टीवी की मशहूर अभिनेत्री श्वेता तिवारी, जिन्हें 'कसौटी जिंदगी की' से खास पहचान मिली, ने हाल ही में सिंगल मदर के रूप में अपनी बेटी पलक तिवारी और बेटे रेयांश के पालन-पोषण के बारे में कई खुलासे किए। श्वेता ने बताया कि उन्होंने बचपन से ही पलक को अनुशासन, पैसों की अहमियत और सुरक्षा की समझ सिखाई। उन्होंने यह भी बताया कि घर लौटने का वक्त वे खुद तय करती हैं और अपनी बेटी की सुरक्षा के लिए उनके मोबाइल को भी ट्रैक करती रहती हैं।
पलक की पॉकेट मनी के लिए घर के कामों का हिसाब-किताबश्वेता ने एक अनोखा तरीका अपनाया था जिससे पलक को पैसे की कीमत समझ में आ सके। उन्होंने बताया कि पलक को हर महीने एक निश्चित बजट मिलता था, जो 25,000 रुपये था। अगर पलक इससे ज्यादा खर्च करती थी, तो उसे घर के काम करके अतिरिक्त खर्च की पूर्ति करनी पड़ती थी। उदाहरण के तौर पर, बाथरूम साफ करने पर पलक को 1000 रुपये, बिस्तर साफ करने पर 500 रुपये और बर्तन धोने पर 1000 रुपये मिलते थे। कई बार पलक ज्यादा पॉकेट मनी पाने के लिए घर के अतिरिक्त काम भी करती थीं।
श्वेता का बेटी की सुरक्षा को लेकर सतर्क रवैयाभारती सिंह के यूट्यूब चैनल पर दिए इंटरव्यू में श्वेता ने बताया कि वे सख्त नहीं थीं, लेकिन उनके घर कुछ नियम-कायदे जरूर होते थे। उन्होंने कहा, अगर मैंने कहा कि 1 बजे तक वापस आना है, तो उस समय दरवाज़े पर होना ज़रूरी था। श्वेता ने यह भी बताया कि बेटी की सुरक्षा को लेकर वे उसके दोस्तों और उनकी माताओं के संपर्क विवरण भी रखती थीं। उनका मानना था कि एक लड़की होने के नाते उन्हें हमेशा सतर्क रहना पड़ता है क्योंकि समाज में कभी भी कुछ अनहोनी हो सकती है।
मां-बेटी के बीच मजबूत बंधन और जिम्मेदारी44 वर्षीय श्वेता तिवारी ने अपने बच्चों की पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को लेकर कई बार खुलकर बातचीत की है। उनका मानना है कि बचपन से ही बच्चों को पैसे की कीमत और जीवन में अनुशासन सिखाना बेहद जरूरी है। पलक के लिए वह ना केवल मां हैं, बल्कि उनकी सुरक्षा और जिम्मेदारी का पूरा ध्यान भी रखती हैं।