैं तो हम आपको बताते हैं यह फिल्म है तुम्बाड जो एक हॉरर फिल्म है। वर्तमान समय में हिन्दी सिनेमा में नई फिल्मों का अकाल है। जिसके चलते पुरानी फिल्मों को फिर से प्रदर्शित किया जा रहा है। आश्चर्यजनक बात यह है कि इस दौर में उन पुरानी फिल्मों को फिर से पेश किया जा रहा है जो अपने समय में असफल मान ली गई थी, लेकिन आज यह फिल्में सिनेमाघरों में अपने लाइफटाइम कारोबार से ज्यादा का कारोबार करके बॉक्स ऑफिस को हैरत में डाल रही हैं। इन्हीं फिल्मों में शामिल है तुम्बाड जिसका जिक्र हमने ऊपर किया है।
तुम्बाड एक छोटे बजट की भारतीय भाषा की लोककथा हॉरर फिल्म है, जिसका निर्देशन राही अनिल बर्वे ने किया है। इस फिल्म का निर्माण सोहम शाह, आनंद एल. राय, मुकेश शाह और अमिता शाह ने किया है। विनायक राव की मुख्य भूमिका में सोहम शाह अभिनीत यह फिल्म महाराष्ट्र के तुम्बाड नामक भारतीय गांव में 20वीं सदी के छिपे हुए खजाने की खोज की कहानी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लेखक-निर्देशक राही अनिल बर्वे ने 'तुम्बाड' का पहला ड्राफ्ट 1997 में लिखा था? इस फिल्म का शीर्षक श्रीपाद नारायण पेंडसे के मराठी उपन्यास तुम्बाडचे खोट से लिया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2009-2010 में राही ने 700 पन्नों का स्टोरीबोर्ड लिखा था।
यह पहली बार 2008 में बननी शुरू हुई थी। फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी को मुख्य भूमिका में लिया गया था। अचानक ही निर्माता फिल्म बनाने से पीछे हट गए और इस कारण फिल्म नहीं बन सकी और शूटिंग बंद हो गई। 'तुम्बाड' आखिरकार 2012 में फ्लोर पर आई। हालांकि संपादन के दौरान अनिल फिल्म से संतुष्ट नहीं थे। इसलिए फिल्म को साल 2015 में फिर से लिखा और शूट किया गया। अनिल बर्वे के अनुसार कई निर्माताओं ने इस परियोजना का समर्थन करने से इनकार कर दिया, 'हिंदी सिनेमा में इस तरह का कुछ भी पहले कभी नहीं किया गया था।' फिल्म को 5 साल और 4 मानसून में शूट किया गया था। इस वजह से फिल्म का बजट सोचे हुए से काफी ज्यादा हो गया और फिर फिल्म के नायक, निर्माता ने फिल्म के लिए अपना घर और कार बेच दी।
आज तक को दिए इंटरव्यू में सोहम ने बताया कि फिल्म को पूरा करने के लिए उन्होंने अपना घर और कार तक बेच दी। 'जब तक फिल्म बनी, मैं आर्थिक रूप से थक चुका था। इन सात सालों में मुझे अपना फ्लैट बेचना पड़ा, फिर कुछ और प्रॉपर्टी बेचनी पड़ी और आखिरकार अपनी कार भी बेचनी पड़ी।' फिर फिल्ममेकर आनंद एल राय ने फिल्म को प्रोड्यूस किया और आखिरकार 2018 में इसे रिलीज किया गया। 5 करोड़ रुपये में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सिर्फ 13 करोड़ रुपये कमाए। हालांकि जब यह ओटीटी पर आई, तो इसने सभी का दिल जीत लिया और हिट हो गई। अब फिल्म को फिर से सिनेमाघरों में रिलीज किया गया है। पिछले कुछ सालों में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप होने के बावजूद इस फिल्म ने कल्ट स्टेटस हासिल कर लिया है।
पुन: प्रदर्शन के दौर में इस फिल्म को बड़े स्तर पर रिलीज किया जा रहा है। इसे न सिर्फ राष्ट्रीय मल्टीप्लेक्स चेन INOX-PVR व सिनेपॉलिस में प्रदर्शित किया गया है बल्कि सिंगल स्क्रीन्स वालों ने इसे अपने यहाँ प्रदर्शित किया है। पिछले दो सप्ताह से ज्यादा समय से इसकी लगातार चर्चा हो रही है, जिसके चलते वर्तमान समय में यह दर्शकों की नजरों में जबरदस्त माँग में है। दर्शक इसे सिनेमाघरों के बड़े स्क्रीन पर देखना चाहते हैं।
आज 13 सितम्बर शुक्रवार को इसे फिर से रिलीज किया गया है। सिनेमाघरों से प्राप्त समाचारों के अनुसार इस फिल्म ने अपने अब तक के दो शो में बेहतरीन कारोबार करने में सफलता प्राप्त की है। उम्मीद की जा रही है कि यह कारोबार शाम व रात के शोज में और बढ़ेगा। कहा जा रहा है कि यह अपने पुन: प्रदर्शन में बॉक्स ऑफिस पर 25 से 30 करोड़ का कारोबार करने में सफल हो जाएगी।