
बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद (नेपोटिज्म) पर लंबे समय से बहस चल रही है। कहा जाता है कि जो कोई फिल्म इंडस्ट्री में है वो अपनों को ही सेट करने में लगा रहता है। उसके दम पर घर के दूसरे लोगों को भी आसानी से मौका मिल जाता है और वह पैर जमा लेता है। इसके अलावा प्रोड्यूसर-डायरेक्टर भी सेलेब किड्स को प्राथमिकता देते हैं। करण जौहर तो इस कारण हमेशा ही सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर रहते हैं। आए दिन कोई न कोई सेलेब्रिटी इस मुद्दे पर बोलते रहते हैं। अब कई सालों से फिल्मी दुनिया में छाए एक्टर राजपाल यादव (54) ने भी इस बारे में अपनी राय रखी है।
राजपाल ने एएनआई के साथ बातचीत में कहा कि बॉलीवुड में शुरुआती ब्रेक कनेक्शन के कारण मिलना संभव हो सकता है, लेकिन सफलता अंतर्निहित प्रतिभा और दर्शकों की प्रतिक्रिया पर निर्भर करती है। भाई-भतीजावाद जैसी कोई चीज नहीं है। मैं बहुत ईमानदारी से बोलना चाहता हूं। अगर भाई-भतीजावाद होता, तो शाहरुख खान साहब कैसे होते, राजपाल यादव कैसे होते, परेश रावल कैसे होते, अनुपम खेर साहब कैसे होते, अक्षय कुमार साहब कैसे होते, जॉनी लीवर साहब कैसे होते, संजीव कुमार साहब कैसे होते, राजेश खन्ना साहब कैसे होते, धर्मेंद्र साहब कैसे होते?
मेरे परिवार में किसी ने मुझे बॉलीवुड या थिएटर जॉइन करने के लिए नहीं कहा..मेरे खुद के मन में आया और मैंने अपने बच्चों से भी कहा...कि कोई भी खेल में और सिनेमा में कोई किसी का जीवन नहीं बना सकता...तो उसमें आपके अंदर का जो बैठा हुआ एक सच्चा और अच्छा इंसान है अगर वो आपको बोलता है यू आर केपेबल टू डू दिस तो फिर आप करो नहीं तो मैं धक्का दे सकता हूं पर धक्के के बाद जो पटखनी खाओगे उसको मैं भी नहीं बचा सकता।
राजपाल ने कहा, मैं 38 साल से अभिनय कर रहा हूं और मेरे कम से कम 200 रिश्तेदार हैं…राजपाल ने आगे कहा कि शुरुआत में माता-पिता की वजह से मौका मिलना संभव है, लेकिन यह सफलता की गारंटी नहीं है। अगर आप खिलाड़ी हैं तो आपके बच्चे को खेलने का मौका मिलेगा..इसी तरह अगर कोई व्यक्ति 30 साल से फिल्म या टेलीविजन कर रहा है, तो उसका बच्चा...उसे पता होगा कि मेरे पिता क्या करते हैं। तो वो फिल्ममेकिंग सीखेगा लेकिन वो चलेगा कि नहीं चलेगा, कर पाएगा कि नहीं कर पाएगा, वो ऊर्जा है या नहीं है, वो डिसाइड करता है या तो ऊपरवाला या ऑडियंस… भाई-भतीजावाद नहीं है। मैं 38 साल से अभिनय कर रहा हूं। और मेरे कम से कम 200 रिश्तेदार हैं।
मैं तो एक को भी नहीं करवा पाया..देखिए ब्लेसिंग्स अपनी अपनी..मेहनत अपनी है। और अंत में यह दर्शक हैं जो तय करते हैं। राजपाल को पहली बार रामगोपाल वर्मा की साल 2000 में आई मूवी 'जंगल' में नोटिस किया गया था। उन्होंने पार्टनर', 'गरम मसाला', 'हंगामा', 'एक और एक ग्यारह', 'मुझसे शादी करोगी', 'भूल भुलैया' और 'भागम भाग' सहित कई हिट और लोकप्रिय फिल्मों में अपनी अदाकारी के जलवे बिखेरे हैं। राजपाल मुख्य रूप से कॉमेडियन की भूमिकाओं से लोगों का मनोरंजन करते हैं।