ऑस्कर उम्मीद की किरण बना ‘पैडमैन’, पुरस्कारों से बाहर हुई ‘विलेज रॉकस्टार

आगामी वर्ष 24 फरवरी को लांस एंजिलिस के डॉल्बी थियेटर में आयोजित होने वाले सिनेमा के क्षेत्र में विश्व के सर्वाधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार ऑस्कर अवॉड्र्स में एक बार फिर से भारत को मात खानी पड़ी है। भारत की ओर इन पुरस्कारों के लिए आधिकारिक तौर पर भेजी गई असम की पृष्ठभूमि पर आधारित निर्देशिका रीमा दास की फिल्म ‘विलेज रॉक स्टार (Village Rockstar)’ बेस्ट फॉरेन फिल्म कैटेगरी की दौड़ से बाहर हो गई है। अब भारत की उम्मीद डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘पीरियड एंड ऑफ सेंटेंस (Period End of Sentence)’ पर टिकी हैं जो अभी ‘डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट सब्जेक्ट कैटेगरी’ में नॉमिनेटेड है। गौरतलब है कि इस फिल्म में रियल पैडमैन अरुणाचलम मुरुगनाथम के सस्ते पैड बनाने की मशीन बनाने की खोज के बारे में भी बताया गया है।

इस वर्ष भारतीय सिनेमा में अरुणाचलम मुरुगनाथम की जिन्दगी को अक्षय कुमार ने ‘पैडमैन’ के रूप में इनकी जिन्दगी को परदे पर उतारा था। लीक से हटकर बनी इस फिल्म को दर्शकों ने काफी सराहा था। बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म ने 80 करोड़ से ज्यादा का कारोबार करने में सफलता प्राप्त की थी।

अवॉर्ड विनर फिल्म मेकर रायका जेहताबची के निर्देशन में बनी इस शॉर्ट फिल्म को गुनीत मोंगा के ‘सिखिया एंटरटेनमेंट’ ने निर्मित किया है। हाल ही में मीडिया को दिए अपने एक बयान में मोंगा ने कहा कि वह फिल्म को मिल रही शौहरत से खुश हैं और वह चाहती हैं कि फिल्म कम से कम टॉप-5 में जगह बनाए।

91वें अकादमी पुरस्कारों में इस कैटेगरी में चुनी गई 87 फिल्मों में से नौ फिल्में ही आगे बढ़ पाईं। डायरेक्टर रीमा दास की असम की पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म ‘विलेज रॉक स्टार’ गांव के बच्चों के एक ग्रुप के इर्दगिर्द घूमती है जो एक रॉकबैंड बनाना चाहते हैं।

फिल्म के ऑस्कर की रेस से बाहर होने पर रीमा ने इंस्टाग्राम पर लिखा, यह सफर भले ही खत्म हो चुका हो लेकिन वह इस ‘‘अद्भुत सफर’’ को कभी नहीं भूलेंगी। उन्होंने लिखा, ‘‘ऑस्कर की तरफ मेरा सफर भले ही खत्म हो गया हो लेकिन यह अद्भुत सफर था, आशा और आकांक्षाओं से भरा। इस सफर के हर कदम पर साथ होने के लिए शुक्रिया। हम सपने देखने के अपने विश्वास को बनाए रखेंगे।’’