सैफ ने ‘आदिपुरुष’ की विफलता पर तोड़ी चुप्पी, स्टारकिड्स व नेपोटिज्म पर बोले, हम बच्चे जरूर पैदा करते हैं...

एक्टर सैफ अली खान बॉलीवुड में 30 साल से भी ज्यादा समय से एक्टिव हैं। उनके इतने लंबे करिअर में फैंस को कई शानदार फिल्में देखने को मिली हैं। सैफ हर प्रकार के रोल को शिद्दत से निभाते हैं। हालांकि पिछले साल आई सैफ की फिल्म ‘आदिपुरुष’ बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से फ्लॉप हो गई थी। इसमें सैफ ने ‘रावण’ की भूमिका निभाई थी। उन्हें खराब कॉस्टयूम को लेकर काफी ट्रोल किया गया था।

साथ ही फिल्म के डायरेक्टर ओम राउत, एक्टर प्रभास व एक्ट्रेस कृति सेनन भी आलोचना के शिकार हुए। इसके वीएफएक्स और डायलॉग्स को भी घटिया करार दिया गया। अब फिल्म कंपेनियन संग इंटरव्यू में सैफ ने ‘आदिपुरुष’ की विफलता के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि रियलिस्टिक होना अच्छा है और मैंने वास्तव में खुद को एक स्टार के रूप में कभी नहीं सोचा है और मैं ऐसा करना भी नहीं चाहता।

मुझे एक स्टार बनना पसंद है, लेकिन मैं भ्रमित नहीं होना चाहता। मेरा माता-पिता बड़े सितारे हैं, लेकिन बहुत रियलिस्टिक और जमीन से जुड़े हैं। जीवन में वास्तविकता के बारे में बहुत कुछ है, मेरा ध्यान हमेशा उसी पर रहा है...विचार असफल होने से डरने का नहीं है। लोग कहते हैं कि वह एक साहसी विकल्प था...उदाहरण के लिए, ‘आदिपुरुष’ के बारे में बात करते हैं।

लोग जोखिमों के बारे में बात करते हैं, लेकिन यदि आप मुंह के बल गिरते हैं, तो इससे कुछ सीखने को ही मिलता है। असफलताओं से आगे बढ़ा जा सकता है। उल्लेखनीय है कि ‘आदिपुरुष’ का बजट 600 करोड़ रुपए था और यह 16 जून को रिलीज हुई थी। रिलीज के पहले दिन इस फिल्म को बम्पर ओपनिंग तो मिली, लेकिन बाद में यह अपनी लागत का आधा भी वसूलने में कामयाब नहीं हुई।

सैफ अली खान ने ‘द आर्चीज’ फिल्म का उदाहरण देकर समझाई बात

करीना कपूर और सैफ अली खान ने नेपोटिज्म और स्टारकिड्स जैसे मुद्दे पर खुलकर बात की। इंटरव्यू में करीना ने कहा कि आपके पास कोई सरनेम हो सकता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप में टैलेंट भी है या आप कामयाब भी होंगे। ये फैसला तो दर्शक करते हैं। स्टार किड्स को फिल्मों में आसानी से शुरुआत आसानी से मिलने के सवाल पर सैफ ने कहा कि लोग स्टारकिड्स में इतना इंटरेस्ट लेते हैं, ‘द आर्चीज’ के एक्टर्स को उदाहरण के तौर पर देखिए। लोग इस बारे में कितनी बात कर रहे थे।

अगर कल कोई उनमें से किसी के साथ फिल्म बनाना चाहता है, तो इसमें कोई रॉकेट साइंस नहीं है, कोई बिल्कुल बनाना चाहेगा। आपको तय करना पड़ेगा कि ये अटेंशन क्यों मिल रही है और कहां से मिल रही है। मेरा बेटा तैमूर ताइक्वान्डो कर रहा था, लोग उसकी फोटो ले रहे थे, इंटरनेट पर उसकी रील्स हैं। हमें ऐसा अटेंशन नहीं चाहिए। हम स्टारकिड नहीं बनाते। हम बच्चे पैदा जरूर करते हैं, लेकिन प्रेस, फोटोग्राफर्स और फिर जनता इन्हें ‘स्टारकिड’ बनाते हैं। जनता शायद बड़ी मासूमियत से बस एक स्टारकिड को देखना चाहती है।