मनोरंजन जगत से एक दुखद खबर सामने आई है। एमटीवी के लोकप्रिय रियलिटी शो ‘स्प्लिट्सविला सीजन 5’ के रनरअप नितिन चौहान का निधन हो गया है। 35 साल के नितिन ने गुरुवार (7 नवंबर) शाम अंतिम सांस ली। चार दिन बाद उनका जन्मदिन था। नितिन की को-स्टार विभूति ठाकुर ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में दावा किया है कि उन्होंने आत्महत्या की है। विभूति ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर फोटो शेयर करते हुए लिखा, “आपकी आत्मा को शांति मिले, मैं बहुत शॉक में हूं और मुझे बहुत दुख भी है, काश आपके पास इस मुश्किल समय का सामना करने की ताकत होती, काश आपकी बॉडी की तरह आप मेंटली स्ट्रांग होते।”
हालांकि नितिन की आत्महत्या को लेकर उनके परिवार या पुलिस की तरफ से आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। फिलहाल नितिन के माता-पिता मुंबई में हैं और वे बेटे का शरीर अलीगढ़ लेकर जाएंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लंबे समय से नितिन काम को लेकर स्ट्रगल कर रहे थे।
वे बिंदास चैनल पर ऑन एयर हुए रियलिटी शो ‘दादागिरी’ सीजन 2 के विजेता थे। इसके बाद उन्होंने डीडी नेशनल पर ‘जिंदगी डॉट कॉम नाम’ के सीरियल में काम किया था। साल 2012 के ‘स्प्लिट्सविला’ में शामिल होने के बाद नितिन को लोकप्रियता मिली। इसमें अली गोनी और पारस छाबड़ा भी थे। नितिन ने ‘गुमराह’, ‘क्राइम पेट्रोल’, ‘फ्रेंड्स कंडीशन एप्लाई’, ‘सावधान इंडिया’ जैसे कई शो में काम किया। साल 2021 में सोनी सब टीवी पर ‘तेरा यार हूं मैं’ नितिन का आखिरी सीरियल था।
‘वेदा’ के डायरेक्टर निखिल आडवाणी को फिल्म के नहीं चलने का अफसोसनिखिल आडवाणी के डायरेक्शन में बनी फिल्म इस साल आई थी। इसमें जॉन अब्राहम, शरवरी वाघ और अभिषेक बनर्जी मुख्य भूमिका में थे। फिल्म सुर्खियों में तो खूब रही लेकिन यह बॉक्स ऑफिस पर उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई। इसका मुख्य कारण यह था कि फिल्म का क्लैश ‘स्त्री 2’ के साथ हुआ था। उसी दिन अक्षय कुमार की फिल्म ‘खेल खेल में’ भी रिलीज हुई थी। निखिल ने हाल ही में फिल्म के फ्लॉप होने पर बात की।
निखिल ने कहा कि 'वेदा' 15 अगस्त को ‘स्त्री 2’ के साथ रिलीज हुई और इसने हमें प्रभावित किया। इसने हमें झकझोर कर रख दिया। चार दिन बाद, किसी ने पूछा, 'मैं 'वेदा' के बारे में क्या बदल सकता था? मैंने कहा, 'मैं बस यह बदल सकता था कि 'स्त्री 2' एक अच्छी फिल्म नहीं थी। मुझे लगता है कि मैंने एक अच्छी फिल्म बनाई है, मेरा काम उस कहानी को बताना है जो लोगों ने मुझे बताई है, जितना संभव हो सके। हमने बहुत अच्छी फिल्म बनाई है।
इसमें कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें देखकर आंखें खुली की खुली रह जाती हैं। लोग कह रहे हैं कि दूसरे भाग में एक्शन है, नहीं तो यह दलित अत्याचार और अधिकारों के बारे में एक स्वतंत्र फिल्म होती। 'स्त्री 2' आई और यह अविश्वसनीय थी। जब निखिल से पूछा गया कि क्या उन्हें इस क्लैश का अफसोस है तो उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि बहुत से लोगों ने इस पर कड़ी मेहनत की। मुझे उनके लिए उतना बुरा लगता है, मेरे लिए उतना नहीं। जॉन की फिल्में ‘बाटला हाउस’ और ‘डी डे’ भी अच्छी थीं लेकिन लोग उन्हें देखने के लिए सिनेमाघरों में नहीं गए।