रहमान के सम्मान में रखा गया कनाडा की एक स्ट्रीट का नाम, जानें इनसे जुड़े कुछ ऐसे ही और रोचक तथ्य

भारत एक ऐसा देश है जहाँ संगीतप्रेमियों की कमी नहीं हैं। जब बात संगीत की होती है तो सभी के जहाँ में एक नाम तो जरूर आता हैं और वह नाम है ए. आर. रहमान (अल्लाह रक्खा रहमान)। जी हाँ, एक बेहतरीन संगीतकार के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले ए. आर. रहमान ने देश ही नहीं बल्कि दुनिया में अपना नाम बनाया हैं। आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनके जीवन से जुड़े रोचक तथ्य बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते है इन रोचक तथ्यों के बारे में।

* इनका जन्म 6 जनवरी 1967 को चेन्नई, तमिलनाडु, भारत में हुआ। जन्म के समय उनका नाम ए. एस. दिलीप कुमार था। रहमान को संगीत अपने पिता से विरासत में मिली है। उनके पिता आर के शेखर मलयाली फिल्मों में संगीत देते थे।

* रहमान जब 9 साल के थें, तब उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। पिता की मृत्यु के बाद उनके घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई थी। पैसों के लिए घरवालों को म्यूजिकल उपकरण तक बेचने पड़े थे।

* मात्र 11 साल की उम्र में अपने बचपन के मित्र शिवमणि के साथ रहमान बैंड रूट्स के लिए की-बोर्ड (सिंथेसाइजर) बजाने का काम शुरू किया। बैंड ग्रुप में काम करते हुए ही उन्हें लंदन के ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ म्यूजिक से स्कॉलरशिप भी मिली, जहां से उन्होंने पश्चिमी शास्त्रीय संगीत में डिग्री हासिल की।

* ए।आर। रहमान को एक रिकॉर्ड प्लेयर ऑपरेट करने के एवज में पहली सैलरी के रूप में इन्हें 50 रुपये मिले थे।

* इनके नाम बदलने को लेकर कई बातें कही जाती है जैसे कि एक बार रहमान की छोटी बहन के बीमार पड़ने पर इन्होंने मस्जिदों में दुआयें मांगी और बहन चमत्कारिक रूप से स्वस्थ हो गई, इस चमत्कार को देख रहमान ने इस्लाम कबूल कर लिया।

* दूसरी बात कही जाती है कि इन्हें ज्योतिषियों ने नाम बदलने की सलाह दी थी। एक और बात कही जाती है कि पिता की मौत के बाद कट्टरपंथियों ने इन्हें परेशान करना शुरु कर दिया था। जिसकी वजह से ऐसा हुआ।

* स्कूल में कम अटेंडेंस होने के चलते एआर रहमान को 15 साल की उम्र में ही स्कूल से निकाल दिया गया था। एआर रहमान कंप्यूटर इंजीनियर बनना चाहते थें, लेकिन म्यूजिक के प्रति अधिक लगाव की वजह से वे उस क्षेत्र कदम नहीं रख पाये।

* रहमान रात के वक्त कंपोजिंग करना पसंद करते हैं ताकि कोई फोन कॉल्स उन्हें डिस्टर्ब न कर सके। बचपन में एक बार रहमान दूरदर्शन के 'वंडर बलून' कार्यक्रम में नजर आए थे और एक साथ चार की बोर्ड प्ले कर सकने वाले बच्चे के रूप में लोकप्रिय हो गए थे।

* नवंबर 2013 में कनाडा के ओंटारियो में रहमान के सम्मान में एक स्ट्रीट का नाम उनके नाम पर रखा गया। एक ही सीजन में दो ऑस्कर पाने वाले वो पहले एशियन हैं।

* लगभग सभी लोग यही जानते हैं कि ए आर रहमान की पहली फिल्म ‘रोजा’ थी, लेकिन ऐसा नहीं है। उनकी पहली फिल्म मलयालम भाषा में थी, जिसका नाम ‘योद्धा’ है।